
NTPC Green Energy Ltd (NGEL) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹5,000 करोड़ की बड़ी राशि जुटाने की घोषणा की है। यह फंडिंग बॉन्ड्स और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) के ज़रिए एक या एक से अधिक चरणों में की जाएगी। कंपनी के इस फैसले को 29 अप्रैल 2025 को निदेशक मंडल से मंजूरी मिली है। यह निर्णय कंपनी की आक्रामक Renewable Energy विस्तार रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वर्ष 2026-27 तक 19 गीगावॉट क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह भी देखें: सबसे बढ़िया सोलर पैनल अब भारी सब्सिडी और डिस्काउंट के साथ! बस इतनी कीमत में
ग्रीन एनर्जी में अगली छलांग
NTPC Green Energy का यह फंड मुख्य रूप से सोलर, विंड और बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट्स में लगाया जाएगा। कंपनी ने लगभग ₹1 लाख करोड़ के निवेश की योजना बनाई है जिससे वह राष्ट्रीय Renewable Energy लक्ष्य—2030 तक 500 GW क्षमता—में अपनी भागीदारी को मजबूती से बढ़ा सके। इसके लिए NGEL न केवल नई परियोजनाओं पर काम कर रही है, बल्कि मौजूदा क्षमताओं को भी अत्याधुनिक तकनीक के साथ अपग्रेड कर रही है।
अब तक की प्रगति
कंपनी की वित्तीय स्थिति भी इस फैसले को मज़बूती देती है। दिसंबर 2024 की तिमाही में NTPC Green Energy की आय ₹505 करोड़ रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13% अधिक है। इसी अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ ₹66 करोड़ रहा, जो 18% की साल-दर-साल वृद्धि को दर्शाता है। हाल ही में कंपनी ने गुजरात में 150 मेगावॉट की सोलर परियोजना को पूरा किया है, और 900 मेगावॉट की नई परियोजनाओं के लिए निविदाएं भी जारी की हैं।
यह भी देखें: 3511 सोलर पंप का ऑर्डर! इस कंपनी के शेयरों में 3279% का जबरदस्त उछाल – बोनस शेयर भी बंटे
ONGC के साथ साझेदारी से खुले नए रास्ते
कंपनी ने ONGC Green Energy के साथ मिलकर ONGC NTPC Green (ONGPL) नामक एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य बैटरी स्टोरेज, पवन ऊर्जा और हरित रसायन परियोजनाओं में कार्य करना है। इस साझेदारी के माध्यम से कंपनी ने हाल ही में Ayana Renewable Power का अधिग्रहण किया है, जिससे उसकी कुल क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ये गठबंधन कंपनी को मार्केट में प्रतिस्पर्धियों से आगे रखने में अहम भूमिका निभाएंगे।
बाजार और निवेशकों के लिए संकेत
NTPC Green Energy की यह फंडिंग योजना निवेशकों के लिए एक रोमांचक अवसर प्रस्तुत करती है। बॉन्ड्स और NCDs के माध्यम से पूंजी जुटाना यह दर्शाता है कि कंपनी अपने वित्तीय ढांचे को मजबूत रखते हुए, विकासशील प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करने में सतर्क है। हरित ऊर्जा में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए यह एक दीर्घकालिक और स्थिर विकल्प हो सकता है, खासकर तब जब सरकार भी इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय है।
यह भी देखें: PM Kusum Yojana से सबसे बड़ा फायदा किसे मिलेगा? जानिए आप इसमें अप्लाई कर सकते हैं या नहीं!