
फरीदाबाद: फरीदाबाद के किसान इन दिनों एक गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं, और वह है खेतों के लिए बिजली की अनुपलब्धता। सिंचाई के लिए किसानों को कई बार दिनों तक बिजली का इंतजार करना पड़ता है, और कई बार बिजली आती ही नहीं। ऐसी स्थिति में, हरियाणा सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए एक नया समाधान पेश किया है, और वह है सोलर सिस्टम (Solar System)। सरकार इस योजना पर सब्सिडी भी दे रही है, जिससे किसान इसे आसानी से लगा सकते हैं और बिजली की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
सोलर सिस्टम के फायदे और योजना की विस्तृत जानकारी
सोलर पैनल (Solar Panels) से बिजली उत्पन्न करना एक सस्ता और पर्यावरण के लिए उपयुक्त समाधान बन सकता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली की आपूर्ति करना है, ताकि वे बिना किसी रुकावट के अपने कृषि कार्यों को कर सकें। दयालपुर गांव के किसान दीपक ने इस योजना का लाभ उठाया और अपनी खेतों में सोलर सिस्टम लगवाया। दीपक बताते हैं कि सोलर सिस्टम लगवाने के बाद उन्हें सिंचाई के लिए अब बिजली की कोई परेशानी नहीं होती।
दीपक ने Local18 से बात करते हुए बताया कि सोलर पैनल लगाने के लिए उन्हें केवल कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ी थी, जिनमें खेत की जमाबंदी, फैमिली आईडी कार्ड और आधार कार्ड शामिल हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे इस योजना के लिए केवल सरकारी पोर्टल “सरल पोर्टल” (Saral Portal) के माध्यम से ही आवेदन करें। अगर किसी कारणवश पोर्टल पर आवेदन नहीं कर पा रहे हैं, तो वे कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से भी मदद ले सकते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया और दस्तावेज
सरकारी योजना के तहत, किसान सरल पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के बाद, 24 घंटे के भीतर चालान जनरेट करना होता है, जिसे किसी भी बैंक में जमा कराकर उसकी रसीद पोर्टल पर अपलोड करनी होती है। इसके बाद, सरकार की ओर से तय की गई सब्सिडी मिलने के बाद जो बची हुई रकम होती है, उसे किसान को खुद भरना होता है। दीपक ने यह भी बताया कि सरकार ने इस योजना में 3 किलोवाट, 5 किलोवाट और 10 किलोवाट लोड के विकल्प प्रदान किए हैं, जिनमें से किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार चुन सकते हैं।
खर्च और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
दीपक ने सोलर सिस्टम के खर्च के बारे में भी बताया। उन्होंने अपने खेत में AC मोटर के साथ सोलर सिस्टम लगवाया है, जिसकी कुल लागत लगभग 2 लाख 7 हजार रुपये आई। वहीं, यदि सामान्य DC मोटर और कंट्रोलर के साथ सोलर सिस्टम लगाया जाता है, तो इसका खर्च करीब 1 लाख 60 हजार रुपये तक हो सकता है। दीपक का कहना है कि उनका सोलर सिस्टम स्थापित करने में लगभग 6 महीने का समय लगा था, जो सरकार की पॉलिसी और टेंडर प्रक्रिया पर निर्भर करता है। हालांकि, अब पहले के मुकाबले जल्दी काम हो रहा है और कई किसानों का सिस्टम केवल 3 महीने में भी लग गया है।
सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी
हरियाणा सरकार ने इस योजना के तहत किसानों को सोलर सिस्टम लगाने के लिए बड़ी राहत दी है। इस योजना के तहत, सरकार किसानों को सोलर सिस्टम के खर्च का एक बड़ा हिस्सा सब्सिडी के रूप में देती है। सब्सिडी मिलने के बाद किसान को केवल बची हुई राशि ही खुद भरनी होती है। दीपक ने अन्य किसानों से अपील की है कि वे इस योजना का लाभ उठाकर बिजली की समस्या से राहत पाएं और अपने कृषि कार्यों को सही ढंग से चला सकें।
फर्जी वेबसाइटों से बचें
दीपक ने एक और महत्वपूर्ण चेतावनी दी है कि कई फर्जी वेबसाइटें और धोखाधड़ी की घटनाएं सामने आई हैं। इसलिए किसानों को केवल सरकारी पोर्टल या विज्ञापन के माध्यम से ही आवेदन करना चाहिए। दीपक ने यह भी कहा कि इस योजना का सही तरीके से उपयोग करके किसान न केवल बिजली की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं, बल्कि यह योजना उनके कृषि कार्यों को और अधिक प्रभावी बना सकती है।
इस प्रकार, सरकार की सोलर योजना न केवल किसानों के लिए बिजली की समस्या का समाधान है, बल्कि यह कृषि में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। किसानों को चाहिए कि वे इस योजना का सही तरीके से लाभ उठाएं और अपनी कृषि उत्पादकता को बढ़ाएं।