सौर ऊर्जा (Solar Energy) को भविष्य की ऊर्जा भी कहा जाता है, क्योंकि यह ऊर्जा प्रचुर मात्रा में प्राप्त होती है, एवं इसके प्रयोग से किसी प्रकार का प्रदूषण भी उत्पन्न नहीं होता है। सोलर पैनल का प्रयोग कर सौर ऊर्जा से बिजली बनाई जाती है, जिससे बिजली बिल को कम किया जा सकता है। इनके महत्वों को समझने के बाद ही सरकार द्वारा सोलर सिस्टम (Solar System) लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है।
सोलर सिस्टम में उपकरण
सोलर सिस्टम पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए ऑनग्रिड प्रकार का सिस्टम लगाया जाता है, ऐसे सिस्टम में सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर एवं नेट-मीटर का प्रयोग मुख्य उपकरणों के रूप में किया जाता है। इनकी जानकारी इस प्रकार रहती है:-
- सोलर पैनल: सोलर पैनल मुख्यतः पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल प्रकार होते हैं, इनमें से पॉलीक्रिस्टलाइन प्रकार के सोलर पैनल कम कीमत के पैनल होते हैं, मोनो पैनल खराब मौसम में भी बिजली बनाने में सक्षम होते हैं, और बाइफेशियल प्रकार के पैनल दोनों ओर से बिजली बना सकते हैं। पैनल से DC के रूप में बिजली बनती है।
- सोलर इंवर्टर: सोलर इंवर्टर का प्रयोग कर के DC को AC में परिवर्तित किया जाता है, क्योंकि ज्यादातर विद्युत उपकरण AC के माध्यम से ही चलाए जा सकते हैं। साथ ही सोलर इंवर्टर के अंदर लगे चार्ज कंट्रोलर से पैनल से प्राप्त होने वाली बिजली को कंट्रोल किया जाता है, जिससे सिस्टम सुरक्षित रहता है।
- नेट-मीटर: नेट मीटर का प्रयोग ऑनग्रिड सोलर सिस्टम में होता है, यह सोलर सिस्टम और ग्रिड के बीच शेयर होने वाली बिजली को कैलकुलेट करने का काम करता है।
सोलर सिस्टम पर सब्सिडी
केंद्र सरकार द्वारा इस साल की शुरुआत में पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना को शुरू किया गया है, इस योजना के माध्यम से देश के 1 करोड़ परिवारों के घरों की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। साथ ही ऐसे लाभार्थियों को हर महीने 300 यूनिट फ्री बिजली भी प्रदान की जाएगी। इसमें 1kW से 10kW तक की क्षमता के सिस्टम पर इस प्रकार सब्सिडी दी जाती है:-
- 1kW सोलर सिस्टम: 30,000 रुपये
- 2kW सोलर सिस्टम: 60,000 रुपये
- 3kW से 10kW सोलर सिस्टम: 78,000 रुपये
इस प्रकार लगाएं सोलर सिस्टम
घर में बिजली की खपत के अनुसार ही सोलर सिस्टम को लगाया जाता है, सिस्टम इंस्टाल करने से पहले घर में लोड की जानकारी का होना जरूरी होता है, लोड की जानकारी को घर में प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों की क्षमता, बिजली के बिल और इलेक्ट्रिक मीटर से प्राप्त कर सकते हैं। लोड की जानकारी होने से सही कैपिसिटी के सिस्टम को लगाया जा सकता है।
सामान्यतः 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम को लगाने पर 50 हजार से 60 हजार रुपये तक का खर्चा हो सकता है, ऐसे में सिस्टम को सब्सिडी के माध्यम से मात्र 30 हजार रुपये में लगाया जा सकता है। सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने से लिए डिस्कॉम में पंजीकृत वेंडर से ही उपकरणों को खरीदना चाहिए।