सोलर से सरकार को बिजली बेचकर कमाएं! रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस जानें और आज ही शुरू करें

क्या आप जानते हैं, कि आप अपने घर की छत से हर महीने कमाई कर सकते हैं? अब सोलर पैनल लगाकर सरकार को बिजली बेचिए और पाएं शानदार आमदनी! जानें इस स्कीम का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस, जरूरी दस्तावेज़ और स्टेप-बाय-स्टेप तरीका जिससे आप आज ही शुरुआत कर सकते हैं। मौका न गंवाएं पूरी जानकारी अभी पढ़ें!

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Written by Rohit Kumar

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भारत में सोलर एनर्जी (Solar Energy) अब सिर्फ पर्यावरण सुरक्षा का माध्यम नहीं, बल्कि आम नागरिकों और छोटे निवेशकों के लिए आय का एक भरोसेमंद जरिया बन गई है। विशेष रूप से जब बात रूफटॉप सोलर सिस्टम (Rooftop Solar System) की हो, तो यह न केवल आपके घर की बिजली जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि अतिरिक्त उत्पादन को नेट मीटरिंग (Net Metering) के ज़रिए DISCOM को बेचकर आप नियमित कमाई भी कर सकते हैं।

सोलर से सरकार को बिजली बेचकर कमाएं! रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस जानें और आज ही शुरू करें
सोलर से सरकार को बिजली बेचकर कमाएं! रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस जानें और आज ही शुरू करें

सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं, जैसे कि PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana, इस क्षेत्र में निवेश को और अधिक आकर्षक बना रही हैं। इन योजनाओं के तहत भारी सब्सिडी दी जा रही है, जिससे सोलर सिस्टम लगाने का खर्च काफी हद तक कम हो गया है।

कैसे करें सोलर सिस्टम से कमाई की शुरुआत?

यदि आपके पास अपनी खुद की छत है या मकान मालिक की अनुमति प्राप्त है, और आपके पास DISCOM से वैध बिजली कनेक्शन है, तो आप नेट मीटरिंग के माध्यम से अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर कमाई शुरू कर सकते हैं।

इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की लाइसेंसिंग या जटिल सरकारी अनुमतियों की आवश्यकता नहीं होती। आपको बस सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इंस्टॉलर से सोलर सिस्टम लगवाना होता है और DISCOM से इसे कनेक्ट करवाना होता है। इसके बाद आप हर महीने अपने बिजली बिल में भारी कमी देख सकते हैं और क्रेडिट के रूप में कमाई भी होती है।

PM सूर्य घर योजना के तहत भारी सब्सिडी का लाभ

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana) के तहत 3 किलोवॉट तक के सोलर सिस्टम पर ₹30,000 से ₹78,000 तक की सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।

विशेष रूप से, अगर आप 2 किलोवॉट का सिस्टम लगाते हैं, तो लगभग ₹60,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है। वहीं, 3 किलोवॉट या उससे अधिक के सिस्टम पर ₹78,000 तक की सहायता दी जाती है। यह सब्सिडी केवल एक बार की राहत नहीं है, बल्कि यह आपकी आने वाली बिजली लागतों को स्थायी रूप से कम करने का साधन भी है।

बिजली बेचने का सरल और तरीका

नेट मीटरिंग (Net Metering) एक ऐसी प्रणाली है जिसमें उपभोक्ता द्वारा उत्पादित अतिरिक्त बिजली को सीधे DISCOM के ग्रिड में भेजा जाता है। इसके बदले में DISCOM उपभोक्ता के बिल में यूनिट के अनुसार क्रेडिट जोड़ता है।

यदि आपके द्वारा उत्पन्न बिजली आपकी खपत से अधिक है, तो वह अतिरिक्त यूनिट आपके अगले बिल में एडजस्ट हो जाती है। इस प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह पूरी तरह पारदर्शी होती है और उपभोक्ता को किसी एजेंट या बिचौलिए की आवश्यकता नहीं होती।

सोलर सिस्टम लगवाने की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज

इस प्रक्रिया की शुरुआत होती है National Rooftop Solar Portal या राज्य के DISCOM पोर्टल पर आवेदन से। उसके बाद DISCOM द्वारा 30 से 45 दिनों के भीतर फिजिबिलिटी स्टडी की जाती है।

