सरकार की PLI स्कीम से कौन-कौन सी कंपनियों को मिलेगा फायदा?

3.5 लाख करोड़ के निवेश टारगेट के साथ एसी-एलईडी, आईटी हार्डवेयर, फार्मा और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में बंपर ग्रोथ! जानिए कैसे भारत PLI योजना से बन रहा है नौकरियों, नवाचार और आत्मनिर्भरता का सेंटर!

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Written by Rohit Kumar

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सरकार की PLI स्कीम से कौन-कौन सी कंपनियों को मिलेगा फायदा?
सरकार की PLI स्कीम से कौन-कौन सी कंपनियों को मिलेगा फायदा?

भारत सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (Production Linked Incentive – PLI) योजना ने बीते कुछ वर्षों में देश के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य को पूरी तरह बदलने की दिशा में बड़ा प्रभाव डाला है। आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने और भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना ने इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी हार्डवेयर, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य कई क्षेत्रों में जबरदस्त निवेश को आकर्षित किया है।

एसी और एलईडी लाइट्स सेक्टर में निवेश की नई लहर

जनवरी 2025 में एसी और एलईडी लाइट्स सेक्टर के अंतर्गत PLI योजना के तीसरे चरण की घोषणा हुई, जिसमें कुल 18 नई कंपनियों को शामिल किया गया। इन कंपनियों ने कुल 2,299 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इस चरण में Voltas, MIRC Electronics और Lumax Industries जैसी अग्रणी कंपनियाँ शामिल हैं, जो भारत में टिकाऊ और आधुनिक उत्पादों के निर्माण को नया आयाम देने की दिशा में अग्रसर हैं।

सिर्फ इतना ही नहीं, योजना के पहले से लाभान्वित 6 कंपनियों ने भी योजना की उच्च निवेश श्रेणी में अपग्रेड होकर 1,217 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने का निर्णय लिया है। इस तरह, अब तक इस सेक्टर में 84 कंपनियाँ योजना से जुड़ चुकी हैं, जिनका कुल निवेश 10,478 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। सरकार ने इस निवेश से 1,72,663 करोड़ रुपये के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जो इस क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करता है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मिला बड़ा बूस्ट

Food Processing Sector में भी PLI योजना ने जबरदस्त प्रभाव दिखाया है। इस क्षेत्र में अब तक 119 कंपनियाँ योजना के तहत शामिल की जा चुकी हैं। इनमें रेडी-टू-ईट और रेडी-टू-कुक उत्पाद, दूध उत्पाद (Milk Products), और फलों व सब्जियों की प्रोसेसिंग जैसे उप-श्रेणियाँ शामिल हैं।

यह योजना सिर्फ उद्योगों को ही नहीं, बल्कि देश के किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों को भी सीधा लाभ पहुँचा रही है। कृषि उपज का बेहतर मूल्य, बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद, और गाँवों में रोजगार के अवसर—ये सभी PLI योजना की सफलता की प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित हो रही हैं, जो स्थानीय स्तर पर विकास को गति दे रही हैं।

आईटी हार्डवेयर सेक्टर में भारत की बड़ी छलांग

IT Hardware के क्षेत्र में भारत सरकार ने PLI 2.0 योजना के तहत दिसंबर 2023 तक 27 कंपनियों को मंजूरी दी है। इनमें Dell, HP, Foxconn और Lenovo जैसी दिग्गज अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ शामिल हैं, जो भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को स्थापित कर रही हैं।

इनमें से 23 कंपनियाँ पहले से ही स्थानीय उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार हैं। इस योजना के तहत आईटी हार्डवेयर का उत्पादन बढ़ाकर 3.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। यह पहल भारत को केवल आत्मनिर्भर बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि देश को एक ग्लोबल IT मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो रही है।

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फार्मास्यूटिकल्स में आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम

Pharmaceuticals Sector में भी PLI योजना के माध्यम से देश ने आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाए हैं। मई 2023 तक इस क्षेत्र की कई बड़ी भारतीय दवा कंपनियाँ इस योजना से जुड़ चुकी हैं, जो अब देश में Active Pharmaceutical Ingredients (APIs) और जीवनरक्षक दवाओं का घरेलू स्तर पर उत्पादन कर रही हैं।

इस पहल से ना केवल आयात पर निर्भरता कम हुई है, बल्कि देश में अनुसंधान और नवाचार (R&D and Innovation) को भी नई दिशा मिली है। इससे भारत की फार्मा कंपनियाँ वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अधिक सक्षम हुई हैं, जो मेडिसिन सेक्टर को नए स्तर पर लेकर जा रहा है।

अन्य क्षेत्रों में भी दिखा PLI योजना का व्यापक प्रभाव

PLI योजना का प्रभाव सिर्फ कुछ गिने-चुने क्षेत्रों तक सीमित नहीं है। इसे अब अन्य 14 प्रमुख क्षेत्रों में विस्तारित किया गया है। इनमें Mobile Manufacturing, Specialty Steel, Telecom, Textile, Solar PV Modules और Drone Manufacturing जैसे सेक्टर्स प्रमुख हैं।

इन सभी क्षेत्रों में कंपनियों ने भारी निवेश कर स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दिया है। इसका सीधा असर देश की उत्पादन क्षमता, निर्यात क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर देखा जा रहा है। खासतौर पर Renewable Energy और Digital India Mission को इससे बड़ा प्रोत्साहन मिला है।

सरकार की यह योजना सिर्फ उद्योगपतियों के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि इससे देश में नई नौकरियों का सृजन हो रहा है और विकास की रफ्तार तेज हो रही है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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