
सोलर पैनल (Solar Panel) खरीदना आज के समय में एक स्मार्ट निवेश बन गया है। रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की मांग तेजी से बढ़ रही है और इसी के साथ सोलर एनर्जी की लोकप्रियता भी हर घर तक पहुंच रही है। लेकिन यह निवेश तभी फायदेमंद होता है जब आप इसे पूरी जानकारी और समझदारी से करें। आज हम बात करेंगे उन जरूरी पहलुओं की जिन्हें नजरअंदाज करना आपके लिए महंगा साबित हो सकता है। अगर आप सोलर पैनल लगाने की योजना बना रहे हैं, तो इन बातों को जानना और समझना बेहद जरूरी है।
कंपनी की प्रतिष्ठा और ट्रैक रिकॉर्ड का मूल्यांकन जरूरी
सोलर पैनल खरीदने का पहला और सबसे जरूरी कदम है — एक भरोसेमंद कंपनी का चयन करना। बाजार में कई लोकल और नई कंपनियां मौजूद हैं, लेकिन हर कंपनी भरोसेमंद नहीं होती। इसलिए जरूरी है कि आप उस कंपनी की प्रतिष्ठा (Reputation) और पिछले सालों का ट्रैक रिकॉर्ड (Track Record) जरूर जांचें। इसके लिए आप ऑनलाइन रिव्यू पढ़ सकते हैं, कस्टमर फीडबैक जान सकते हैं और सोशल मीडिया पर कंपनी की एक्टिविटी का विश्लेषण कर सकते हैं। एक अच्छी प्रतिष्ठा वाली कंपनी न केवल आपको गुणवत्तापूर्ण प्रोडक्ट देगी, बल्कि इंस्टॉलेशन और आफ्टर-सेल्स सर्विस में भी बेहतर होगी।
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सर्टिफिकेशन और कंप्लायंस की जांच करें
भारत सरकार के न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय (MNRE) और भारतीय सोलर एनर्जी निगम द्वारा सर्टिफाइड कंपनियों को ही चुनना बेहतर होता है। यह सर्टिफिकेशन इस बात की गारंटी देता है कि कंपनी सोलर इंडस्ट्री के मानकों और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन कर रही है। साथ ही, डिस्कॉम (DISCOM) से पंजीकृत इंस्टॉलर ही आपके सिस्टम को कानूनी रूप से कनेक्ट कर सकता है। यदि आप किसी अनऑथराइज्ड कंपनी से सोलर सिस्टम लगवाते हैं, तो बाद में सब्सिडी और अन्य सरकारी लाभों से वंचित रह सकते हैं।
प्रोडक्ट की गुणवत्ता और टेक्नोलॉजी को समझें
हर सोलर पैनल एक जैसा नहीं होता। पैनल की गुणवत्ता उसकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता और टिकाऊपन पर निर्भर करती है। आजकल मोनोक्रिस्टलाइन (Monocrystalline) पैनल सबसे बेहतर माने जाते हैं क्योंकि वे सीमित जगह में भी अधिक बिजली उत्पन्न कर सकते हैं। इसके अलावा, जिन पैनलों में एल्यूमिनियम फ्रेम होता है वे मौसम की मार को सहने में अधिक सक्षम होते हैं। एक उच्च गुणवत्ता वाला पैनल न केवल लंबा चलता है बल्कि उसकी दक्षता भी ज्यादा होती है। इसलिए, केवल कीमत देखकर ही पैनल न खरीदें, बल्कि उसकी गुणवत्ता को भी परखें।
वारंटी और आफ्टर-सेल्स सपोर्ट को नजरअंदाज न करें
सोलर पैनल एक दीर्घकालिक निवेश है, इसलिए उस पर मिलने वाली वारंटी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। आमतौर पर, अच्छे ब्रांड के सोलर पैनल 20 से 25 साल की परफॉर्मेंस वारंटी और 10 से 12 साल की प्रोडक्ट वारंटी के साथ आते हैं। इसके अलावा, इंस्टॉलेशन और अन्य उपकरणों पर भी वारंटी मिलनी चाहिए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करें कि कंपनी का आफ्टर-सेल्स नेटवर्क मजबूत है। अगर किसी भी तकनीकी खराबी की स्थिति में आपकी मदद समय पर नहीं मिलती, तो पूरे सिस्टम की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है।
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कीमत, सब्सिडी और इंस्टॉलेशन लागत की स्पष्ट जानकारी लें
एक किलोवाट (kW) क्षमता का सोलर सिस्टम आमतौर पर ₹40,000 से ₹60,000 के बीच आता है। यह कीमत सिस्टम की टेक्नोलॉजी, पैनल की गुणवत्ता और इंस्टॉलेशन क्षेत्र पर निर्भर करती है। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को 20% से 40% तक की सब्सिडी भी दी जाती है, जिससे आपकी कुल लागत काफी कम हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि आपकी इंस्टॉलेशन प्रक्रिया MNRE द्वारा अप्रूव्ड हो और आप सब्सिडी के लिए पंजीकृत प्लेटफॉर्म के माध्यम से आवेदन करें।