
भारत में बिजली की बढ़ती दरें और लगातार होने वाली बिजली कटौती अब आम समस्या बन गई है। ऐसे में देशभर में लोग वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की तलाश कर रहे हैं, जहां रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy जैसे सोलर पैनल और बैटरी स्टोरेज सिस्टम खासा लोकप्रिय हो रहे हैं। इस संदर्भ में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या एक 5kW बैटरी, जिसकी क्षमता 5kWh होती है, एक औसत भारतीय घर की दैनिक बिजली जरूरतों को पूरा कर सकती है? आइए जानें इस सवाल का गहराई से विश्लेषण।
5kWh बैटरी कितनी देर तक बिजली सप्लाई दे सकती है?
थ्योरिटिकली, एक 5kWh बैटरी 1 किलोवॉट लोड को लगातार 5 घंटे या 5 किलोवॉट लोड को एक घंटे तक चला सकती है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी घर की दैनिक बिजली खपत 5 यूनिट (5kWh) है, तो यह बैटरी एक दिन के लिए पर्याप्त हो सकती है। लेकिन यह आदर्श स्थिति है और वास्तविकता में कई बार लोड अधिक होता है, खासकर जब एक साथ कई उपकरण चलाए जाते हैं जैसे एसी, गीजर या माइक्रोवेव। ऐसे में बैटरी जल्दी डिस्चार्ज हो जाती है और बैकअप घट जाता है।
औसत भारतीय घर की बिजली खपत कितनी है?
भारत में एक औसत घर रोजाना लगभग 8 से 10 यूनिट बिजली की खपत करता है, जो महीने में करीब 240 से 300 यूनिट तक पहुँच जाती है। इस हिसाब से देखें तो एक 5kWh बैटरी अकेले किसी औसत घर की पूरी दिन की जरूरत नहीं पूरी कर सकती। हालांकि यह कुछ घंटों तक लाइट्स, पंखे, टीवी और मोबाइल चार्जिंग जैसे आवश्यक उपकरणों को जरूर चला सकती है, जो बिजली कटौती के समय बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।
सोलर पैनल के साथ बैटरी संयोजन कितना असरदार है?
यदि आप 5kW बैटरी को 5kW सोलर पैनल सिस्टम से जोड़ते हैं, तो यह संयोजन कहीं अधिक प्रभावशाली हो सकता है। एक 5kW सोलर सिस्टम औसतन रोजाना 20 से 25 यूनिट बिजली उत्पन्न कर सकता है। इससे न सिर्फ दिन के समय घर की जरूरतें पूरी होती हैं बल्कि बैटरी भी चार्ज हो जाती है। सूरज ढलने के बाद या बिजली कटने पर यह चार्ज बैटरी रातभर के लिए पर्याप्त बैकअप दे सकती है। इससे न केवल बिजली बिल में भारी कटौती होती है, बल्कि ग्रिड पर निर्भरता भी घट जाती है।
किन परिस्थितियों में 5kWh बैटरी अपर्याप्त हो सकती है?
अगर आपके घर में ऐसे उपकरण हैं जो अधिक बिजली खपत करते हैं जैसे कि एयर कंडीशनर, वाटर हीटर, वॉशिंग मशीन या ओवन, तो केवल 5kWh बैटरी से इन्हें लंबे समय तक नहीं चलाया जा सकता। बड़ी फैमिली या डुप्लेक्स जैसे बड़े घरों में भी बिजली खपत अधिक होती है, इसलिए वहां यह बैटरी जल्दी खत्म हो सकती है। इसके अलावा, एक साथ कई हाई-पावर डिवाइसेज़ चलाना बैटरी को जल्दी डिस्चार्ज कर सकता है।
बैटरी की उम्र और परफॉर्मेंस पर असर
आमतौर पर लिथियम-आयन बैटरियाँ 7 से 10 साल तक चलती हैं। लेकिन समय के साथ इनकी क्षमता घटती जाती है। उदाहरण के लिए, जो बैटरी आज 5kWh की है, वह कुछ वर्षों बाद सिर्फ 4.5 या 4kWh की ही ऊर्जा दे पाएगी। इसलिए बेहतर ब्रांड की बैटरी और सही मेंटेनेंस बेहद जरूरी है ताकि दीर्घकालीन उपयोग में उसका परफॉर्मेंस स्थिर बना रहे।
बड़े सोलर पैनल सिस्टम से क्या अतिरिक्त लाभ मिलते हैं?
अगर आप 5kWh बैटरी को 7kW या 10kW सोलर पैनल सिस्टम से जोड़ते हैं, तो सोलर उत्पादन बढ़ता है। इससे बैटरी तेजी से चार्ज होती है और अतिरिक्त बिजली का उपयोग ग्रिड में भेजने के लिए किया जा सकता है। इसके अंतर्गत आप Net Metering का लाभ उठा सकते हैं, जहां अतिरिक्त उत्पन्न की गई बिजली को बिजली कंपनी खरीदती है और आपके बिल से उसका क्रेडिट काटा जाता है। इससे लंबे समय में आप न केवल बिजली बिल से मुक्त हो सकते हैं, बल्कि कमाई भी कर सकते हैं।
क्या सोलर+बैटरी सिस्टम एक लाभकारी निवेश है?
अगर आप ऐसी जगह रहते हैं जहाँ बिजली की कटौती आम है या बिजली की दरें बहुत अधिक हैं, तो यह सिस्टम एक बेहतरीन समाधान हो सकता है। शुरुआती लागत जरूर अधिक होती है, लेकिन 5 से 7 वर्षों में यह लागत वसूल हो जाती है और इसके बाद हर साल आप बचत करने लगते हैं। साथ ही, यह सिस्टम पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह कार्बन उत्सर्जन को कम करता है।