
भारतीय रेलवे-Indian Railways ने Renewable Energy की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए देशभर के हजारों रेलवे स्टेशनों को सौर ऊर्जा-Solar Energy से लैस कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित रेलवे स्टेशन कौन सा है? यह न तो नई दिल्ली-New Delhi है, न ही मुंबई-Mumbai और न ही हावड़ा-Howrah। इस उपलब्धि का श्रेय जाता है एक अपेक्षाकृत कम चर्चित लेकिन तकनीकी दृष्टि से अग्रणी स्टेशन को, जिसने सौर ऊर्जा को अपनाकर पूरे देश के लिए मिसाल कायम की है।
भारतीय रेलवे का बढ़ता सोलर इन्फ्रास्ट्रक्चर
फरवरी 2025 तक, भारतीय रेलवे ने कुल 2249 रेलवे स्टेशनों और सेवा भवनों में लगभग 209 मेगावाट (MW) की क्षमता वाले सोलर प्लांट्स स्थापित किए हैं। यह पहल रेलवे के विशाल बिजली खपत को हरित ऊर्जा से पूरा करने की दिशा में उठाया गया अहम कदम है। रेलवे का उद्देश्य है कि वह अपनी अधिकतम ऊर्जा आवश्यकताओं को सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा जैसे रिन्यूएबल सोर्सेज के जरिए पूरा करे।
2030 तक 20 GW सोलर क्षमता का लक्ष्य
रेलवे मंत्रालय-Ministry of Railways ने ऐलान किया है कि 2030 तक भारतीय रेलवे अपनी खाली पड़ी जमीन का उपयोग करते हुए 20 गीगावाट (GW) की सौर क्षमता स्थापित करेगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अब तक वाराणसी, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, जयपुर, सिकंदराबाद, कोलकाता, गुवाहाटी, हैदराबाद और हावड़ा जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों को सोलर पैनल से सज्जित किया गया है।
भारत का पहला पूर्ण सौर ऊर्जा चालित स्टेशन: गुवाहाटी या असनगांव?
बहुत से लोगों को यह जानकारी नहीं है कि असनगांव रेलवे स्टेशन-Asangaon Railway Station, जो कि सेंट्रल रेलवे के अंतर्गत मुंबई डिवीजन में आता है, मार्च 2018 में 100% ग्रीन पावर्ड स्टेशन घोषित हुआ था। यहां बिजली की आपूर्ति सौर पैनलों और विंडमिल से होती है। लेकिन जब बात पहले पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित रेलवे स्टेशन की आती है, तो जवाब है: गुवाहाटी रेलवे स्टेशन-Guwahati Railway Station।
मई 2018 में नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) के गुवाहाटी स्टेशन को 100% सौर ऊर्जा से चलने वाला भारत का पहला रेलवे स्टेशन घोषित किया गया था। यह उपलब्धि सिर्फ पूर्वोत्तर भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय बनी।
पॉवर परचेज एग्रीमेंट के जरिए हो रहा सोलर इंस्टालेशन
भारतीय रेलवे द्वारा अधिकतर सोलर पावर प्लांट्स को डेवलपर मोड में पॉवर परचेज एग्रीमेंट (PPA) के तहत स्थापित किया जा रहा है। इसके तहत निजी डेवलपर सोलर प्लांट्स लगाते हैं और रेलवे को तय कीमत पर बिजली की आपूर्ति करते हैं। यह मॉडल रेलवे के लिए लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल समाधान के रूप में सामने आया है।
नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य
भारतीय रेलवे का उद्देश्य है कि वह भविष्य में पूरी तरह ‘Net Zero Carbon Emission Railway’ बने। इसके लिए Renewable Energy जैसे विकल्पों को तेजी से अपनाया जा रहा है। सौर ऊर्जा का उपयोग इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल बिजली की लागत को कम करेगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी न्यूनतम स्तर तक लाएगा।
एशिया का सबसे बड़ा पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क
भारतीय रेलवे न केवल देश का बल्कि एशिया का सबसे बड़ा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम है। यह करीब 68,584 किलोमीटर लंबे रूट नेटवर्क पर फैला हुआ है और प्रतिदिन लगभग 2.3 करोड़ यात्रियों को यात्रा सुविधा प्रदान करता है। साथ ही यह हर साल 1,160 मिलियन टन माल का परिवहन करता है, जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी मालवाहक परिवहन प्रणाली बनाता है।