
Reliance Power के शेयरों में अचानक उछाल देखा गया जब कंपनी की सहायक इकाई ने SJVN द्वारा आयोजित एक बड़े Renewable Energy टेंडर में जीत दर्ज की। सोमवार, 12 मई 2025 को कंपनी के शेयर 10% से अधिक की छलांग लगाते हुए ₹43.50 तक पहुंच गए। इस तेजी का मुख्य कारण था रिलायंस एनयू एनर्जीज़ (Reliance NU Energies) द्वारा SJVN की 1,200 मेगावाट सोलर + 600 मेगावाट / 2,400 मेगावाट-घंटा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (Battery Energy Storage System – BESS) परियोजना की बोली में टॉप बिडर के रूप में चयनित होना।
Reliance Power भारत की एक प्रमुख निजी बिजली उत्पादन कंपनी है, जिसकी स्थापना 2007 में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले Reliance ADA Group द्वारा की गई थी। यह कंपनी बिजली उत्पादन, निर्माण और वितरण के क्षेत्र में सक्रिय है और देश के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी मानी जाती है। Reliance Power का मुख्य उद्देश्य देश में ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करना और ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालिक समाधान प्रदान करना है।
प्रोजेक्ट डिटेल्स और टैरिफ स्ट्रक्चर
रिलायंस एनयू एनर्जीज़ को इस टेंडर में 350 मेगावाट सोलर और 175 मेगावाट / 700 मेगावाट-घंटा BESS परियोजना का हिस्सा मिला है। यह अनुबंध ₹3.33 प्रति यूनिट की 25-वर्षीय स्थिर टैरिफ दर पर हासिल किया गया है। इस सौदे के बाद, रिलायंस पावर की कुल स्वच्छ ऊर्जा परियोजना पाइपलाइन अब 2.5 गीगावाट सोलर और 2.5 गीगावाट-घंटा BESS तक पहुंच गई है, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा एकीकृत सोलर + BESS खिलाड़ी बन गया है।
Build-Own-Operate मॉडल की रणनीति
कंपनी इस पूरे प्रोजेक्ट को Build-Own-Operate (BOO) मॉडल पर विकसित करेगी, जिसमें न्यूनतम चार घंटे की दैनिक डिस्चार्ज की शर्त शामिल है। इसका उद्देश्य राज्य वितरण कंपनियों को पीक लोड अवधि के दौरान भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस परियोजना का व्यावसायिक दृष्टिकोण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) सेक्टर में रिलायंस की उपस्थिति को और मजबूत करता है।
शेयर बाजार में दिखा सकारात्मक असर
इस नई उपलब्धि के बाद, रिलायंस पावर के शेयरों में न केवल 10% से अधिक की तेजी आई बल्कि निवेशकों और विश्लेषकों के बीच कंपनी की छवि और मज़बूत हो गई है। विश्लेषकों का मानना है कि यह डील कंपनी के वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन को दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगी।
SECI के साथ हुआ था पहले भी बड़ा करार
रिलायंस एनयू एनर्जीज़ की यह दूसरी बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले कंपनी की 100% सहायक इकाई रिलायंस एनयू सनटेक (Reliance NU Suntech) ने सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के साथ एशिया की सबसे बड़ी सोलर + BESS परियोजना के लिए 25-वर्षीय Power Purchase Agreement (PPA) पर हस्ताक्षर किए थे। उस परियोजना में 930 मेगावाट सोलर और 465 मेगावाट / 1,860 मेगावाट-घंटा BESS क्षमता शामिल है, जिसकी अनुमानित लागत ₹10,000 करोड़ बताई जा रही है।
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भारत के ऊर्जा ट्रांजिशन में अहम भूमिका
भारत में ऊर्जा संक्रमण के मौजूदा दौर में यह डील एक मील का पत्थर मानी जा रही है। रिलायंस पावर न केवल पारंपरिक बिजली उत्पादन से हटकर हरित ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि वह तकनीकी नवाचार और परियोजना कार्यान्वयन के मामले में भी लीडरशिप रोल निभा रहा है। इससे न केवल देश की एनर्जी सिक्योरिटी को मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता को भी बल मिलेगा।
इस डील से निवेशकों को क्या फायदा होगा?
SJVN के सोलर और BESS प्रोजेक्ट की डील, जिसमें Reliance Power की सहायक कंपनी Reliance NU Energies को 350 मेगावाट सोलर और 175 मेगावाट / 700 मेगावाट-घंटा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) परियोजना मिली है, निवेशकों के लिए कई स्तरों पर फायदेमंद साबित हो सकती है।
1. शेयर प्राइस में तेज़ उछाल
डील की घोषणा के तुरंत बाद Reliance Power के शेयरों में 10% से ज़्यादा की तेजी आई और यह ₹43.50 के स्तर पर पहुंच गया। यह साफ संकेत है कि बाज़ार ने इस खबर को सकारात्मक रूप से लिया है। अगर कंपनी परियोजना को समय पर और कुशलतापूर्वक पूरा करती है, तो शेयरों की कीमत में और बढ़त देखने को मिल सकती है।
2. कंपनी की वित्तीय स्थिरता में सुधार
यह डील ₹3.33 प्रति यूनिट की 25-वर्षीय स्थिर टैरिफ व्यवस्था पर आधारित है, जिससे कंपनी को लंबे समय तक निश्चित रेवेन्यू मिलेगा। इससे कंपनी की कॅश फ्लो पोजिशन बेहतर होगी और इसका सीधा लाभ शेयरधारकों को मिलेगा।
3. दीर्घकालिक ग्रोथ पोटेंशियल
SJVN के साथ हुई यह बड़ी डील Reliance Power को रिन्यूएबल एनर्जी सेगमेंट में मजबूत पोजिशन दिलाती है। कंपनी की कुल स्वच्छ ऊर्जा पाइपलाइन अब 2.5 गीगावाट सोलर और 2.5 गीगावाट-घंटा BESS हो गई है, जो भविष्य में और बड़ी परियोजनाएं लाने का मार्ग खोलती है। निवेशकों के लिए इसका अर्थ है कि Reliance Power अब पारंपरिक पावर सेक्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि वह एक आधुनिक, टिकाऊ और भविष्य-केंद्रित ऊर्जा कंपनी के रूप में उभर रही है।
4. डाइवर्सिफिकेशन से जोखिम कम
कंपनी के पोर्टफोलियो में थर्मल, हाइड्रो और अब रिन्यूएबल एनर्जी शामिल होने से उसका व्यवसाय विविध हो गया है। यह विविधता कंपनी को सेक्टर-स्पेसिफिक रिस्क से बचाती है और निवेशकों के लिए अधिक स्थिरता और कम जोखिम प्रदान करती है।
निवेशकों का भरोसा और शेयर की चाल
इस सफलता का असर शेयर बाजार में भी दिखाई दिया है। निवेशकों ने रिलायंस पावर में जबरदस्त रुचि दिखाई है, और इसकी मांग में तेज बढ़ोतरी हुई है। इस डील ने रिलायंस पावर को रिन्यूएबल एनर्जी स्पेस में अग्रणी कंपनियों की सूची में शामिल कर दिया है।
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