यदि लोकेशन उपयुक्त पाई जाती है, तो DISCOM स्वीकृति देता है और उपभोक्ता किसी मान्यता प्राप्त इंस्टॉलर से सिस्टम लगवाता है। इसके बाद बाय-डायरेक्शनल मीटर लगाया जाता है और DISCOM द्वारा अंतिम निरीक्षण के बाद कनेक्शन चालू किया जाता है।

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आपकी संपत्ति आपके नाम पर होनी चाहिए, या यदि आप किरायेदार हैं तो मकान मालिक की लिखित अनुमति आवश्यक है। साथ ही सोलर उपकरण MNRE, BIS या CEA द्वारा प्रमाणित होने चाहिए।

यूपी जैसे राज्यों में प्रक्रिया और समयसीमा

उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी है। UPNEDA या राज्य के DISCOM पोर्टल पर आवेदन करने के बाद लगभग 2 से 3 महीने के भीतर पूरी प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।

राज्य सरकार और DISCOM की सक्रिय भागीदारी के चलते, अब उपभोक्ताओं को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता और सब्सिडी का भुगतान भी समयबद्ध रूप से बैंक खाते में किया जाता है।

बड़े प्रोजेक्ट्स और REC सर्टिफिकेट से अतिरिक्त कमाई

यदि आप 250 किलोवॉट या उससे बड़ी सोलर परियोजना स्थापित करते हैं, तो आप Renewable Energy Certificate (REC) के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए राज्य एजेंसी से एक्रेडिटेशन और फिर सेंट्रल एजेंसी में रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है।

जब परियोजना चालू हो जाती है, तो प्रति 1 MWh उत्पादन पर एक REC जारी होता है। इन प्रमाणपत्रों को आप पावर एक्सचेंज (Power Exchange) पर बेच सकते हैं, जो एक प्रकार से कार्बन क्रेडिट के समान है और पर्यावरणीय लाभ के बदले वित्तीय आय प्रदान करता है।

ग्रॉस मीटरिंग और PM Kusum योजना के अन्य विकल्प

अगर आप संपूर्ण उत्पादन को DISCOM को बेचना चाहते हैं, तो ग्रॉस मीटरिंग (Gross Metering) का विकल्प आपके लिए लाभकारी हो सकता है। इसमें आप प्रति यूनिट ₹3 तक की दर पर बिजली बेच सकते हैं।

वहीं, कृषि आधारित जरूरतों के लिए सरकार की PM Kusum Scheme उपलब्ध है, जिसके अंतर्गत आप सोलर पंप और सिंचाई सिस्टम पर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं और बिजली की बचत के साथ-साथ खेती में लागत भी घटा सकते हैं।

सोलर एनर्जी में निवेश क्यों है,फायदेमंद?

आज के समय में बढ़ती बिजली दरों और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के सीमित होते भंडार को देखते हुए Renewable Energy में निवेश सबसे स्थायी और लाभकारी उपाय है। नेट मीटरिंग के ज़रिए आपकी बिजली लागत में सीधी कमी आती है, वहीं अतिरिक्त उत्पादन से मासिक आय का स्रोत भी बनता है। बड़े निवेशक REC सर्टिफिकेट और Power Exchange जैसे विकल्पों से लंबे समय तक मुनाफा कमा सकते हैं।

सरकार की मदद और पारदर्शी प्रक्रिया के चलते अब यह क्षेत्र सिर्फ उद्योगपतियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आम नागरिक भी इस ऊर्जा क्रांति का हिस्सा बन सकते हैं।

