सोलर एनर्जी का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है, सोलर एनर्जी से बिजली जनरेट करने के लिए ही सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। सोलर पैनल पर्यावरण के अनुकूल ही बिजली का उत्पादन करते हैं, ऐसे में सोलर पैनल के प्रयोग से कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है। 1 किलोवाट सोलर सिस्टम (1 KW Solar System) को घर में लगाकर आप बिजली के बिल को कम कर सकते हैं।
1 किलोवाट सोलर सिस्टम
1 किलोवाट के सोलर सिस्टम में लगे सोलर पैनल से हर दिन 4 से 5 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाता है, बाजार में मुख्यतः पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल प्रकार के सोलर पैनल उपलब्ध रहते हैं। इनमें से आप अपने सोलर सिस्टम में मोनोक्रिस्टलाइन प्रकार के सोलर पैनल को लगा सकते हैं।
इस साल सोलर पैनल की कीमत में कमी आई है, ऐसे में आप 1 किलोवाट के मोनोक्रिस्टलाइन प्रकार के सोलर पैनल को 25 से 30 हजार रुपये में खरीद सकते हैं। इस प्रकार के सोलर पैनल से हर प्रकार के मौसम में बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम में सभी प्रकार के उपकरणों को लगाने का कुल खर्चा लगभग 75 हजार से 80 हजार रुपये तक हो सकता है।
1 किलोवाट सोलर सिस्टम से चलने वाले उपकरण
1 किलोवाट सोलर सिस्टम से निम्नलिखित उपकरणों को चला सकते हैं:-
- 3-4 पंखे (BLDC टेक्नोलॉजी के पंखे होने पर 6-8 पंखे)
- 8-10 LED बल्ब
- एक टीवी
- एक फ्रिज
- मिक्सर ग्राइंडर
- आयरन मशीन
- लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग
1 किलोवाट के सोलर सिस्टम से अधिक लोड लेने वाले उपकरण जैसे AC, वाटर पंप आदि को नहीं चला सकते हैं। कम क्षमता के लगभग सभी उपकरणों को चला सकते हैं।
निवेश की रिकवरी और वारंटी
सोलर सिस्टम को लगाने में होने वाले खर्चे को बिजली के प्रयोग से रिकवर कर सकते हैं, 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम को लगाने में होने वाले कुल खर्चे को आप 5 से 6 साल में रिकवर कर सकते हैं। उसके बाद के साल आप फ्री बिजली का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सोलर पैनल पर प्रोडक्ट वारंटी के साथ में 25 साल ही परफ़ोर्मेंस वारंटी दी जाती है, इंवर्टर पर 1 से 2 साल और बैटरी पर 3 से 5 साल की वारंटी दी जाती है।
सही सोलर सिस्टम खरीदने के लिए टिप्स
- सोलर पैनल का चुनाव: मोनोक्रिस्टलाइन पैनल, पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल से बेहतर होते हैं। फिर भी आप अपने बजट के अनुसार पैनल खरीद सकते हैं।
- बैटरी का चयन: सोलर सिस्टम में C10 रेटिंग वाली बैटरी का ही प्रयोग किया जाता है।
- इन्वर्टर टेक्नोलॉजी: MPPT टेक्नोलॉजी वाला इन्वर्टर, PWM टेक्नोलॉजी से अधिक प्रभावी होता है। ये इंवर्टर 30% अधिक कुशल माना जाता है।
- स्ट्रक्चर और सेफ्टी: गैल्वनाइज्ड आयरन स्ट्रक्चर और उचित अर्थिंग कर के सिस्टम को सुरक्षित और मजबूत बनाया जाता है।
सोलर सिस्टम में किए जाने वाले निवेश को समझदारी का निवेश कहते हैं, क्योंकि एक बार लगाने के बाद लंबे टाइम तक आप बिजली का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सोलर सिस्टम का रखरखाव और साफ-सफाई सही से करने के बाद आप इनका लाभ सही से उठा सकते हैं।