पंजाब में लगेंगे 1,000 से ज्यादा सरकारी बिल्डिंग्स पर सोलर पैनल! PSPCL की ₹123 करोड़ की योजना को मिली मंजूरी

पंजाब में ऊर्जा क्रांति की ओर एक बड़ा कदम PSPCL की ₹123 करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना को मिली मंजूरी, जिसके तहत 1,000 से ज्यादा सरकारी इमारतों की छतों पर लगाए जाएंगे, सोलर पैनल जिससे न केवल सरकारी खर्च में भारी बचत होगी, बल्कि राज्य में हरित ऊर्जा को मिलेगा, जबरदस्त बढ़ावा। इसलिए जानिए इस योजना के फायदे और असर!

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Written by Rohit Kumar

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पंजाब में लगेंगे 1,000 से ज्यादा सरकारी बिल्डिंग्स पर सोलर पैनल! PSPCL की ₹123 करोड़ की योजना को मिली मंजूरी
पंजाब में लगेंगे 1,000 से ज्यादा सरकारी बिल्डिंग्स पर सोलर पैनल! PSPCL की ₹123 करोड़ की योजना को मिली मंजूरी

पंजाब में अब सरकारी दफ्तरों की छतों पर सोलर पैनल लगेंगे। पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) ने राज्य में 1,013 इमारतों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने की योजना बनाई है। इस पर कुल ₹123.3 करोड़ खर्च होंगे। इस योजना को पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (PSERC) से मंजूरी मिल गई है। इस प्रोजेक्ट का मकसद सरकारी दफ्तरों की बिजली जरूरत को सोलर एनर्जी से पूरा करना और बिजली के खर्च को कम करना है।

1,013 इमारतों की छतों पर लगेंगे सोलर पैनल

PSPCL की यह योजना राज्य भर में फैले उसके दफ्तरों, सब स्टेशनों, थर्मल और हाइड्रोजन स्टेशनों की छतों पर सोलर पैनल लगाने की है। इससे हर साल करीब 46.74 मिलियन यूनिट बिजली बनेगी। यह बिजली PSPCL खुद इस्तेमाल करेगा, जिससे ग्रिड से बिजली लेने की जरूरत कम हो जाएगी। एक PSPCL अधिकारी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में पहले 15 साल तक बिजली की लागत ₹3.26 प्रति यूनिट होगी। इसके बाद अगले 10 साल तक यह बिजली मुफ्त में मिलेगी। यानी पूरे 25 साल तक यह सिस्टम काम करेगा।

अगस्त 2024 में बांटे गए कॉन्ट्रैक्ट, एक साल में पूरा होगा काम

यह काम सात हिस्सों में बांटा गया है, और अगस्त 2024 में सभी कामों के ठेके दे दिए गए हैं। PSPCL का लक्ष्य है, कि सभी सोलर सिस्टम एक साल के भीतर लग जाएं।

₹160 करोड़ की मांग, ₹123.3 करोड़ को मंजूरी मिली

शुरुआत में PSPCL ने ₹160 करोड़ की मंजूरी मांगी थी। इसमें ₹32.64 करोड़ की प्रशासनिक लागत (ऑफिस खर्च) भी जोड़ी गई थी। लेकिन PSERC ने यह खर्च मंजूर नहीं किया। आयोग का कहना था, कि यह PSPCL के रोज़मर्रा के काम का हिस्सा है, इसलिए इसका बोझ आम लोगों पर नहीं डाला जा सकता। इसी वजह से सिर्फ असली खर्च यानी ₹123.3 करोड़ की मंजूरी मिली है।

अगर काम लेट हुआ या बिजली कम बनी, तो नहीं मिलेगा पैसा

PSERC ने सख्त शर्तें भी लगाई हैं। उसने कहा है कि अगर यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हुआ या सोलर पैनल से बिजली कम बनी, तो PSPCL इस पर खर्च हुई रकम बिजली के रेट में जोड़कर लोगों से नहीं वसूल सकेगा। इसके अलावा PSPCL को हर जगह अलग से सोलर मीटर लगाना होगा, जिससे पता चले कि कितनी बिजली बनी। यह जानकारी हर साल रिपोर्ट में देना होगा।

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केंद्र सरकार के लक्ष्य की ओर एक कदम

यह योजना केंद्र सरकार की उस योजना का हिस्सा है, जिसमें दिसंबर 2025 तक सभी सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य है। PSPCL भी इसी दिशा में काम कर रहा है। इससे Renewable Energy यानी अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण को भी फायदा होगा।

PSPCL का कहना अब हमारी अपनी बिजली होगी

PSPCL के एक इंजीनियर ने कहा, “हमारे पास राज्य भर में ऑफिस और कुछ खाली ज़मीनें हैं। अब हम इसका उपयोग खुद बिजली बनाने में करेंगे। इससे हमें सस्ती बिजली भी मिलेगी और पंजाब में ग्रीन एनर्जी बढ़ेगी।”

क्या होगा फायदा?

इस योजना से PSPCL को कई फायदे होंगे –

  • बिजली की लागत कम होगी।
  • 15 साल के बाद बिजली बिल्कुल मुफ्त हो जाएगी।
  • ग्रिड पर निर्भरता घटेगी।
  • पर्यावरण को फायदा होगा।
  • Renewable Energy के लक्ष्य पूरे होंगे।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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