Also ReadPremier Energies Ltd: एनर्जी स्टॉक से मिलेगा तगड़ा फायदा, जानें कितना मिलेगा मुनाफा Premier Energies Ltd ने हाल ही में अपने IPO (Initial Public Offering) के जरिए बाजार में जोरदार एंट्री की है। Renewable Energy सेक्टर की इस कंपनी ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न देकर सभी का ध्यान खींचा है। IPO से लेकर लिस्टिंग डे तक का प्रदर्शन, मौजूदा शेयर प्राइस, कंपनी की वित्तीय स्थिति और संभावित जोखिम—इन सभी पहलुओं पर नजर डालना निवेशकों के लिए बेहद जरूरी हो जाता है। IPO प्रदर्शन और लिस्टिंग डे की रैली Premier Energies Ltd का IPO मूल्य बैंड ₹427 से ₹450 प्रति शेयर निर्धारित किया गया था। लेकिन जब कंपनी के शेयरों की NSE और BSE पर लिस्टिंग हुई, तो कीमत ₹990 से ₹994.55 तक पहुंच गई। यानी लिस्टिंग के दिन निवेशकों को करीब 120% तक का फायदा हुआ। इससे यह साफ हो गया कि बाजार में इस IPO को लेकर जबरदस्त उत्साह था। इस उत्साह का संकेत IPO के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से पहले ही मिल गया था। GMP लगभग ₹397 तक पहुंच गया था, जोकि इश्यू प्राइस पर 88% प्रीमियम को दर्शाता है। IPO को निवेशकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। कुल मिलाकर इसे 75 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें QIB (Qualified Institutional Buyers) श्रेणी में 212.42 गुना, NII (Non-Institutional Investors) में 50.98 गुना और रिटेल निवेशकों में 7.44 गुना सब्सक्रिप्शन दर्ज किया गया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि सभी वर्गों के निवेशक इस कंपनी में रुचि ले रहे हैं। मौजूदा शेयर मूल्य और विश्लेषण 17 अप्रैल 2025 को Premier Energies Ltd का शेयर प्राइस ₹948.15 पर ट्रेड कर रहा था। हालांकि, विश्लेषकों का औसत टारगेट प्राइस ₹925.25 है, जबकि कुछ विश्लेषकों ने इसे ₹1,228 तक भी प्रोजेक्ट किया है। लेकिन एक अहम बात यह है कि JP Morgan ने हाल ही में कंपनी का टारगेट प्राइस ₹1,170 से घटाकर ₹940 कर दिया है। यह इस ओर संकेत करता है कि विश्लेषक कंपनी के मूल्यांकन को लेकर थोड़े सतर्क हैं। वर्तमान में कंपनी का P/E (Price-to-Earnings) अनुपात 52.7 है, जोकि एक हाई वैल्यूएशन को दर्शाता है। वहीं, EPS (Earnings per Share) ₹16.3 है। वित्तीय प्रदर्शन: मुनाफे में जबरदस्त छलांग Premier Energies Ltd ने FY24 में ₹3,171.31 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो कि इस क्षेत्र की एक मझोली कंपनी के लिए काफी मजबूत आंकड़ा है। इस अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ ₹231.36 करोड़ रहा, जबकि FY23 में यह आंकड़ा मात्र ₹13.83 करोड़ था। यानी कंपनी ने साल भर में लगभग 1,572% का PAT (Profit After Tax) ग्रोथ दर्ज किया है, जो कि बेहद सराहनीय है। कंपनी की ROE (Return on Equity) 43.73% और ROCE (Return on Capital Employed) 25.65% है। ये आंकड़े यह दिखाते हैं कि कंपनी ने पूंजी का प्रभावी उपयोग करते हुए उच्च लाभप्रदता अर्जित की है। जोखिम और चुनौतियां हालांकि कंपनी का प्रदर्शन शानदार रहा है, लेकिन इसमें कुछ अहम जोखिम भी शामिल हैं जिनका निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए। कंपनी की आय का बड़ा हिस्सा कुछ चुनिंदा ग्राहकों से आता है। इस ग्राहक निर्भरता से अगर भविष्य में कोई ग्राहक हटता है या डील में बदलाव होता है, तो कंपनी की कमाई पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, Premier Energies Ltd अपने कई उपकरण चीन से आयात करती है। इस कारण वैश्विक सप्लाई चेन में किसी भी प्रकार के व्यवधान का असर इसके उत्पादन पर पड़ सकता है। सबसे अहम जोखिम कंपनी का वर्तमान मूल्यांकन है। 52.7 का P/E अनुपात यह दर्शाता है कि निवेशक पहले ही भविष्य की उच्च कमाई को दाम में शामिल कर चुके हैं। ऐसे में यदि कंपनी भविष्य की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी, तो स्टॉक में करेक्शन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दीर्घकालिक नजरिए से निवेश Renewable Energy सेक्टर में Premier Energies Ltd की स्थिति मजबूत होती जा रही है। IPO में जबरदस्त रेस्पॉन्स, लिस्टिंग डे पर शानदार मुनाफा और वित्तीय आंकड़ों में भारी वृद्धि इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है। हालांकि, हाई वैल्यूएशन और कुछ रणनीतिक जोखिमों के चलते अल्पकालिक निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। लेकिन अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और Renewable Energy सेक्टर की संभावनाओं में विश्वास रखते हैं, तो Premier Energies Ltd आपके पोर्टफोलियो में शामिल करने योग्य स्टॉक हो सकता है।

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Author
Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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