
Ayesa Polska हाल ही में यूरोप के सबसे बड़े ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट्स में से एक—Baltica 2—में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पोलैंड के बाल्टिक सागर में स्थित यह प्रोजेक्ट 1.5 गीगावाट की क्षमता वाला है और Ayesa Polska इसकी समुद्री इंजीनियरिंग और सुपरविजन का काम संभाल रही है। इस प्रोजेक्ट को Ørsted और PGE Baltica मिलकर विकसित कर रहे हैं और इसका लक्ष्य 2027 तक पूरा करना है। इस प्रोजेक्ट से लगभग 2.5 मिलियन लोगों को स्वच्छ बिजली मिलेगी, जो कि यूरोप की Net Zero नीति के लिए अहम साबित होगा।
यह भी देखें: उत्तर प्रदेश में शुरू हो गया है सोलर योजना के लिए सर्वे, जानें कैसे आप भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं
Crown Estate का विंड एनर्जी विस्तार
ब्रिटेन की Crown Estate भी रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy के क्षेत्र में तेजी से विस्तार कर रही है। उसने हाल ही में इंग्लैंड और वेल्स के पास 4.7 गीगावाट क्षमता के सात नए ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी है। यह मंजूरी ब्रिटिश सरकार के 2030 तक 50 गीगावाट ऑफशोर विंड लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इन प्रोजेक्ट्स से ब्रिटेन की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित ट्रांजिशन को गति मिलेगी।
Boom Power की रणनीतिक सक्रियता
Boom Power ने भले ही हाल के महीनों में कोई बड़ा ऐलान नहीं किया हो, लेकिन यह कंपनी ब्रिटेन में सौर और पवन ऊर्जा के प्रोजेक्ट्स पर लगातार काम कर रही है। खासकर ग्रामीण इलाकों में इसकी सौर परियोजनाएं आगे बढ़ रही हैं। Boom Power की नीति है कि कम लागत में ज्यादा प्रभाव पैदा किया जाए, जिससे छोटे निवेशकों और लोकल कम्युनिटी को भी फायदा पहुंचे।
Adani Green Energy का खवड़ा मेगा प्रोजेक्ट
Adani Green Energy Limited (AGEL) ने भारत के गुजरात में स्थित खवड़ा प्रोजेक्ट के तहत 480 मेगावाट की रिन्यूएबल परियोजनाएं चालू की हैं। इसके साथ ही कंपनी की कुल ऑपरेशनल क्षमता 14,217.9 मेगावाट हो चुकी है। AGEL का लक्ष्य 2025 तक 25 गीगावाट और 2030 तक 50 गीगावाट की हरित ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। खवड़ा प्रोजेक्ट भारत के सबसे बड़े रिन्यूएबल क्लस्टर्स में गिना जा रहा है और यह राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा।
Druk Green Power और Adani की साझेदारी
भूटान की सरकारी कंपनी Druk Green Power Corporation (DGPC) ने Adani Group के साथ मिलकर 5,000 मेगावाट की जलविद्युत परियोजनाएं विकसित करने के लिए समझौता किया है। यह पहल न केवल भूटान की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत और भूटान के ऊर्जा सहयोग को भी मजबूती देगी। दोनों देशों के लिए यह साझेदारी रणनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम है।
साझेदारी का उद्देश्य और महत्व
इस MoU का उद्देश्य भूटान में जलविद्युत और पंप्ड स्टोरेज परियोजनाओं का संयुक्त विकास करना है। यह पहल भूटान की 2040 तक 20,000 मेगावाट की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता प्राप्त करने की नवीकरणीय ऊर्जा योजना के अनुरूप है। DGPC और अडानी समूह पहले से ही 570/900 मेगावाट के वांगचू जलविद्युत परियोजना में साझेदार हैं, जिसमें DGPC की 51% और अडानी की 49% हिस्सेदारी है। नई परियोजनाएं चरणबद्ध तरीके से विकसित की जाएंगी, जिनके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
Enray Power की भूमिका और स्थिति
Enray Power के बारे में हाल में कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन कंपनी भारत में रिन्यूएबल एनर्जी समाधानों की आपूर्ति में सक्रिय है। छोटे और मध्यम दर्जे के प्रोजेक्ट्स में Enray Power का फोकस है, जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में ऊर्जा समाधान उपलब्ध कराते हैं। आने वाले समय में कंपनी से और अधिक विस्तार की संभावना है।
यह भी देखें: NHPC Green Bonds News: NHPC ने 1,945 करोड़ रुपये जुटाए ग्रीन एनर्जी के लिए – निवेशकों में दिखा उत्साह!