11 जुलाई को इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (IREDA) के शेयरों में 5% तक की गिरावट देखने को मिली. यह गिरावट कंपनी के तिमाही नतीजों के बाद आई है, जो गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद जारी किए गए थे. इन नतीजों में सबसे बड़ा कारण एसेट क्वालिटी में आई गिरावट रहा, जिसने निवेशकों को चिंता में डाल दिया.

ग्रॉस NPA में तेज बढ़ोतरी
IREDA के तिमाही नतीजों में सबसे ज्यादा प्रभाव ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) में आई बढ़ोतरी का था. जून तिमाही में यह बढ़कर 4.13% हो गया, जो पिछली तिमाही में 2.45% था. नेट NPA भी 2.06% तक पहुंच गया, जो पहले 1.35% था. इस गिरावट की वजह IREDA द्वारा जेनसोल इंजीनियरिंग को दिया गया ₹730 करोड़ का लोन है, जिसे अब NPA घोषित कर दिया गया है.
इसके अलावा एक अन्य कर्जदार को स्टेज II से स्टेज III (NPA) में डालने के कारण भी एसेट क्वालिटी पर असर पड़ा. इस कर्जदार का 783 करोड़ रुपये का एक्सपोजर था. परिणामस्वरूप, IREDA का स्टेज 3 एसेट्स 77% बढ़कर ₹3,302 करोड़ तक पहुंच गए। ये आंकड़े दिखाते हैं कि कंपनी की लोन बुक में तनाव बढ़ रहा है.
मुनाफे में गिरावट
IREDA का नेट प्रॉफिट भी जून तिमाही में सालाना आधार पर 35% घटकर ₹247 करोड़ रहा. तिमाही आधार पर तुलना करने पर तो मुनाफा आधा हो गया है. इसका प्रमुख कारण कंपनी की बढ़ी हुई प्रोविजनिंग राशि रही, जो मार्च तिमाही के ₹129 करोड़ से बढ़कर ₹363 करोड़ हो गई.
नेट इंटरेस्ट इनकम में सुधार
हालांकि, IREDA के पास कुछ अच्छे संकेत भी थे. कंपनी की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में सालाना आधार पर 36% का सुधार देखा गया, लेकिन तिमाही आधार पर इसमें 9% की गिरावट आई.
शेयर की कीमत में 40% की गिरावट
सुबह 9:30 बजे के करीब, IREDA के शेयर एनएसई पर ₹162.81 के स्तर पर ट्रेड कर रहे थे, जो अपने ₹310 के ऑल टाइम हाई से लगभग 40% तक गिर चुके हैं. यह गिरावट निवेशकों के लिए एक बड़ा झटका बनकर आई है.