सोलर पैनल की तकनीक को लगातार ही विकसित किया जा रहा है, ऐसे में अब हाइड्रोजन सोलर पैनल (Hydrogen Solar Panel) जल्द ही लांच होने वाले हैं। इस प्रकार के पैनल धूप के साथ हवा से भी बिजली बना सकते हैं। इन सोलर पैनल का प्रयोग कर के अन्य सोलर पैनल की तुलना में ज्यादा बिजली यूजर प्राप्त कर सकेंगे।
हाइड्रोजन सोलर पैनल: सौर ऊर्जा में क्रांति
हाइड्रोजन सोलर पैनल द्वारा दिन के समय में धूप से बिजली जनरेट की जाती है, और रात के समय में ये हवा में उपलब्ध नमी से बिजली का उत्पादन करते हैं। विदेशों में इस प्रकार के पैनल का प्रयोग किया जाने लगा है, भारत में भी अब ऐसे पैनल का निर्माण किया जा रहा है। इन पैनल से बिजली को लंबे समय तक स्टोर कर सकते हैं और बिजली के खर्चे को आसानी से कम कर सकते हैं।
हाइड्रोजन सोलर पैनल कैसे बनाते हैं बिजली?
- हाइड्रोजन सोलर पैनल फोटो-कैटलिटिक वाटर स्प्लिटिंग प्रोसेस के माध्यम से बिजली बनाते हैं।
- इस प्रक्रिया में हवा में पाई जाने वाली नमी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग किया जाता है।
- इस पैनल के बेस में लगे ट्यूबों में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को कैप्चर किया जाता है।
- जब इन पैनल पर धूप पड़ती है, तो कैटलिटिक कंवर्जन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, और हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन विभाजित हो जाते हैं।
हाइड्रोजन सोलर पैनल की उपयोगिता
इस प्रकार के सोलर पैनल से बिजली के साथ ही हाइड्रोजन को भी प्राप्त किया जा सकता है। हाइड्रोजन का प्रयोग वाहनों को चलाने में किया जा सकता है। जापान की कंपनियां हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर काम कर रही है। इस प्रकार के पैनल से पर्यावरण को भी सुरक्षित किया जा सकता है। इस पैनल के माध्यम से 24 घंटे ही बिजली जनरेट की जा सकती है, ऐसे में यूजर की बिजली की सभी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है।