
वैश्विक सौर ऊर्जा क्षेत्र (Global Solar Sector) में भारत ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, मशहूर रिसर्च फर्म वुड मैकेंजी (Wood Mackenzie) की ताजा रिपोर्ट ‘H1 2025 ग्लोबल सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरर रैंकिंग’ के अनुसार, भारतीय कंपनियों ने दुनिया भर में अपनी धाक जमाते हुए चीन के एकाधिकार को कड़ी चुनौती दी है, इस सूची में गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी सोलर (Adani Solar) और मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने वैश्विक दिग्गजों के बीच अपनी जगह पक्की कर ली है।
अडानी सोलर ने रचा इतिहास, टॉप-10 में बनाई जगह
वुड मैकेंजी की इस लेटेस्ट रैंकिंग में अडानी सोलर दुनिया के शीर्ष 10 सौर मॉड्यूल निर्माताओं में शामिल होने वाली एकमात्र भारतीय कंपनी बनकर उभरी है, रिपोर्ट की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि जहां दुनिया भर के सौर विनिर्माता केवल 43% क्षमता उपयोग (Utilization Rate) पर काम कर रहे हैं, वहीं अडानी सोलर ने 100% क्षमता उपयोग दर्ज कर पूरी दुनिया को चौंका दिया है, कंपनी को इसकी परिचालन उत्कृष्टता और वित्तीय मजबूती के आधार पर उच्च स्कोर प्राप्त हुआ है।
इन भारतीय कंपनियों का भी बजा डंका
रैंकिंग में केवल अडानी ही नहीं, बल्कि भारत की अन्य प्रमुख सौर ऊर्जा कंपनियों ने भी अपनी मजबूती दर्ज कराई है:
- रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries): रिलायंस की नई सौर विनिर्माण क्षमताओं ने उसे ‘ग्रेड ए’ कंपनियों की सूची में लाकर खड़ा कर दिया है।
- वारी (Waaree) और गौतम सोलर (Gautam Solar): इन कंपनियों ने भी अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन और भौगोलिक विस्तार (Geographic Diversification) के कारण इस प्रतिष्ठित सूची में स्थान हासिल किया है।
चीन का वर्चस्व खत्म करने की ओर भारत
दशकों से सौर विनिर्माण पर चीन का कब्जा रहा है, लेकिन वुड मैकेंजी की 2025 की यह रिपोर्ट संकेत दे रही है कि अब बाजार बदल रहा है, भारत की पीएलआई (PLI) स्कीम और व्यापार नीतियों ने घरेलू कंपनियों को इतना मजबूत बना दिया है कि वे अब अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतर रही हैं, रिपोर्ट के मुताबिक, सौर मॉड्यूल निर्माण अब केवल चीन तक सीमित नहीं रहा; भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका जैसे देश अब अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
यह भी देखें: भारत की सोलर सब्सिडी से घबराया चीन! WTO पहुँचा बीजिंग, भारतीय सौर ऊर्जा योजनाओं के खिलाफ दर्ज कराया केस
क्या कहते हैं आंकड़े?
वुड मैकेंजी ने इस बार कंपनियों के मूल्यांकन के लिए ‘ग्रेड ए’ मानक का उपयोग किया है, जिसमें 29 विनिर्माताओं को शामिल किया गया है, यद्यपि रैंकिंग में जेए सोलर (JA Solar) और ट्रिना सोलर (Trina Solar) जैसे चीनी दिग्गज अभी भी शीर्ष पर हैं, लेकिन भारतीय कंपनियों की विकास दर और वित्तीय स्थिरता ने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 के अंत तक भारत की मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता 125 गीगावाट (GW) को पार कर सकती है, जो भारत को दुनिया का ‘सोलर पावरहाउस’ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।







