PM-KUSUM Yojana Impact: गुजरात में सोलर एनर्जी ने बदली खेती की तस्वीर, किसानों ने की तारीफ

गुजरात के किसानों की जिंदगी बदल रही है, क्योंकि अब खेतों में सिर्फ फसल ही नहीं बल्कि सूरज की किरणों से बिजली भी पैदा हो रही है। PM-KUSUM योजना ने किसानों को महंगे डीज़ल और बिजली बिल से निजात दिलाई है। जानिए कैसे सोलर पावर से उनकी कमाई दुगुनी हो रही है और खेती में आया क्रांतिकारी बदलाव।

Photo of author

Written by Rohit Kumar

Published on

PM-KUSUM Yojana Impact: गुजरात में सोलर एनर्जी ने बदली खेती की तस्वीर, किसानों ने की तारीफ
PM-KUSUM Yojana Impact: गुजरात में सोलर एनर्जी ने बदली खेती की तस्वीर, किसानों ने की तारीफ

Solar Energy और PM-KUSUM Yojana आज गुजरात के किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण बन गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना ने खेती को आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्तर पर नई दिशा दी है। किसानों का कहना है कि सौर ऊर्जा ने उनके जीवन में “नए सवेरा” की तरह बदलाव लाया है।

किसानों को सब्सिडी से मिली राहत

PM-KUSUM योजना के तहत किसानों को Solar Pump पर 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। उदाहरण के तौर पर, 5 HP का सोलर पंप जिसकी कीमत लगभग ₹2.5 लाख होती है, वह सब्सिडी के बाद केवल ₹1 लाख में उपलब्ध हो जाता है। इस तरह किसान न सिर्फ डीजल की महंगाई से बचते हैं बल्कि अनियमित बिजली आपूर्ति की समस्या से भी निजात पा रहे हैं।

दिन में सिंचाई से बेहतर स्वास्थ्य

गुजरात के पंचमहल जिले के किसान भाविक पटेल बताते हैं कि पहले उन्हें रात में सिंचाई करनी पड़ती थी, जिससे अक्सर जंगली जानवरों और सांपों का खतरा रहता था। लेकिन अब Solar Energy से चलने वाले पंप के जरिए दिन में ही खेतों की सिंचाई संभव हो गई है। इससे उनकी नींद और स्वास्थ्य दोनों में सुधार हुआ है और खेती का काम भी अधिक सुरक्षित और आसान हो गया है।

लंबे समय तक फायदे और स्थायी समाधान

भाविक पटेल जैसे कई किसानों का मानना है कि Solar Energy ने खेती के तौर-तरीकों को हमेशा के लिए बदल दिया है। पहले वे दूसरों की पाइपलाइन और कुओं पर निर्भर थे, लेकिन अब अपने खेत में पानी की व्यवस्था खुद कर पा रहे हैं। इस बदलाव ने उनकी खेती की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों को बढ़ा दिया है।

किसानों के लिए अतिरिक्त आय का साधन

PM-KUSUM योजना का एक और बड़ा फायदा यह है कि किसान अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेच सकते हैं। इसका मतलब है कि खेती के साथ-साथ उन्हें Renewable Energy से स्थायी आय का स्रोत भी मिल रहा है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और उन्हें आत्मनिर्भरता का नया रास्ता मिल रहा है।

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना

गुजरात सरकार ने अगले तीन वर्षों में 30 लाख किसानों को Solar Pump उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। राज्य में पहले ही लाखों पंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे खेती में पारंपरिक बिजली और डीजल पर निर्भरता में भारी कमी आई है।

Also ReadKPI Green Energy Ltd Share Price Target 2025, 2030, 2035, 2040, 2045 और 2050: क्या ₹12,000 तक जा सकता है यह सोलर स्टॉक?

KPI Green Energy Ltd Share Price Target 2025, 2030, 2035, 2040, 2045 और 2050: क्या ₹12,000 तक जा सकता है यह सोलर स्टॉक?

यह भी पढ़े-NTPC Solar Project: गुजरात के भुज में NTPC ने 50 MW सोलर प्रोजेक्ट आंशिक रूप से शुरू

पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन में कमी

विशेषज्ञों का मानना है कि PM-KUSUM Yojana सिर्फ आर्थिक राहत देने वाली योजना नहीं है, बल्कि यह पर्यावरणीय स्थिरता की ओर भी बड़ा कदम है। डीजल पंप की जगह Solar System के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है और पानी की दक्षता भी बढ़ती है। यही कारण है कि खेती अब न सिर्फ किसानों के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित हो रही है।

बेहतर सिंचाई, बेहतर फसल

समय पर और भरोसेमंद सिंचाई से किसानों की फसल की गुणवत्ता भी सुधरी है। पहले जहां बिजली और पानी की समस्या से उत्पादन प्रभावित होता था, वहीं अब Solar Energy की मदद से किसान समय पर फसल की देखभाल कर पा रहे हैं। इससे उनके लिए बेहतर पैदावार और उच्च गुणवत्ता वाली उपज का रास्ता खुला है।

किसानों के लिए नया युग

गुजरात के किसानों का कहना है कि PM-KUSUM Yojana अब केवल सब्सिडी योजना नहीं रही, बल्कि यह खेती में क्रांति का रूप ले चुकी है। यह उन्हें न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा दे रही है बल्कि बेहतर स्वास्थ्य, सुरक्षित जीवन और हरा-भरा भविष्य भी प्रदान कर रही है।

Also Readभारत बना सोलर एक्सपोर्ट का चमकता सितारा! ग्लोबल ट्रेड और नीतियों के सहारे बढ़ रही है धाक

भारत बना सोलर एक्सपोर्ट का चमकता सितारा! ग्लोबल ट्रेड और नीतियों के सहारे बढ़ रही है धाक

Author
Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें