Solar Model Village के क्षेत्र में भारत ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के इंदौरा उपमंडल में स्थित ‘राजा खास’ गांव को राज्य का पहला सौर आदर्श गांव (Solar Model Village) घोषित किया गया है। यह उपलब्धि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (PM Suryaghar Free Electricity Scheme) के तहत हासिल की गई है।

राजा खास गांव को यह मान्यता न सिर्फ इसकी तकनीकी उपलब्धि के लिए मिली, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक बन गया है कि कैसे रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को अपनाकर ग्रामीण भारत आत्मनिर्भर और सतत विकास की दिशा में बढ़ सकता है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने मंगलवार को इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह गांव हिमाचल प्रदेश के लिए एक आदर्श उदाहरण बन गया है।
43 गांवों की प्रतिस्पर्धा में ‘राजा खास’ नंबर वन
इस ऐतिहासिक पहचान के पीछे एक सुनियोजित प्रतियोगिता रही, जो प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत जिले के 43 चुने गए गांवों के बीच आयोजित की गई थी। छह महीने चली इस प्रतियोगिता में इन गांवों को सौर ऊर्जा स्थापना के प्रदर्शन के आधार पर परखा गया।
राजा खास गांव ने बाकी 42 गांवों को पछाड़ते हुए पहले स्थान पर जगह बनाई। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य था कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीन एनर्जी-Green Energy के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए और व्यवहारिक रूप से इन स्रोतों को अपनाया जाए।
1 करोड़ रुपये का सरकारी अनुदान मिलेगा गांव को
राजा खास की इस सफलता को सराहते हुए सरकार ने इसे प्रोत्साहित करने के लिए 1 करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि इस फंड का उपयोग गांव में सौर ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, नए उपकरण लगाने और गांव के हर घर तक सौर ऊर्जा पहुंचाने में किया जाएगा।
यह अनुदान न केवल इस गांव के लिए लाभदायक होगा, बल्कि यह अन्य गांवों को भी प्रेरित करेगा कि वे सस्टेनेबल एनर्जी-Sustainable Energy के क्षेत्र में कदम आगे बढ़ाएं।
पूरा गांव होगा 100% सोलर एनर्जी संचालित
‘राजा खास’ गांव को पूर्ण रूप से सौर ऊर्जा से संचालित करने की योजना तैयार की जा चुकी है। इसके लिए एक विशेष सौर ग्राम कार्यान्वयन एजेंसी को नामित किया गया है, जो गांव के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करेगी।
इस रिपोर्ट के आधार पर गांव में सौर पैनल, बैटरियां, इन्वर्टर और अन्य आवश्यक उपकरणों की स्थापना की जाएगी। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि गांव के सभी घर, स्कूल, सामुदायिक भवन और सार्वजनिक लाइटें पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित हों।
योजना के क्रियान्वयन और निगरानी की जिम्मेदार एजेंसियां
इस योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड को दी गई है। यह एजेंसी सभी तकनीकी पक्षों को संभालेगी और सोलर सिस्टम की स्थापना सुनिश्चित करेगी।
इसके अतिरिक्त, योजना की प्रगति की नियमित निगरानी और मूल्यांकन के लिए हिमाचल प्रदेश ऊर्जा विकास एजेंसी (हिमऊर्जा) को नोडल एजेंसी बनाया गया है। डीएलसीसी (DLCC) के सदस्य सचिव रमेश ठाकुर ने बताया कि यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित की जाएगी, जिससे अन्य गांवों के लिए यह एक रोल मॉडल बन सके।
ग्रीन एनर्जी से आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
राजा खास की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारत में गांव भी तकनीकी क्रांति का हिस्सा बन सकते हैं। Solar Energy जैसे स्वच्छ और अक्षय स्रोत न केवल पर्यावरण की रक्षा करते हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मज़बूत करते हैं।
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इस पहल के माध्यम से गांव के लोगों को बिजली के खर्च से मुक्ति मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। साथ ही, यह कदम भारत के Net Zero Emissions लक्ष्य की दिशा में एक प्रभावशाली प्रयास भी माना जा रहा है।
भविष्य के लिए प्रेरणादायक मॉडल
राजा खास अब एक Inspirational Solar Model के रूप में उभर चुका है। यह केवल एक गांव नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जो देश के अन्य हिस्सों को भी सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
अगर इस तरह के मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जाए तो भारत न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने में भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है।