
रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को लेकर हाल ही में जारी किए गए यूके के आंकड़े एक तरफ जहां जबरदस्त प्रगति दिखाते हैं, वहीं दूसरी ओर कमर्शियल रूफटॉप सोलर (Commercial Rooftop Solar) की अनदेखी को भी उजागर करते हैं। 2024 में पहली बार यूके की बिजली का 50.8% हिस्सा रिन्यूएबल सोर्स से आया है, जिसमें सोलर पावर ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए 6.5% की वृद्धि के साथ 14.8 TWh का आंकड़ा छू लिया है। बावजूद इसके, घरेलू सोलर इंस्टॉलेशन जहां वॉल्यूम में आगे हैं, वहीं वे कुल सोलर कैपेसिटी में सिर्फ 30% का ही योगदान दे पा रही हैं।
रिन्यूएबल एनर्जी में तेजी लेकिन कमर्शियल सोलर अब भी अछूता
लाइटवेट सोलर टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता रखने वाली कंपनी Solivus की CEO और संस्थापक जो पार्कर-स्विफ्ट ने बताया कि भले ही यूके की सोलर क्षमता तेजी से बढ़ रही है, लेकिन अभी भी फोकस का बड़ा हिस्सा रेसिडेंशियल सोलर इंस्टॉलेशन पर है। उन्होंने कहा, “नेट जीरो टारगेट को हासिल करने के लिए सोलर पावर की भूमिका बेहद अहम है। एक-एक घर में सोलर पैनल लगाना जरूर अच्छा कदम है, लेकिन असली बदलाव तो तब आएगा जब बड़े स्तर पर कमर्शियल और इंडस्ट्रियल भवनों की छतों पर सोलर लगाया जाएगा।”
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कमर्शियल सोलर की ताकत: ग्रिड पर दबाव कम, ऊर्जा आत्मनिर्भरता मजबूत
जो स्विफ्ट का मानना है कि कमर्शियल इमारतें, खासकर ऊर्जा-गहन सेक्टर में, रेसिडेंशियल यूनिट्स की तुलना में कहीं ज्यादा बिजली खपत करती हैं। ऐसे में अगर इनकी छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएं, तो यह सिर्फ पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा कदम होगा। इससे नेशनल ग्रिड पर दबाव कम होगा और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता घटेगी। साथ ही यूके की रिन्यूएबल एनर्जी की बुनियाद भी मजबूत होगी।
आंकड़े जो खोलते हैं आंखें: 10% से कम है उपयोग, जबकि पोटेंशियल है बेशुमार
एक हालिया विश्लेषण में खुलासा हुआ है कि यूके की नॉन-डोमेस्टिक बिल्डिंग्स में से सिर्फ 10% से भी कम अपनी छतों का इस्तेमाल सोलर पावर के लिए कर रही हैं। जबकि एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर इन सभी इमारतों की छतों का पूरी तरह उपयोग किया जाए, तो यह सालाना 117 TWh बिजली उत्पादन कर सकती हैं। यह उत्पादन लगभग 3 करोड़ घरों की सालाना बिजली जरूरत को पूरा करने के बराबर होगा, जो यूके के कुल घरों की संख्या से भी अधिक है।
अरबों पाउंड की बचत संभव, लेकिन उठाने होंगे ठोस कदम
ऊर्जा उत्पादन में इस क्रांति से सिर्फ पर्यावरण नहीं, बल्कि आर्थिक तौर पर भी बड़ा लाभ हो सकता है। अनुमान है कि इससे करीब 35 अरब पाउंड की बचत की जा सकती है, जबकि लंबे समय में यह बचत 703 अरब पाउंड तक पहुंच सकती है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कमर्शियल सोलर के जरिये न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है, बल्कि यूके की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जा सकता है।
2035 तक 70GW सोलर टारगेट, लेकिन सिर्फ रेसिडेंशियल से नहीं होगा काम
यूके सरकार ने 2035 तक सोलर कैपेसिटी को पांच गुना बढ़ाकर 70 GW करने का लक्ष्य रखा है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए सिर्फ घरेलू सोलर इंस्टॉलेशन पर निर्भर रहना काफी नहीं होगा। जो स्विफ्ट का कहना है कि अगर सच्चे मायनों में रिन्यूएबल एनर्जी की शक्ति का दोहन करना है, तो कमर्शियल सोलर को प्राथमिकता देनी ही होगी। यहीं से असली और स्थायी परिवर्तन आएगा।