Ola Electric की बैटरी फैक्ट्री से EV इंडस्ट्री में आएगा क्रांतिकारी बदलाव

100 GWh बैटरी उत्पादन, PLI योजना में पहला लाभ और आत्मनिर्भर भारत का वादा ओला की गीगाफैक्ट्री बदल सकती है भारत का इलेक्ट्रिक भविष्य, लेकिन क्या निर्माण में देरी इस सपने पर पानी फेर देगी?

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Written by Rohit Kumar

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Ola Electric की बैटरी फैक्ट्री से EV इंडस्ट्री में आएगा क्रांतिकारी बदलाव
Ola Electric की बैटरी फैक्ट्री से EV इंडस्ट्री में आएगा क्रांतिकारी बदलाव

भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle – EV) क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) ने तमिलनाडु के कृष्णागिरी ज़िले में देश की सबसे बड़ी और अत्याधुनिक बैटरी निर्माण इकाई — गीगाफैक्ट्री (Gigafactory) — का निर्माण शुरू किया है। यह कदम EV उत्पादन में भारत की भूमिका को न केवल और मजबूत बनाएगा, बल्कि देश को ग्लोबल EV सप्लाई चेन का एक अहम केंद्र बनाने की ओर भी अग्रसर करेगा।

115 एकड़ में फैली अत्याधुनिक यूनिट: बैटरी निर्माण की नई परिभाषा

यह गीगाफैक्ट्री कुल 115 एकड़ भूमि में फैली होगी, जो अपने आप में इसे भारत की सबसे बड़ी बैटरी निर्माण इकाई बनाती है। प्रारंभ में इसकी बैटरी उत्पादन क्षमता 5 गीगावॉट-आवर (GWh) निर्धारित की गई है, जिसे भविष्य में बढ़ाकर 100 GWh तक करने का लक्ष्य रखा गया है। यह न केवल EV निर्माण की घरेलू क्षमता को सशक्त बनाएगी, बल्कि भारत को बैटरी टेक्नोलॉजी और एनर्जी स्टोरेज में भी वैश्विक लीडर बनने की ओर अग्रसर करेगी।

ओला की यह पहल ग्रीन मोबिलिटी (Green Mobility) और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के क्षेत्र में उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। स्थानीय निर्माण से बैटरी की लागत में कटौती होगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें भी आम जनता के लिए अधिक सुलभ बनेंगी।

आयात पर निर्भरता होगी कम: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ठोस कदम

फिलहाल भारत की EV इंडस्ट्री बैटरियों और अन्य प्रमुख कंपोनेंट्स के लिए चीन, कोरिया और जापान जैसे देशों पर निर्भर है। इससे एक ओर लागत बढ़ती है और दूसरी ओर आपूर्ति श्रृंखला पर भी अनिश्चितता बनी रहती है।

ओला इलेक्ट्रिक की यह गीगाफैक्ट्री इन दोनों समस्याओं का समाधान पेश करेगी। स्थानीय स्तर पर बैटरियों के निर्माण से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों को मजबूती मिलेगी, साथ ही भारत के EV इकोसिस्टम को वैश्विक मानचित्र पर प्रतिस्पर्धी स्थान प्राप्त होगा।

PLI योजना के तहत ओला को मिला सबसे पहला सरकारी प्रोत्साहन

भारत सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (Production Linked Incentive – PLI) के अंतर्गत ओला इलेक्ट्रिक को 73.74 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली है। यह प्रोत्साहन प्राप्त करने वाली ओला पहली दोपहिया EV निर्माता कंपनी बन गई है।

PLI योजना का उद्देश्य भारत को EV और बैटरी निर्माण के क्षेत्र में वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है। इस योजना से ओला को उत्पादन क्षमता बढ़ाने, तकनीकी नवाचार को गति देने और आवश्यक पूंजी जुटाने में अहम सहायता मिली है। यह सहयोग EV टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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निर्माण में देरी पर आया सरकारी नोटिस, लेकिन ओला ने जताई प्रतिबद्धता

मार्च 2025 में ओला इलेक्ट्रिक को एक झटका तब लगा जब गीगाफैक्ट्री के निर्माण कार्य में देरी के चलते उसे भारत सरकार की ओर से नोटिस जारी किया गया। यह नोटिस PLI योजना की शर्तों और निर्धारित समयसीमा को पूरा न कर पाने के कारण दिया गया है।

हालांकि कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यह देरी अस्थायी है और उन्होंने निर्माण कार्य को तेज़ी से आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं। ओला के अनुसार, यह परियोजना भारत को स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर ले जाने वाले एक दीर्घकालिक अभियान का हिस्सा है।

भारत की EV क्रांति में ओला की भूमिका: उम्मीदों का नया केंद्र

ओला इलेक्ट्रिक की यह गीगाफैक्ट्री सिर्फ एक औद्योगिक संरचना नहीं है, बल्कि यह भारत के ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक आत्मनिर्भरता के सपनों की नींव है। इस परियोजना से न केवल लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि भारतीय युवाओं को ग्रीन टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्र में नए अवसर भी प्राप्त होंगे।

जैसे-जैसे यह गीगाफैक्ट्री अपनी पूर्ण क्षमता की ओर बढ़ेगी, ओला इलेक्ट्रिक की उत्पादन क्षमता और बाजार पर प्रभाव भी कई गुना बढ़ जाएगा। यह फैक्ट्री भारत को ग्लोबल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्पेस में एक अग्रणी खिलाड़ी बनाने की क्षमता रखती है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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