Solar Panel Lifespan: सोलर पैनल कितने साल तक काम करते हैं? जानें पूरी जानकारी

क्या सोलर पैनल सच में 25 साल तक काम करते हैं या ये सिर्फ एक मार्केटिंग ट्रिक है? जानिए इसकी असली उम्र, परफॉर्मेंस गिरावट और वो सीक्रेट जिससे ये 30 साल तक बिजली दे सकता है!

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Written by Rohit Kumar

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Solar Panel Lifespan: सोलर पैनल कितने साल तक काम करते हैं? जानें पूरी जानकारी
Solar Panel Lifespan: सोलर पैनल कितने साल तक काम करते हैं? जानें पूरी जानकारी

भारत में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को लेकर तेजी से बढ़ती जागरूकता और सरकारी प्रोत्साहन ने सोलर पैनल की मांग में बड़ा उछाल लाया है। जब भी कोई उपभोक्ता Solar Panel सिस्टम में निवेश करने का विचार करता है, तो सबसे पहला सवाल यही होता है कि यह कितने साल तक टिकेगा और कितनी वारंटी के साथ आता है। दरअसल, बाजार में उपलब्ध अधिकतर सोलर पैनल औसतन 25 से 30 साल तक प्रभावी रूप से काम करते हैं और इस अवधि में बिजली उत्पादन जारी रखते हैं, हालांकि प्रदर्शन में समय के साथ मामूली गिरावट जरूर आती है।

सोलर पैनल की औसत उम्र और परफॉर्मेंस का वास्तविक मूल्यांकन

सोलर पैनल की सामान्य आयु 25 से 30 वर्षों के बीच मानी जाती है। इस दौरान वे निरंतर बिजली उत्पन्न करते रहते हैं, लेकिन इनकी दक्षता धीरे-धीरे घटती है। इंडस्ट्री के आंकड़े बताते हैं कि पहले वर्ष के बाद हर साल पैनल की बिजली उत्पादन क्षमता में लगभग 0.5% से 0.8% की कमी आती है। इसका अर्थ यह है कि 25 वर्षों के बाद भी एक अच्छा सोलर पैनल लगभग 80% क्षमता से बिजली उत्पादन करने में सक्षम रहता है।

यह गिरावट तकनीकी रूप से सामान्य मानी जाती है और पैनल को बेकार घोषित नहीं करती। बल्कि यह दर्शाती है कि एक बार निवेश करने के बाद उपभोक्ता दो से तीन दशकों तक बिजली बिल में बड़ी राहत पा सकते हैं।

25 साल की वारंटी: इंडस्ट्री मानक क्या कहते हैं?

अधिकांश सोलर पैनल निर्माता कंपनियाँ अपने उत्पादों पर 25 वर्षों की परफॉर्मेंस वारंटी देती हैं। इसका मतलब है कि कंपनी यह गारंटी देती है कि निर्धारित अवधि के दौरान पैनल न्यूनतम निर्धारित दक्षता के साथ बिजली उत्पन्न करेगा। यह वारंटी पैनल के परफॉर्मेंस से जुड़ी होती है, न कि फिजिकल डैमेज, इंस्टॉलेशन गलतियों या बाहरी क्षति से संबंधित।

इसके अलावा, कुछ निर्माता 10 से 15 वर्षों की प्रोडक्ट वारंटी भी देते हैं जो मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट या मटेरियल क्वालिटी से संबंधित होती है। इसलिए सोलर पैनल खरीदते समय यह जानना जरूरी होता है कि कंपनी कौन-सी किस्म की वारंटी और किन शर्तों के साथ पेश कर रही है।

क्या वाकई पैनल 30 साल तक चलते हैं?

हालांकि कंपनियाँ आमतौर पर 25 वर्षों की वारंटी देती हैं, लेकिन कई रिपोर्ट्स और वास्तविक उपभोक्ताओं के अनुभव बताते हैं कि अच्छी क्वालिटी और मेंटेनेंस वाले सोलर पैनल 30 साल या उससे अधिक समय तक भी उपयोगी बने रह सकते हैं। इस अवधि के बाद उनकी दक्षता कम हो सकती है, लेकिन वे पूरी तरह बंद नहीं होते।

25 साल के बाद भी यदि कोई पैनल 70-80% क्षमता से बिजली उत्पादन करता है, तो वह घरेलू या सेकंडरी उपयोग के लिए पर्याप्त होता है। ऐसे में पुराने पैनल को हटाने के बजाय सपोर्टिंग सिस्टम के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

पैनल की उम्र को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारण

सोलर पैनल की उम्र और परफॉर्मेंस कई कारकों पर निर्भर करता है। सबसे महत्वपूर्ण है—सफाई और नियमित रखरखाव। यदि पैनल पर धूल, पत्तियाँ या बर्फ जम जाती हैं तो उनकी दक्षता में गिरावट आती है, क्योंकि सौर सेल पूरी तरह सूर्य की किरणें नहीं सोख पाते।

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इसके अलावा, इंस्टॉलेशन की गुणवत्ता भी एक बड़ा फैक्टर होती है। यदि पैनल को गलत एंगल पर या निम्न गुणवत्ता की वायरिंग के साथ लगाया गया हो, तो इससे परफॉर्मेंस में गिरावट आ सकती है। इसी तरह, वातावरण की परिस्थितियाँ जैसे अत्यधिक तापमान, भारी बारिश, तेज हवाएं, वायु प्रदूषण आदि भी पैनल की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। भारत जैसे विविध जलवायु वाले देश में यह पहलू और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।

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क्यों जरूरी है सटीक इंस्टॉलेशन और उच्च गुणवत्ता वाले पैनल?

सोलर पैनल एक दीर्घकालिक निवेश है, जो एक बार लगाने के बाद कई दशकों तक लाभ प्रदान करता है। इसलिए पैनल खरीदते समय केवल प्रमाणित और विश्वसनीय ब्रांडों को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही, इंस्टॉलेशन के लिए अनुभवी और प्रशिक्षित प्रोफेशनल की सेवाएँ लेनी चाहिए।

उपभोक्ताओं को वारंटी कार्ड, परफॉर्मेंस रिपोर्ट और मेंटेनेंस गाइड को संभाल कर रखना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी तकनीकी परेशानी की स्थिति में कंपनी से सहायता आसानी से प्राप्त की जा सके।

एक स्थायी समाधान, दीर्घकालिक लाभ

Solar Panel आज की दुनिया में एक भरोसेमंद और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा स्रोत बन चुका है। इसकी औसत उम्र 25 से 30 साल तक होती है और इस अवधि में इसमें लगभग 20% तक ही परफॉर्मेंस में गिरावट आती है, जो सामान्य है। सही रखरखाव, क्वालिटी इंस्टॉलेशन और उपयुक्त पर्यावरणीय स्थितियों के साथ यह अवधि और भी बढ़ाई जा सकती है।

बिजली की बढ़ती लागत और पर्यावरणीय चिंताओं के इस दौर में सोलर एनर्जी एक स्मार्ट और लाभकारी विकल्प है। इससे न केवल आपके बिजली बिल में कटौती होती है, बल्कि आप अपने कार्बन फुटप्रिंट को भी कम करते हैं। इसलिए जब भी आप Solar Panel में निवेश करें, पूरी जानकारी, सावधानी और समझदारी के साथ निर्णय लें।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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