
रिलायंस पावर के शेयरों में हालिया तेजी ने निवेशकों और बाजार विश्लेषकों का ध्यान खींचा है। इस तेजी के पीछे एक बड़ा कारण है – कंपनी की सब्सिडियरी, रिलायंस NU एनर्जीज़ को SJVN लिमिटेड से मिला 350 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट और 175 मेगावाट/700 मेगावाट-घंटा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) का बड़ा ठेका। यह खबर आते ही कंपनी के शेयर 12.5% तक उछलकर ₹43.50 तक पहुंच गए और बाजार में उत्साह की लहर दौड़ गई।
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टैरिफ और प्रोजेक्ट मॉडल की विशेषताएं
यह प्रोजेक्ट 25 वर्षों के लिए तय ₹3.33 प्रति यूनिट की स्थिर टैरिफ पर आधारित है और इसे Build-Own-Operate (BOO) मॉडल के तहत क्रियान्वित किया जाएगा। इसका अर्थ है कि रिलायंस पावर की सब्सिडियरी इस प्रोजेक्ट को बनाएगी, स्वामित्व रखेगी और संचालित करेगी। इससे न केवल कंपनी की रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy पोर्टफोलियो को मजबूती मिलेगी बल्कि यह भारत की स्वच्छ ऊर्जा रणनीति में भी एक बड़ा योगदान होगा।
प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग में सबसे बड़ा आवंटन
रिलायंस NU एनर्जीज़ को यह ठेका SJVN द्वारा निकाली गई 1,200 मेगावाट सोलर और 600 मेगावाट/2,400 मेगावाट-घंटा BESS की टेंडर प्रक्रिया में सबसे बड़ा आवंटन मिलने के बाद मिला है। इस प्रक्रिया में देश की 19 बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें रिलायंस समूह ने प्रतिस्पर्धात्मक बोली लगाकर यह अनुबंध अपने नाम किया।
स्वच्छ ऊर्जा पोर्टफोलियो को मिली बड़ी मजबूती
इस बड़े कॉन्ट्रैक्ट के साथ रिलायंस पावर की स्वच्छ ऊर्जा पाइपलाइन अब 2.5 गीगावाटपी सोलर और 2.5 गीगावाट-घंटा बैटरी एनर्जी स्टोरेज तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा कंपनी की आक्रामक Renewable Energy रणनीति और भविष्य की योजनाओं को दर्शाता है।
भारत की ग्रीन एनर्जी रणनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका
यह प्रोजेक्ट SJVN को भी लाभ पहुंचाएगा क्योंकि कंपनी भारत सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को पाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। इस परियोजना का निर्माण राजस्थान जैसे सोलर-फ्रेंडली राज्य में किया जा सकता है, जिससे इकोनॉमिक स्केल और तकनीकी दक्षता का लाभ मिलेगा।
शेयर बाजार में मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट रिलायंस पावर के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। यह न केवल कंपनी के स्टॉक वैल्यूएशन को बेहतर करेगा बल्कि निवेशकों में विश्वास को भी और बढ़ाएगा।
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SJVN की 2025 की योजना का अहम हिस्सा
यह परियोजना SJVN की 2025 की महत्वाकांक्षी योजना का भी हिस्सा है, जिसमें वह देशभर में ग्रीन एनर्जी का नेटवर्क स्थापित करने का लक्ष्य रखती है। रिलायंस की भागीदारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रिलायंस पावर की रणनीति
रिलायंस पावर ने अपनी सब्सिडियरी के माध्यम से इस प्रोजेक्ट में जो बोल्ड कदम उठाया है, वह इसके Renewable Energy सेगमेंट में आक्रामक विस्तार को दर्शाता है। यह रणनीति आने वाले वर्षों में इसे एक लीडिंग क्लीन एनर्जी कंपनी के रूप में स्थापित कर सकती है।
निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत
इस प्रोजेक्ट की सफलता से निवेशकों को भी दीर्घकालिक लाभ मिलने की उम्मीद है। यह शेयरहोल्डर्स के लिए एक संकेत है कि कंपनी अब अपने पावर पोर्टफोलियो को ग्रीन और डिजिटल दिशा में आगे बढ़ा रही है। Reliance Power के शेयर में उछाल से निवेशकों को कई तरह के लाभ हो सकते हैं, खासकर वे निवेशक जो पहले से ही इस कंपनी में निवेश कर चुके हैं या अब एंट्री लेने की योजना बना रहे हैं। नीचे कुछ प्रमुख फायदे बताए गए हैं जो निवेशकों को इस तेजी से मिल सकते हैं:
1. शॉर्ट टर्म में कैपिटल गेन का मौका
रिलायंस पावर के शेयर में जबरदस्त उछाल (12.5% तक) के बाद अगर किसी निवेशक ने पहले से शेयर होल्ड कर रखा है, तो उसे मुनाफा बुक करने का अवसर मिला है। ऐसे निवेशकों के लिए यह तेजी कैपिटल गेन (Capital Gain) के रूप में फायदेमंद साबित हो सकती है।
2. लॉन्ग टर्म में वैल्यू ग्रोथ की संभावना
रिलायंस NU एनर्जीज़ को मिला SJVN का बड़ा Renewable Energy प्रोजेक्ट कंपनी के फ्यूचर रेवेन्यू और ग्रोथ को मजबूत आधार देता है। इसका मतलब है कि लॉन्ग टर्म निवेशकों को कंपनी के बढ़ते वैल्युएशन और स्टेबल रिटर्न का फायदा मिल सकता है।
3. बाजार में कंपनी की विश्वसनीयता में इजाफा
SJVN जैसी सरकारी कंपनी द्वारा रिलायंस की सब्सिडियरी को बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिलना कंपनी की विश्वसनीयता और क्षमता को दर्शाता है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है और यह शेयर की मांग में इजाफा कर सकता है, जिससे भाव और ऊपर जा सकते हैं।
4. ग्रीन एनर्जी में बढ़ता निवेश अवसर
भारत तेजी से ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन की ओर बढ़ रहा है। रिलायंस पावर जैसे प्लेयर जो अब क्लीन एनर्जी पर फोकस कर रहे हैं, उनके शेयर में निवेश करना भविष्य के लिए एक स्ट्रैटेजिक मूव हो सकता है। इससे लॉन्ग टर्म में निवेशकों को ESG (Environmental, Social, Governance) थीम पर आधारित पोर्टफोलियो बनाने में मदद मिलती है।
5. मुनाफे की उम्मीद में बढ़ती डिविडेंड संभावनाएं
जैसे-जैसे कंपनी के रेवेन्यू में ग्रोथ होगी, वैसे-वैसे कंपनी डिविडेंड देने की स्थिति में आ सकती है। इससे निवेशकों को नियमित इनकम का स्रोत भी मिल सकता है, खासकर रिटायर्ड और कंजरवेटिव इनकम-फोकस्ड निवेशकों के लिए।
भविष्य की योजनाएं
भविष्य की बात करें तो, रिलायंस पावर की योजना अधिक सोलर पार्क, बैटरी स्टोरेज यूनिट और हाइब्रिड एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर ध्यान केंद्रित करने की है। यह रुख इसे अन्य प्रतिस्पर्धियों से आगे ले जा सकता है।