सोलर पैनल बनाने में उपयोग होने वाले आधुनिक उपकरण, देखें पूरी जानकारी

Photo of author

Written by Solar News

Published on

सोलर पैनल बनाने में उपयोग होने वाले आधुनिक उपकरण, देखें पूरी जानकारी

आज की दुनिया में ऊर्जा की बढ़ती मांग और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता ने सोलर एनर्जी को एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत बना दिया है। सामान्यतः सोलर सेल्स सिलिकॉन से बने होते हैं, जो ऊर्जा उत्पादन के मामले में काफी कमजोर होते हैं। ये सेल्स केवल 20% से 25% धूप को ही ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। इसके अलावा, सिलिकॉन को शुद्ध करने की प्रक्रिया भी अत्यंत ऊर्जा खपत वाली होती है, जिसमें 1000 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।

सोलर पैनल बनाने में उपयोग होने वाले आधुनिक उपकरण

एक नई सामग्री पैरोस्काइट इस समस्या का समाधान प्रदान कर सकती है। पैरोस्काइट सोलर सेल्स साधारण सिलिकॉन सोलर सेल्स की तुलना में अधिक कुशल साबित हो रहे हैं। पैरोस्काइट एक विशिष्ट क्रिस्टल संरचना है, जिसमें ABX3 फार्मूला होता है। इसमें A के रूप में मिथाइल अमोनियम, B के रूप में लेड धातु और X के रूप में क्लोराइड या आयोडाइड होते हैं। इन सामग्रियों को आसानी से मिलाकर पैरोस्काइट सोलर सेल्स बनाई जा सकती हैं।

पैरोस्काइट का निर्माण और फायदे

पैरोस्काइट का सबसे बड़ा फायदा इसकी प्रोसेसिंग में है। सिलिकॉन की तुलना में पैरोस्काइट को रूम टेम्परेचर पर प्रोसेस किया जा सकता है, जिससे ऊर्जा की बचत होती है। इसके अलावा, पैरोस्काइट की सामग्री सिलिकॉन की तुलना में अधिक मात्रा में उपलब्ध होती है और इन्हें प्रोसेस करना भी आसान होता है।

पैरोस्काइट सोलर सेल्स को बनाने के लिए एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे स्पिन कोटिंग कहा जाता है। इस प्रक्रिया में पैरोस्काइट का घोल 4000 रेवोल्यूशन प्रति मिनट की गति से घूमता है, और फिर उसमें एंटी सॉल्वेंट सोलूशन मिलाया जाता है, जिससे पैरोस्काइट के क्रिस्टल बनने की प्रक्रिया शुरू होती है। इस पिन कोटिंग के बाद इसे हीटिंग प्लेट पर रखा जाता है, जिससे गाढ़ी परत बनती है।

टेंडम सोलर सेल्स का भविष्य

SolarDukan से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें WhatsApp

टेंडम सोलर सेल्स, जो सिलिकॉन और पैरोस्काइट दोनों का संयोजन होते हैं, सोलर एनर्जी की क्षमता को बढ़ाने के लिए सबसे कारगर है। ये सेल्स धूप के पूरे स्पेक्ट्रम का उपयोग करते हैं, जिसमें पैरोस्काइट सोलर सेल्स दृश्य प्रकाश का और सिलिकॉन सोलर सेल्स इन्फ्रारेड प्रकाश का उपयोग करते हैं। इस प्रकार, ये सेल्स 50% अधिक धूप से ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं।

Also Readसोलर AC लगाएं सस्ते में, गर्मी और बिल दोनों से राहत

सोलर AC लगाएं सस्ते में, गर्मी और बिल दोनों से राहत

सोलर पैनल बनाने के लिए चुनौतियां और समाधान

सोलर पैनल बनाने के लिए निम्न चुनौतियाँ हैं, उनके समाधान भी इस प्रकार ही हैं:-

  • टेंडम सोलर सेल्स की स्थिरता एक प्रमुख मुद्दा है। पैरोस्काइट की संरचनाएं नमी, गर्मी, ऑक्सीजन और अल्ट्रावायलेट प्रकाश के प्रभाव में जल्दी नष्ट हो सकती हैं।
  • पैरोस्काइट से निकलने वाला चार्ज भी इसके संरचनाओं को खराब कर सकता है।
  • इन समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए शोधकर्ता और कंपनियां अलग-अलग कैप्सूलेशन तकनीकों पर काम कर रही हैं, ऐसे में आने वाले समय में सोलर पैनल देखे जा सकते हैं।

उत्पादन और आर्थिक पहलू

उत्पादन की लागत और स्थिरता के मुद्दे सुलझाने के बाद, पैरोस्काइट सोलर सेल्स का कमर्शियल उत्पादन संभव हो सकेगा। कई कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं, जैसे ऑक्सफोर्ड पीवी, जिसने 28.6% कुशलता वाले पैरोस्काइट सोलर सेल्स विकसित किए हैं। टेंडम सोलर सेल्स के उत्पादन और उपयोग में सफल होने के लिए, इन्हें साधारण क्रिस्टलाइज सिलिकॉन के मुकाबले प्रति वॉट आधार पर सस्ता रखना होता है। इसके लिए, उत्पादन लागत को कम करना और स्थिरता को बढ़ाना महत्वपूर्ण होता है।

सोलर एनर्जी के क्षेत्र में पैरोस्काइट सोलर सेल्स एक क्रांति ला सकती हैं, जिससे न केवल ऊर्जा उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यदि ये चुनौतियां हल हो जाती हैं तो 2026 या 2027 तक टेंडम सेल वाले यूटिलिटी सोलर पार्क भी संभव हो सकते हैं। पैरोस्काइट सोलर सेल्स का विकास और उपयोग सोलर एनर्जी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में ऊर्जा की मांग को पूरा करने में मदद कर सकता है।

Also Readसोलर पैनल लगाएं 70 हजार में, पाएं 25 साल तक फ्री बिजली, पैसे कमाने का सुनहरा मौका

सोलर पैनल लगाएं 70 हजार में, पाएं 25 साल तक फ्री बिजली, पैसे कमाने का सुनहरा मौका

Author
Solar News

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें