
NTPC Green Energy Ltd (NGEL) आगामी सप्ताह में बॉन्ड्स के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये तक की फंडिंग जुटाने पर विचार करेगा। यह निर्णय कंपनी के बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा, जो 29 अप्रैल 2025 को आयोजित होने वाली है। यह प्रस्ताव वित्त वर्ष 2025-26 के लिए है और इसमें एक या एक से अधिक किश्तों में फंड जुटाने की योजना बनाई गई है।
NTPC Green Energy Ltd, सरकारी स्वामित्व वाली पॉवर कंपनी NTPC की रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy शाखा के रूप में काम करती है। यह कंपनी NTPC के सभी हरित ऊर्जा प्रयासों को समर्पित है और सोलर, विंड और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही है।
कंपनी द्वारा दिए गए रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, “बोर्ड 2025-26 के दौरान अधिकतम ₹5,000 करोड़ की राशि तक फंड जुटाने के प्रस्ताव पर विचार और स्वीकृति देगा, जो कि एक या एक से अधिक किश्तों में सुरक्षित/असुरक्षित, रिडीमेबल, टैक्सेबल/टैक्स-फ्री, क्यूम्युलेटिव या नॉन-क्यूम्युलेटिव डिबेंचर्स (Bonds/NCDs) के रूप में जारी किए जाएंगे।”
ग्रीन एनर्जी निवेश की ओर एक बड़ा कदम
NTPC Green Energy द्वारा यह फंड राइजिंग प्रस्ताव भारत के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश को गति देने वाला कदम माना जा रहा है। भारत सरकार द्वारा 2030 तक 500 GW गैर-फॉसिल फ्यूल बेस्ड कैपेसिटी हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है, और NGEL जैसी कंपनियां इस दिशा में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।
वर्तमान में, NTPC Green Energy सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में अपने प्रोजेक्ट्स का विस्तार कर रही है। कंपनी का यह प्रयास भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूत करने और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की दिशा में योगदान देने वाला है।
बॉन्ड इश्यू के फायदे और आर्थिक प्रभाव
बॉन्ड्स या NCDs के जरिए फंड जुटाने का तरीका कंपनियों को बाजार से पूंजी जुटाने का अवसर देता है, जिसमें निवेशकों को निश्चित रिटर्न मिलता है और कंपनी को बिना इक्विटी डायल्यूशन के पूंजी प्राप्त होती है। इस मामले में, NTPC Green Energy द्वारा जारी किए जाने वाले बॉन्ड्स टैक्सेबल या टैक्स-फ्री हो सकते हैं, जिससे विभिन्न निवेशकों के लिए आकर्षण बढ़ेगा।
यह इश्यू सुरक्षित और असुरक्षित दोनों प्रकार का हो सकता है, जिससे निवेशकों को उनकी जोखिम पसंद के अनुसार विकल्प मिलेगा। क्यूम्युलेटिव और नॉन-क्यूम्युलेटिव विकल्पों से निवेशकों की आय अर्जन प्राथमिकताओं का भी ध्यान रखा जाएगा।
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बाजार और निवेशकों की प्रतिक्रिया
हालांकि अभी तक इस बॉन्ड इश्यू को लेकर रेटिंग एजेंसियों या निवेशकों की औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन NTPC की मजबूत वित्तीय स्थिति और गवर्नमेंट बैकिंग को देखते हुए यह फंड राइजिंग काफी सफल रहने की उम्मीद है। NGEL का यह कदम ना केवल इसके प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो को विस्तार देगा, बल्कि कंपनी की क्रेडिट प्रोफाइल को भी मजबूती प्रदान करेगा।
NTPC की शेयर कीमत में फिलहाल मामूली गिरावट देखने को मिली है, जबकि GELV और AGE के स्टॉक्स स्थिर या सकारात्मक रुझान में रहे। यह संकेत करता है कि बाजार फिलहाल कंपनी की लंबी अवधि की रणनीति का आकलन कर रहा है।
Renewable Energy क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा
भारत में Renewable Energy सेक्टर तेजी से विस्तार कर रहा है। निजी कंपनियों जैसे Adani Green, ReNew Power, और Tata Power Renewable भी इस क्षेत्र में आक्रामक निवेश कर रही हैं। ऐसे में NTPC Green Energy का यह बॉन्ड इश्यू कदम इसे प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने और नए प्रोजेक्ट्स के लिए पूंजी सुनिश्चित करने का तरीका बन सकता है।
भविष्य की रणनीति और संभावनाएं
NTPC Green Energy आने वाले समय में ग्रीन हाइड्रोजन, सोलर मॉड्यूल निर्माण और ऊर्जा भंडारण (Energy Storage) परियोजनाओं में भी कदम बढ़ा सकती है। कंपनी का यह फंड राइजिंग उन सभी योजनाओं को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण वित्तीय आधार तैयार करेगा।
सरकार द्वारा बढ़ती नीति समर्थन, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम और वैश्विक निवेशकों की रुचि को देखते हुए NGEL के लिए यह समय फंड जुटाने के लिहाज से उपयुक्त प्रतीत होता है।