नई तकनीक का ये सोलर पैनल 24 घंटे बिजली देगा, क्या है खासियत जानें

आधुनिक तकनीक के सोलर पैनल को खरीद कर आप दिन रात बिजली का उत्पादन कर सकते हैं, ऐसे ही आधुनिक तकनीक का सोलर पैनल है- हाइड्रोजन सोलर पैनल

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नई तकनीक का ये सोलर पैनल 24 घंटे बिजली देगा, क्या है खासियत जानें
नई तकनीक का ये सोलर पैनल 24 घंटे बिजली देगा, क्या है खासियत जानें

आधुनिक तकनीक के सोलर पैनल से बिजली की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं, ऐसे में अब हाइड्रोजन से बिजली बनाने वाले सोलर पैनल भी आने वाले हैं। इस प्रकार के सोलर पैनल का प्रयोग कर के ज्यादा बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। ऐसे सोलर पैनल पर्यावरण में मौजूद हाइड्रोजन से बिजली बनाते हैं।

24 घंटे बिजली देगा ये सोलर पैनल: हाइड्रोजन सोलर पैनल

सोलहाइड (Solhyd) कंपनी ने ऐसे सोलर पैनल विकसित किए हैं, जो बिजली के बजाय हाइड्रोजन का उत्पादन करते हैं। ये सोलर पैनल हाइड्रोजन बनाने के लिए दो चीजों का प्रयोग करते हैं- धूप और हवा। ये पैनल फोटो-कैटलिटिक वाटर स्प्लिटिंग प्रक्रिया का उपयोग करते हैं, जिसमें पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित किया जाता है।

पानी हवा में भाप और नमी के रूप में मौजूद होता है, जिसे ये पैनल अपने बेस में लगे ट्यूबों में कैप्चर करते हैं। जैसे ही धूप इन पर पड़ती है, यह कैटलिटिक कन्वर्जन प्रक्रिया शुरू हो जाती है, और हाइड्रोजन और ऑक्सीजन अलग हो जाते हैं।

हाइड्रोजन सोलर पैनल की आवश्यकता क्यों?

सामान्यतः सोलर सेल से बिजली का उत्पादन करते हैं, लेकिन हमें हाइड्रोजन की आवश्यकता क्यों है? सबसे बड़ा कारण है कि किसी भी प्रणाली को दिन और रात दोनों समय काम करने के लिए एक भंडारण माध्यम की आवश्यकता होती है। हाइड्रोजन के साथ यह अलग है।

सोलर पैनल पर पड़ने वाली धूप से हाइड्रोजन बनता है, इसे टैंकों में लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है, जैसे 10-20-50 साल या यहां तक कि 100 साल तक। बैटरियों के साथ ऐसा नहीं होता है क्योंकि उनमें संग्रहीत चार्ज समय के साथ खत्म हो जाता है, और उनकी उम्र भी केवल 4 से 5 साल होती है।

हाइड्रोजन का उपयोग

  • बिजली उत्पादन और उपयोग

जब आप हाइड्रोजन से बिजली बनाते हैं, तो मान लीजिए आपके पास 100% ऊर्जा है, जिसमें से केवल 40% ऊर्जा बिजली में बदलती है, और बाकी 60% ऊर्जा हीट में बदल जाती है। यदि यह प्रणाली ठंडे स्थानों पर स्थापित की जाती है, तो वह हीट पानी गर्म करने, घर गर्म करने और अन्य हीटिंग जरूरतों को पूरा करने में इस्तेमाल हो सकती है।

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  • खाना पकाने में

हाइड्रोजन और वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को मिलाकर सिंगैस नामक एक नई गैस बनती है, जो प्राकृतिक गैस के समान होती है। इस गैस पर आसानी से खाना पकाया जा सकता है।

  • गाड़ियों के लिए

इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने वाली और दूसरी हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहनों का उपयोग करने वाले वाहन आने वाले समय में देखे जा सकते हैं। कई जापानी कंपनियां हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर काम कर रही हैं, और यदि यह तकनीक विकसित होती है, तो आप अपनी कार को भी इस प्रणाली से चला सकते हैं।

फायदे और व्यापारिक संभावनाएँ

इस सिस्टम से आपका जीवन और घर आत्मनिर्भर हो सकता है, और बाहरी दुनिया से कोई समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी। हाइड्रोजन की मांग बिजली की तुलना में अधिक है, और इसे बाजार में भी बेचा जा सकता है, जिससे नए व्यापारिक अवसर उत्पन्न होंगे। यह सिस्टम 2026 के आसपास लॉन्च हो सकता है।

इस सोलर सेल के भारतीय बाजार में आने का इंतजार है, जो हमारे घरों को आत्मनिर्भर और पर्यावरण के अनुकूल बनती है, इस प्रणाली का उपयोग दुनिया के विभिन्न हिस्सों में किया जा रहा है, और कई कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं।

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