
महाराष्ट्र मे रहने वाले सभी किसान भाइयों के लिए एक सामने आई एक बहुत बड़ी खबर, मई में हुई बेमौसम बारिश और तेज आंधीयों ने पूरे राज्य के कई हिस्सों में किसानों के सोलर एग्रीकल्चर पंप-Solar Agriculture Pump को भारी नुकसान हुआ। साथ ही कई जगहों पर तेज हवाओं की वजह से सोलर पैनल–Solar Panel टूट गए या पूरी तरह से उलट पलट गए।तों की सिंचाई के लिए जरूरी यह सोलर पंप और पैनल खराब होने से किसानों के सामने पानी और बिजली की समस्या खड़ी हो गई है। इसलिए किसानों की मदद के लिए सरकार ने कुसुम योजना-Kusum Yojana और मगेल सौर कृषि पंप योजना-Magel Solar Agriculture Pump Yojana के तहत किसानो की मदद करने की घोषणा की है। साथ ही योजनाओं में शामिल किसानों को पाँच साल तक सोलर पंप की फ्री मेटन्स और देखरेख की सुविधा दी जाएगी।
बेमौसम बारिश और तेज हवाओं से किसानों को हुआ बड़ा नुकसान
मई की बेमौसम बारिश और तूफानी हवाओं ने महाराष्ट्र के कई जिलों में तबाही मचा दी। खेतों में कुओं और बोरवेल पर लगाए गए सोलर पंप और पैनल तेज हवाओं की चपेट में आकर टूट गए। कई जगह पंप सेट उड़ गए या जमीन पर गिरकर क्षतिग्रस्त हो गए। किसानों के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है क्योंकि अब गर्मी और मानसून दोनों मौसमों में पानी की सख्त जरूरत पड़ती है। सोलर पंप खराब होने की वजह से सिंचाई बाधित हो रही है और फसलें सूखने का खतरा बढ़ गया है।
मानसून से क्यों बढ़ रहा है संकट
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले मानसून सीजन में भी इसी तरह की तेज हवाओं और भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इससे एक बार फिर किसानों के सोलर सिस्टम को नुकसान पहुँच सकता है। ऐसे में समय रहते मरम्मत कराना बेहद जरूरी हो गया है ताकि खेतों की सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त रखी जा सके और फसलें सुरक्षित रह सकें।
कुसुम, मगेल योजना बनी किसानों का सहारा
सरकार की कुसुम योजना-KUSUM Yojana और मगेल सौर कृषि पंप योजना-Magel Solar Agriculture Pump Yojana किसानों के लिए संकट की इस घड़ी में संजीवनी साबित हो रही है। इन योजनाओं के तहत जिन किसानों ने अपने खेतों में सोलर पंप लगवाए हैं, उन्हें पाँच साल तक किसी भी प्रकार की तकनीकी खराबी, पंप टूटने या पैनल उड़ने की स्थिति में मरम्मत और देखभाल की मुफ्त सुविधा दी जाती है। मरम्मत और रखरखाव का पूरा खर्च सरकार उठाती है जिससे किसानों पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं आता।
शियकायत करवाने का आसान तरीका
अगर किसी किसान का सोलर पंप या सोलर पैनल खराब हो गया है तो उसके पास शिकायत दर्ज करने के दो आसान विकल्प हैं।
पहला विकल्प है ऑनलाइन शिकायत। इसके लिए किसान कुसुम योजना या मगेल योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर शिकायत फॉर्म भर सकते हैं। फॉर्म में पंप का यूनिट नंबर, सोलर पैनल की खराबी की फोटो और किसान का विवरण देना होता है। यह प्रक्रिया सरल है और शिकायत तुरंत दर्ज हो जाती है।
दूसरा विकल्प है ऑफलाइन शिकायत। इसके लिए किसान अपने नजदीकी महावितरण कार्यालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। वहां मौजूद अधिकारी किसान की शिकायत संबंधित कंपनी तक पहुँचाते हैं और मरम्मत का काम जल्दी शुरू हो जाता है।
किसानों को कैसे नहीं होगी किसी तरह की परेशानी
इन दोनों योजनाओं के तहत किसानों को मरम्मत और रखरखाव के लिए किसी भी तरह की फीस नहीं देनी होती। पांच साल तक मरम्मत सेवा पूरी तरह मुफ्त होती है। किसान बिना किसी संकोच के अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं ताकि जल्द से जल्द पंप की मरम्मत हो सके और खेतों में पानी की आपूर्ति बहाल हो जाए। सरकार की इस पहल से Renewable Energy से चलने वाली सिंचाई व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों को राहत महसूस होगी।
किसानों की सरकार से अपील जल्द से जल्द कराएं मरम्मत
राज्य सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे अपने सोलर पंप या पैनल में आई खराबी की सूचना तुरंत दें। देर करने पर मरम्मत प्रक्रिया में समय लग सकता है जिससे खेतों में पानी की कमी हो सकती है और फसलें बर्बाद हो सकती हैं। इसलिए किसान समय रहते अपनी शिकायत दर्ज कराएं और मुफ्त सेवा का लाभ उठाएं।