गर्मियों में बिजली के बिल अकसर आसमान छू जाते हैं, लेकिन अब आपको इन भारी बिलों की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। सोलर पैनल इंस्टॉल करके आप न केवल बिजली के बिलों को ज़ीरो कर सकते हैं, बल्कि सरकारी सब्सिडी का भी लाभ उठा सकते हैं। सोलर सिस्टम लगाने से पर्यावरण को भी लाभ प्राप्त होता है, देश के नागरिकों को सोलर सिस्टम लगाने के लिए सरकार प्रोत्साहित कर रही है। आइए जानते हैं कैसे आप 1kW का सोलर सिस्टम लगवाकर अपने बिजली के बिल को अलविदा कह सकते हैं। सोलर पैनल पर मिलेगी बढ़िया सब्सिडी यहाँ जानें।
सोलर पैनल पर मिलेगी बढ़िया सब्सिडी
केंद्र सरकार द्वारा इस साल पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना शुरू की गई है, इस योजना के अंतर्गत 10 किलोवाट तक की क्षमता के सोलर सिस्टम को लगाने पर सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिसके लिए ऑनग्रिड सोलर सिस्टम को स्थापित करना होता है, इस सोलर सिस्टम में ग्रिड के साथ सोलर पैनल की बिजली को शेयर किया जाता है। जिससे बिजली के बिल को कम करने में सहायता होती है। शेयर की जाने वाली बिजली की गणना करने के लिए नेट मिटरिंग की जाती है। इसमें निम्न प्रकार से सब्सिडी दी जाती है:-
- 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर 30,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है।
- 2 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर 60,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है।
- 3 किलोवाट से 10 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम पर 78,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है।
सोलर सिस्टम के फायदे
सोलर सिस्टम लगाने के कई फायदे हैं:-
- बिजली का बिल कम या ज़ीरो: सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली आपके ग्रिड की बिजली की खपत को कम कर देती है। ऐसे में बिजली का बिल कम प्राप्त होता है।
- स्वच्छ ऊर्जा स्रोत: सोलर एनर्जी एक पर्यावरण मित्र ऊर्जा स्रोत है जो प्रदूषण नहीं फैलाता। सोलर सिस्टम के द्वारा हरित भविष्य की ओर बढ़ा जा सकता है।
- सरकारी सब्सिडी: केंद्र सरकार सोलर पैनल इंस्टॉलेशन पर सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे आपकी लागत कम हो जाती है। जिससे आसानी से सोलर सिस्टम लगाया जा सकता है।
सोलर सिस्टम के प्रकार
- ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम: अगर आपकी लोकेशन पर हमेशा बिजली रहती है, तो ऑन-ग्रिड सिस्टम आपके लिए सही है। इसमें बैटरी की ज़रूरत नहीं होती और यह सीधे ग्रिड से जुड़ा होता है। इस सिस्टम में नेट-मिटरिंग की जाती है।
- ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम: अगर आपके इलाके में पावर कट की समस्या है, तो ऑफ-ग्रिड सिस्टम आपके लिए बेहतर है। इसमें बैटरी का उपयोग होता है, जो बिजली की स्टोरेज के लिए काम आती है। इस बिजली का प्रयोग आप अपनी बिजली की जरूरतों के अनुसार कर सकते हैं।
- हाइब्रिड सोलर सिस्टम: यह एक एडवांस प्रकार का सोलर सिस्टम है, जिसमें ग्रिड से भी सोलर पैनल की बिजली को शेयर किया जाता है, एवं बैटरी में भी बिजली को स्टोर किया जा सकता है। इस सिस्टम की कीमत अधिक होती है।
सोलर सिस्टम के लिए इक्विपमेंट की कीमत
1kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम
- सोलर पैनल: 335 वॉट के 3 सोलर पैनल – 30,000 रुपये
- सोलर इन्वर्टर: गामा प्लस 112 RMPPT सोलर इन्वर्टर – 15,000 रुपये
- अन्य खर्च: इंस्टॉलेशन, वायरिंग आदि – लगभग 5,000 रुपये
टोटल कॉस्ट: 50,000 रुपये
1kW ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम
- सोलर पैनल: 335 वॉट के 3 सोलर पैनल – 30,000 रुपये
- सोलर इन्वर्टर: गामा प्लस 112 RMPPT सोलर इन्वर्टर – 15,000 रुपये
- सोलर बैटरी: UST1560 – 24,000 रुपये
- अन्य खर्च: इंस्टॉलेशन, वायरिंग आदि – लगभग 5,000 रुपये
टोटल कॉस्ट: 74,000 रुपये
सोलर पैनल सिस्टम की पूरी कीमत
UTL के 1kW कैपेसिटी के सोलर सिस्टम की टोटल कीमत इस प्रकार है:
कॉम्पोनेन्ट | कीमत |
---|---|
सोलर पैनल (335 वॉट x 3) | 30,000 रुपये |
सोलर इन्वर्टर | 15,000 रुपये |
सोलर बैटरी (UST1560) | 24,000 रुपये |
अन्य खर्च | 5,000 रुपये |
कुल कीमत | 74,000 रुपये |
डिस्काउंट के बाद टोटल कीमत | 62,369 रुपये |
गर्मियों में बिजली के भारी बिलों से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है सोलर पैनल इंस्टॉल करना। न केवल आपको बिजली के बिलों से मुक्ति मिलेगी, बल्कि आप पर्यावरण के प्रति भी अपना योगदान देंगे। UTL के 1kW सोलर सिस्टम को लगवाकर आप सरकारी सब्सिडी का भी लाभ उठा सकते हैं और अपनी टोटल कॉस्ट को काफी हद तक कम कर सकते हैं।अब देर न करें और सोलर पैनल इंस्टॉल कराएं, ताकि आप भी गर्मियों में ठंडक का आनंद ले सकें और बिजली के बिलों की चिंता से मुक्त हो सकें।