Solar AC चलाने के लिए क्या जरूरी है बैटरी? भारत की स्थितियों के अनुसार जानें सच्चाई

भारत में सोलर AC लगवाने से पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि क्या इसके लिए बैटरी की जरूरत होती है या नहीं। अगर आप बिना बैटरी के AC चलाना चाहते हैं, तो कौन-सा सोलर सिस्टम आपके लिए सही रहेगा? जानिए कैसे सही चुनाव करके बिजली का खर्च बचाया जा सकता है और सब्सिडी का लाभ भी उठाया जा सकता है।

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Written by Rohit Kumar

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Solar AC चलाने के लिए क्या जरूरी है बैटरी? भारत की स्थितियों के अनुसार जानें सच्चाई
Solar AC चलाने के लिए क्या जरूरी है बैटरी? भारत की स्थितियों के अनुसार जानें सच्चाई

भारत में सौर ऊर्जा से एयर कंडीशनर (AC) चलाना अब एक व्यवहारिक विकल्प बनता जा रहा है, खासकर उन इलाकों में जहाँ तेज गर्मी के साथ भरपूर धूप मिलती है। रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है, और इसी क्रम में सोलर AC सिस्टम आम उपभोक्ताओं के लिए भी सुलभ होते जा रहे हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में सबसे अहम सवाल यह है कि क्या इसके लिए बैटरी जरूरी है? इस सवाल का जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की सोलर प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं और आपकी ऊर्जा खपत कैसी है।

ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी की जरूरत नहीं, लेकिन…

भारत में कई घरों और संस्थानों में ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं। इस प्रणाली में सौर पैनल सीधे बिजली के ग्रिड से जुड़े होते हैं। जब सूरज चमक रहा होता है, तब सौर पैनल से पैदा होने वाली बिजली सीधे आपके AC समेत अन्य उपकरणों को चलाने में प्रयोग होती है। यदि ऊर्जा की खपत कम है, तो अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेजी जाती है, जिससे उपभोक्ता को क्रेडिट भी मिल सकता है।

इस सिस्टम की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें बैटरी की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन ध्यान रहे, यदि आपके क्षेत्र में पावर कट होता है, तो आपके सोलर पैनल भी काम नहीं करेंगे क्योंकि ऑन-ग्रिड सिस्टम सुरक्षा कारणों से ग्रिड के साथ सिंक्रोनाइज रहते हैं। ऐसे में AC भी बंद हो जाएगा, भले ही धूप तेज हो।

ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम: जहाँ बैटरी अनिवार्य है

यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहाँ अक्सर बिजली कटौती होती है या बिजली की ग्रिड उपलब्ध ही नहीं है, तो ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम आपके लिए अधिक उपयुक्त विकल्प है। इस प्रणाली में सौर पैनल से उत्पन्न होने वाली बिजली को पहले बैटरी में संग्रहित किया जाता है, जिससे आप रात में, बादल वाले दिनों में, या बिजली न होने पर भी AC चला सकते हैं।

इस मॉडल में बैटरी अनिवार्य होती है, और इसकी क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितनी देर तक और कितनी टन क्षमता वाला AC चलाना चाहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, एक 1.5 टन का AC अगर 4 घंटे चलाना हो, तो करीब 150 AH की 4 बैटरियों की आवश्यकता होती है।

बैटरी की संख्या और क्षमता: आपकी जरूरतों के अनुसार तय करें

जब बात सौर ऊर्जा से AC चलाने की होती है, तो कई लोग यह जानना चाहते हैं कि उन्हें कितनी बैटरियों की जरूरत होगी। Fenice Energy की एक रिपोर्ट के अनुसार:

1 टन AC को 3-4 घंटे चलाने के लिए 150 AH की 3 बैटरियाँ चाहिए होती हैं।
1.5 टन AC के लिए 4 बैटरियाँ पर्याप्त होती हैं।
2 टन AC के लिए 6 बैटरियों की आवश्यकता होती है, जो लगभग 2-3 घंटे का बैकअप देती हैं।
वहीं, 3 टन AC के लिए 8 बैटरियाँ जरूरी होती हैं, जिससे 1-2 घंटे का बैकअप मिलता है।

इसलिए, यदि आप रातभर AC चलाना चाहते हैं, तो बैटरी की संख्या और क्षमता को उसी अनुसार बढ़ाना होगा। साथ ही, इन्वर्टर की रेटिंग और चार्ज कंट्रोलर की गुणवत्ता भी ध्यान में रखनी चाहिए।

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भारत के लिए उपयुक्त सोलर AC मॉडल: क्षेत्रीय विश्लेषण

भारत जैसे देश में, जहाँ मौसम विविध है, वहाँ सौर AC का चुनाव क्षेत्र विशेष के अनुसार किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश जैसे शहर, जहाँ गर्मी चरम पर होती है और धूप भरपूर होती है, वहाँ सोलर पैनल भरपूर बिजली उत्पन्न कर सकते हैं। ऐसे इलाकों में ऑन-ग्रिड सिस्टम दिन के समय AC चलाने के लिए काफी अच्छा विकल्प है।

वहीं, जिन इलाकों में बार-बार बिजली जाती है या जहाँ ग्रिड कनेक्शन अस्थिर है, वहाँ ऑफ-ग्रिड सिस्टम और बैटरियों में निवेश करना फायदेमंद रहेगा। रात में भी आरामदायक नींद चाहिए तो बैटरी का विकल्प जरूरी हो जाता है।

सरकार की सहायता और सब्सिडी योजनाएँ

भारत सरकार रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सब्सिडी योजनाएँ चला रही है। खासकर अगर आप प्रधानमंत्री कुसुम योजना या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत सोलर सिस्टम लगाते हैं, तो आपको प्रारंभिक लागत में बड़ी राहत मिल सकती है। यह योजनाएँ सोलर पैनल, इन्वर्टर और बैटरी की खरीद पर सब्सिडी प्रदान करती हैं, जिससे सोलर AC सिस्टम अधिक सुलभ बन जाता है।

आपकी आवश्यकता ही तय करेगी बैटरी की जरूरत

सौर ऊर्जा से AC चलाना आज के समय में पूरी तरह संभव है, बशर्ते आप अपनी आवश्यकताओं और क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुसार सही प्रणाली का चुनाव करें।

यदि आप केवल दिन में AC चलाते हैं और बिजली की आपूर्ति स्थिर है, तो ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम आपके लिए पर्याप्त है, और इसमें बैटरी की आवश्यकता नहीं है।
यदि आप रात में भी AC चलाना चाहते हैं या आपके क्षेत्र में बिजली कटौती सामान्य बात है, तो ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम और बैटरियाँ अनिवार्य हो जाती हैं

भारत में बढ़ती गर्मी और सौर ऊर्जा की व्यापक उपलब्धता को देखते हुए, यह समय है कि लोग सोलर AC को गंभीरता से एक वैकल्पिक ऊर्जा समाधान के रूप में अपनाएँ। न केवल यह पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि लंबी अवधि में यह आपके बिजली बिल को भी कम करता है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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