
अगर आप बढ़ते बिजली बिलों से परेशान हैं और एक स्थायी समाधान की तलाश में हैं, तो अब आपके लिए एक शानदार मौका है। सरकार ने घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष योजना शुरू की है, जिसके तहत 78% तक अनुदान और आसान ऋण सुविधा दी जा रही है। अब नहीं भरना पड़ेगा बिजली बिल, क्योंकि आप खुद अपने घर की बिजली बना सकेंगे और बची हुई बिजली से कमाई भी कर सकेंगे।
सोलर पैनल के लिए मिलेगा 78% तक अनुदान
इस योजना के तहत उपभोक्ताओं को तीन किलोवाट या उससे अधिक क्षमता के सोलर पैनल लगाने पर सरकार की ओर से 30 से 78 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। एक किलोवाट सौर संयंत्र पर 30,000 रुपये, दो किलोवाट पर 60,000 रुपये और तीन किलोवाट या उससे अधिक पर 78,000 रुपये तक का सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।
यह सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के खाते में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे उनका आर्थिक बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा। इस प्रकार सोलर सिस्टम को अपनाना अब अधिकतर आम परिवारों के लिए संभव हो गया है।
सिर्फ 7% ब्याज पर मिलेगा ₹2 लाख तक लोन
सरकार और बैंकों के सहयोग से उपभोक्ताओं को इस योजना के तहत सिर्फ सात प्रतिशत ब्याज दर पर दो लाख रुपये तक का लोन भी दिया जा रहा है। यह लोन सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के लिए काफी सहायक होगा, जिससे उपभोक्ताओं को एकमुश्त बड़ी राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी। इस स्कीम की खास बात यह है कि यह आमजन को रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy के प्रति प्रेरित करती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है।
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बिजली बचत के साथ होगी कमाई भी
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली का उपयोग घरेलू उपकरणों को चलाने में किया जा सकता है, जिससे बिजली बिल में भारी कमी आती है। यही नहीं, अगर सौर ऊर्जा से अधिक बिजली उत्पन्न होती है तो उसे ग्रिड में भेजकर अतिरिक्त कमाई भी की जा सकती है। यह न सिर्फ घर के खर्च को कम करता है, बल्कि एक अतिरिक्त आय का साधन भी बन जाता है।
योजना को लेकर जनता में बढ़ रहा है उत्साह
बिहार के रोहतास जिले के संझौली प्रखंड समेत कई क्षेत्रों में सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। अब तक आधा दर्जन से अधिक उपभोक्ताओं ने अपने घरों की छत पर सोलर पैनल लगा लिए हैं और करीब 18 उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन आवेदन कर दिया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि लोग इस योजना को लेकर गंभीरता से सोच रहे हैं और इसे अपनाने को तैयार हैं।
पर्यावरण के लिए भी है फायदेमंद
यह योजना केवल उपभोक्ताओं के बिजली बिल को खत्म करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। सोलर पैनल से ऊर्जा उत्पादन में प्रदूषण नहीं होता, जिससे यह पूरी तरह से ग्रीन एनर्जी की श्रेणी में आता है। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में 4-5 वर्षों और ग्रामीण क्षेत्रों में 7-8 वर्षों में सोलर सिस्टम की लागत वसूल हो जाती है। सही रखरखाव के साथ ये पैनल 25 वर्षों तक बिजली उत्पादन कर सकते हैं।
कितनी जगह चाहिए और कैसे करें आवेदन
इस सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए प्रति किलोवाट संयंत्र के लिए लगभग 100 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता होती है। यानी यदि आपके घर की छत पर इतनी जगह उपलब्ध है, तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। उपभोक्ता www.pmsuryaghar.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। योजना से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए टोल-फ्री नंबर 15555 पर संपर्क किया जा सकता है। ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करते समय कुछ बुनियादी दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, पता प्रमाण और बैंक विवरण की आवश्यकता होगी।
यह योजना क्यों है क्रांतिकारी?
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए यह योजना एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही देश की ऊर्जा खपत का एक बड़ा हिस्सा अब पारंपरिक स्रोतों के बजाय सौर ऊर्जा से पूरा किया जा सकेगा।
यह न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से फायदेमंद है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी इसका महत्व काफी अधिक है। आने वाले वर्षों में इस योजना के तहत लाखों घर सौर ऊर्जा से रोशन होंगे, जिससे भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का सपना भी साकार होगा।