आधुनिक तकनीक के उपकरणों का प्रयोग कर के जीवनयापन को आसान बनाया जा सकता है, ऐसे ही सोलर पैनल विज्ञान का एक आधुनिक आविष्कार है, सोलर पैनल का प्रयोग कर के सौर ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा प्राप्त की जाती है। सोलर पैनल से बनने वाली बिजली के प्रयोग से सभी प्रकार के उपकरणों को आसानी से चलाया जा सकता है, साथ ही सोलर पैनल के प्रयोग से बनने वाली बिजली का प्रयोग कर आप बिजली बिल को कम कर सकते हैं।
घर में लगाएं सोलर पैनल
अगर आप अपने घर में सोलर पैनल स्थापित करने का विचार कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको अपने घर के बिजली के लोड की पूरी जानकारी होनी चाहिए, जिसे आप घर में प्रयोग होने वाले उपकरणों से, बिजली के बिल से और बिजली के मीटर की सहायता से प्राप्त कर सकते हैं। बिजली के लोड की जानकारी होने के बाद सही क्षमता का सोलर पैनल स्थापित किया जा सकता है। यदि आपके घर में एक दिन में बिजली का लोड 12 यूनिट तक रहता है, तो आप 3 किलोवाट के सोलर पैनल लगा सकते हैं, 1 किलोवाट के पैनल एक दिन में 3 से 5 यूनिट बिजली बना सकते हैं।
कौन सा सोलर पैनल लगाएं?
- पालीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल– ये पारंपरिक प्रकार के सोलर पैनल होते है, इनकी कीमत कम होती है, इसलिए ही इनका प्रयोग अधिक होता है।
- मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल– इस पैनल की दक्षता अधिक रहती है, इनकी कीमत भी अधिक होती है, इस प्रकार के सोलर पैनल अधिक बिजली उत्पादन करते हैं।
- बाइफेशियल सोलर पैनल– ये आधुनिक सोलर पैनल होते हैं, जिनके द्वारा दोनों ओर से बिजली का उत्पादन किया जा सकता है, ऐसे सोलर पैनल कम स्थान में लगाए जा सकते हैं।
उपभोक्ता अपनी जरूरत एवं बजट के अनुसार सोलर पैनल का चयन कर सकते हैं।
सरकार देगी सब्सिडी
यदि आप ऑनग्रिड सोलर सिस्टम लगाते हैं जिसमें सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है, ऐसे सिस्टम पर सरकार की पीएम सूर्योदय योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 1 किलोवाट पर 30 हजार, 2 किलोवाट पर 60 हजार एवं 3 किलोवाट से 10 किलोवाट पर 78 हजार रुपये की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाती है।