मुंबई में 495 kWp रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट के लिए NPCIL ने मांगे टेंडर – जानिए डिटेल

मुंबई में 495 kWp के रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के लिए NPCIL ने टेंडर आमंत्रित किए हैं। जानिए ₹7.68 लाख EMD, बिना टेंडर फीस और 300 दिनों की डेडलाइन वाला ये सरकारी प्रोजेक्ट कैसे बन सकता है आपकी अगली बड़ी डील।

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Written by Rohit Kumar

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मुंबई में 495 kWp रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट के लिए NPCIL ने मांगे टेंडर – जानिए डिटेल
मुंबई में 495 kWp रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट के लिए NPCIL ने मांगे टेंडर – जानिए डिटेल

NPCIL यानी न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नया कदम उठाया है। इस दिशा में कंपनी ने मुंबई के अनुषक्तिनगर क्षेत्र में लगभग 495 किलोवाट पीक (kWp) क्षमता वाले ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर सिस्टम की स्थापना और संपूर्ण रखरखाव के लिए ई-टेंडर आमंत्रित किए हैं। यह टेंडर पब्लिक डोमेस्टिक बिडिंग प्रक्रिया के तहत जारी किया गया है और इसके लिए दो-चरणीय बोली प्रणाली (तकनीकी और वित्तीय) अपनाई जाएगी।

₹3.84 करोड़ की लागत से होंगे सोलर इंस्टॉलेशन

इस रूफटॉप सोलर परियोजना की कुल अनुमानित लागत ₹3,84,33,579 रखी गई है, जिसमें सभी कर जैसे GST शामिल हैं। यह परियोजना पूरी तरह से सरकारी फंडिंग से संचालित होगी और एनपीसीआईएल के मुंबई स्थित चार प्रमुख भवनों—एनयूबी बिल्डिंग, मयूर गेस्ट हाउस, राजहंस गेस्ट हाउस (अनुषक्तिनगर), और सीएमएम बिल्डिंग (टीवी स्टोर, मुंबई-94)—पर रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन किया जाएगा।

बोली प्रक्रिया की शुरुआत 10 अप्रैल से

NPCIL ने इस सोलर प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत 10 अप्रैल 2025 को कर दी है। इच्छुक बोलीदाता 10 अप्रैल सुबह 10:00 बजे से लेकर 1 मई 2025 शाम 5:00 बजे तक टेंडर डॉक्यूमेंट डाउनलोड कर सकते हैं। बोली लगाने से पहले किसी भी प्रकार की शंका या प्रश्न पूछने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल 2025, शाम 5:00 बजे रखी गई है। इसके साथ ही, 16 अप्रैल को एक प्री-बिड मीटिंग मुंबई के अनुषक्तिनगर में आयोजित की जाएगी।

बिड सबमिशन और ओपनिंग की टाइमलाइन

बिड सबमिट करने की विंडो 18 अप्रैल 2025 सुबह 10:00 बजे खुलेगी और 1 मई 2025 को शाम 5:00 बजे तक बंद हो जाएगी। उसके बाद, पार्ट-I यानी तकनीकी बिड्स 2 मई 2025 को शाम 5:00 बजे खोली जाएंगी। यह सुनिश्चित करता है कि प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से आगे बढ़े।

EMD और PBG की शर्तें

इस प्रोजेक्ट के लिए बोली लगाने हेतु इच्छुक पार्टियों को ₹7,68,672 की अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) जमा करनी होगी। यह भुगतान ऑनलाइन माध्यमों जैसे क्रेडिट या डेबिट कार्ड से किया जा सकता है। सफल बिडर को इसके अतिरिक्त परफॉर्मेंस बैंक गारंटी (PBG) भी जमा करनी होगी, जिसकी राशि कॉन्ट्रैक्ट मूल्य के कुछ प्रतिशत पर आधारित होगी। यह विवरण टेंडर डॉक्यूमेंट में विस्तृत रूप से दिया गया है।

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300 दिनों में पूरा करना होगा प्रोजेक्ट

यह रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन कार्य कॉन्ट्रैक्ट मिलने की तिथि से 300 दिनों के भीतर पूरा किया जाना अनिवार्य है। इस अवधि में डिज़ाइनिंग, सप्लाई, इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग, कमिशनिंग और पोस्ट-कमिशनिंग मेंटेनेंस शामिल है। इसके अलावा, प्रोजेक्ट की संचालन क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए एनपीसीआईएल द्वारा व्यापक निरीक्षण भी किया जाएगा।

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जॉइंट वेंचर की अनुमति नहीं, टेंडर फीस नहीं लगेगी

इस टेंडर में जॉइंट वेंचर या कंसोर्शियम की भागीदारी को अनुमति नहीं दी गई है। इसके साथ ही बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए किसी भी प्रकार की टेंडर फीस नहीं ली जा रही है, जिससे यह प्रक्रिया और अधिक समावेशी और प्रतिस्पर्धी बनती है।

तकनीकी और वित्तीय पात्रता की अनिवार्यता

टेंडर में भाग लेने के लिए कंपनियों को तकनीकी और वित्तीय दोनों प्रकार की पात्रता शर्तें पूरी करनी होंगी। जैसे कि बिडर के पास किसी एकल भवन पर कम से कम 200 kWp क्षमता का रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन करने का अनुभव होना चाहिए। साथ ही, कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत होनी चाहिए, जिसके लिए पिछले वर्षों की टर्नओवर रिपोर्ट, सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, जीएसटी पंजीकरण, ईपीएफ और ईएसआई रजिस्ट्रेशन आदि अनिवार्य हैं।

दस्तावेजों का सत्यापन और सख्त दंड प्रावधान

NPCIL ने स्पष्ट किया है कि वह सभी प्रस्तुत दस्तावेजों का सख्ती से सत्यापन करेगा। किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या दस्तावेजों की कमी पाए जाने पर बोली को रद्द किया जा सकता है और दोषी बोलीदाता पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके अलावा, बिड की वैधता टेंडर के तकनीकी हिस्से के खुलने की तिथि से 120 दिनों तक बनी रहेगी।

भारत की रिन्यूएबल एनर्जी रणनीति को मिलेगा बल

इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से न केवल NPCIL की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में वृद्धि होगी, बल्कि भारत की रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की नीति को भी बल मिलेगा। ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्रणाली से न केवल बिजली खर्च में कमी आएगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होगी।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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