IREDA की ₹79,941 करोड़ की लोन बुक में सोलर का दबदबा, 24% शेयर के साथ बना नंबर वन सेक्टर

भारत की अग्रणी रिन्यूएबल एनर्जी फाइनेंसर IREDA की ₹79,941 करोड़ की लोन बुक में सबसे बड़ा हिस्सा अब सोलर सेक्टर के पास है, पूरे 24% के साथ आखिर कैसे सोलर बना निवेश का नया राजा? कौन-से बड़े प्रोजेक्ट्स को मिल रहा है फायदा? जानें इस ग्रोथ स्टोरी की पूरी इनसाइड डिटेल्स!

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Written by Rohit Kumar

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IREDA की ₹79,941 करोड़ की लोन बुक में सोलर का दबदबा, 24% शेयर के साथ बना नंबर वन सेक्टर
IREDA की ₹79,941 करोड़ की लोन बुक में सोलर का दबदबा, 24% शेयर के साथ बना नंबर वन सेक्टर

Indian Renewable Energy Development Agency (IREDA) ने जून 2025 को समाप्त तिमाही के आंकड़ों को साझा करते हुए बताया कि उसकी कुल लोन बुक ₹79,941 करोड़ तक पहुंच गई है, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा सोलर प्रोजेक्ट्स को मिला है। IREDA की इस रिपोर्ट ने यह साफ रूप से कह दिया है, कि भारत में Renewable Energy सेक्टर में Solar Energy का वर्चस्व लगातार मजबूत हो रहा है।

सोलर प्रोजेक्ट्स को मिला सबसे बड़ा हिस्सा

IREDA के मुताबिक, जून 2025 तिमाही में ₹79,941 करोड़ की कुल लोन बुक में से ₹19,190 करोड़ यानी 24% हिस्सा सिर्फ Solar Projects को मिला है। वहीं Wind Projects को ₹10,413 करोड़ यानी 13% लोन दिए गए हैं। यह आँकड़े दर्शाते हैं, कि भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के फंडिंग पैटर्न में सोलर सेगमेंट सबसे आगे है, जबकि विंड सेक्टर की स्थिति भी मज़बूत बनी हुई है।

ऑपरेशनल रेवेन्यू में 29% की जबरदस्त छलांग

IREDA ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में ₹1,947 करोड़ का ऑपरेशनल रेवेन्यू दर्ज किया है, जो पिछले साल की समान अवधि में दर्ज किए गए ₹1,510 करोड़ की तुलना में 29% अधिक है। कंपनी की कुल Consolidated Revenue from Operations ₹1,948 करोड़ रही, जो यह दर्शाती है कि Renewable Energy Financing में तेजी आई है और बाजार में डिमांड मजबूत बनी हुई है।

प्रॉफिट में गिरावट लेकिन लोन सैंक्शन में आया उछाल

हालांकि कंपनी का Profit Before Tax (PBT) ₹305 करोड़ दर्ज किया गया, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹476 करोड़ था। यह गिरावट निवेशकों के लिए चिंताजनक हो सकती है, लेकिन इसके साथ यह भी ध्यान देने योग्य है कि इस तिमाही में लोन सैंक्शन की राशि ₹11,740 करोड़ रही, जो पिछले साल ₹9,136 करोड़ थी। यह 29% की ग्रोथ है और यह दिखाता है कि IREDA ने बाजार में अपनी फंडिंग उपस्थिति को और अधिक व्यापक बनाया है।

लोन बुक में 27% की वार्षिक वृद्धि

जून 2024 में कंपनी की लोन बुक ₹63,207 करोड़ थी, जो कि अब जून 2025 में बढ़कर ₹79,941 करोड़ हो गई है। यह 27% की सालाना ग्रोथ है, जो दर्शाता है कि IREDA ने विभिन्न सेगमेंट्स में निवेश बढ़ाया है और डिमांड का लाभ उठाया है।

सेगमेंट-वाइज लोन पोर्टफोलियो में विविधता

IREDA की रिपोर्ट में बताया गया है कि सोलर के बाद Wind Projects को दूसरा सबसे बड़ा फंडिंग मिला है। इसके अतिरिक्त, State Utility Loans को 19% हिस्सा मिला है और Hydropower प्रोजेक्ट्स को 11%। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए ₹5,389 करोड़ (7%) के लोन स्वीकृत हुए हैं, जबकि Ethanol Projects को 8% हिस्सा दिया गया है। Hybrid Wind-Solar Projects को 3% और State GENCOs को 5% का हिस्सा मिला है।

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उभरते सेगमेंट्स में दिखा IREDA का झुकाव

नए और उभरते सेगमेंट में भी IREDA ने स्पष्ट संकेत दिया है, कि वह भविष्य की टेक्नोलॉजी को सपोर्ट करने के लिए तैयार है। Manufacturing सेक्टर को कुल 5,389 लोन स्वीकृत हुए हैं, जो कुल लोन बुक का 7% हिस्सा हैं। वहीं Hybrid Projects को 2,844 और Smart Meters, Green Hydrogen तथा Energy Access जैसे प्रोजेक्ट्स को 2,229 लोन दिए गए हैं।

इसके अतिरिक्त Electric Vehicle (EV) सेगमेंट को 951 लोन स्वीकृत हुए, जो कुल लोन बुक का 1% है। यह संख्या छोटी लग सकती है, लेकिन यह दर्शाती है कि IREDA ने ग्रीन मोबिलिटी को भी अपने फाइनेंसिंग विजन में शामिल किया है।

सरकारी योजनाओं और नीति समर्थन से बढ़ी रफ्तार

IREDA की ग्रोथ को सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों से भी बल मिला है, जैसे कि PLI Scheme, Ethanol Blending Program, और Green Hydrogen Mission। इन योजनाओं ने बाजार में निवेश को प्रोत्साहित किया है ,और पब्लिक सेक्टर के रोल को और अधिक मजबूती दी है। इसके साथ ही, ऊर्जा आत्मनिर्भरता और नेट जीरो कार्बन टारगेट की दिशा में यह संस्थान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

IPO और निवेशकों के लिए विशेष संकेत

IREDA का हालिया IPO निवेशकों के बीच उत्सुकता का कारण बना और अब जब कंपनी ने ताज़ा वित्तीय आंकड़े साझा किए हैं, तो यह स्पष्ट हो गया है कि IREDA का बिज़नेस मॉडल स्थिर है और इसमें विकास की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। हालांकि PBT में गिरावट चिंता का कारण हो सकती है, लेकिन Loan Sanction, Disbursement और Revenue ग्रोथ इस कमजोरी की भरपाई करते हैं।

सोलर के साथ नई तकनीकों पर भी ध्यान केंद्रित

IREDA अब सिर्फ पारंपरिक सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स पर ही केंद्रित नहीं है, बल्कि इसका फोकस Smart Grid, EV Infrastructure, Green Hydrogen और अन्य Emerging Technologies की ओर भी बढ़ रहा है। यह रणनीति इसे आने वाले वर्षों में Green Financing के क्षेत्र में एक वैश्विक मानक के रूप में उभार सकती है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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