टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (TPREL) ने हाल ही में देश की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना, मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में 126 मेगावाट की स्थापना की है। इस परियोजना से भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है और टाटा पावर के शेयर मूल्य में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह प्रोजेक्ट न केवल पर्यावरण के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि कंपनी के लिए वित्तीय दृष्टिकोण से भी एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
टाटा पावर को मिला ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत ₹596 करोड़ है, और यह दुनिया के सबसे बड़े फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म पर स्थापित किया गया है। 2,13,460 सोलर मॉड्यूल के साथ यह प्रोजेक्ट 260 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस परियोजना से सालाना 2,04,580 MWh बिजली उत्पादन की उम्मीद है, जिससे CO₂ उत्सर्जन में 1,73,893 टन की कमी आएगी। यह भारत के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी है।
टाटा पावर के शेयर में वृद्धि
14 नवंबर 2024 को, टाटा पावर लिमिटेड के शेयर की कीमत ₹399.35 प्रति शेयर पर पहुँच गई, जो पिछले बंद भाव ₹404.75 से 1.35% अधिक है। इसका मतलब यह है कि कंपनी के शेयरों में सकारात्मक गति देखी जा रही है, जो नए आर्डर और प्रोजेक्ट्स की सफलता से जुड़ी है। इसके साथ ही, कंपनी का बाजार पूंजीकरण अब ₹1,29,331 करोड़ तक पहुंच गया है, जो यह दर्शाता है कि निवेशकों में टाटा पावर के भविष्य को लेकर उत्साह है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति
टाटा पावर के हालिया वित्तीय आंकड़े भी उत्साहजनक रहे हैं। सितंबर 2024 में समाप्त तिमाही के लिए, कंपनी का समेकित राजस्व ₹15,698 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में मामूली 0.2% की कमी दर्शाता है। हालांकि, कंपनी के शुद्ध लाभ में साल दर साल 7.4% की वृद्धि देखी गई है, जो ₹1,017 करोड़ से बढ़कर ₹1,093 करोड़ हो गया है। इसके बावजूद, यह Q1 FY25 में ₹1,189 करोड़ से 8.07% कम है।
बाजार की प्रतिक्रिया और सरकारी योजनाएँ
2023 में वैश्विक बिजली क्षेत्र अक्षय ऊर्जा और स्थिरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। फ्रांस, इंडोनेशिया और कोलंबिया जैसे देशों में कोयला संयंत्रों को बंद किया जा रहा है और EV बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में भी, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) जैसे प्रौद्योगिकियों को महत्वपूर्ण सरकारी समर्थन मिल रहा है, जो टाटा पावर को भविष्य के विकास के लिए अनुकूल स्थिति में ला रहे हैं।
नवंबर 2024 तक, टाटा पावर के शेयरहोल्डिंग पैटर्न में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 46.8% है, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 9.15% और सार्वजनिक शेयरधारकों की हिस्सेदारी 27.02% है। यह निवेशकों का विश्वास दिखाता है कि कंपनी न केवल वर्तमान में मजबूत है, बल्कि भविष्य में भी अपने विकास को तेज करने के लिए तैयार है।
टाटा पावर की जानकारी
टाटा पावर कंपनी लिमिटेड एक प्रमुख भारतीय ऊर्जा कंपनी है, जो 14,700 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता रखती है। यह कंपनी मुंबई, दिल्ली, और ओडिशा जैसे प्रमुख शहरों में 1.2 करोड़ से अधिक ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति करती है। कंपनी ने 2029 तक अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को 20 गीगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश भी शामिल है।
यह कंपनी भारत में स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा समाधान की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रही है, और इसके बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट्स जैसे ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट इस बात को साबित करते हैं कि यह अपनी योजनाओं को साकार करने में सक्षम है।