
सोलर पैनल की कीमतों मे हाल के कुछ वर्षों मे अधिक गिरावट दिखी गई है, जिससे रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को अपनाने की रफ्तार काफी तेज हो गई है। इसके अलावा भारत मे जहां पहले सोलर पैनल (Solar Penal) की कीमत लगभग ₹55 से ₹65 प्रति वॉट के आसपास थीं। वहीं अब ये घटकर केवल ₹28 से ₹38 प्रति वॉट पर आ गई है। इस गिरावट से ने केवल पैनल की यूनिट खर्चा कम होगा,बल्कि पूरे इंस्टॉलेशन लागत भी काफी सस्ती हो जाएगी। साथ ही सरकार की सब्सिडी योजना से सोलर सिस्टम को आम आदमी की पहुँच भी लाया जा सकता है। अब एक 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम (Solar System) जो पहले ₹55,000 से ₹65,000 में इन्स्टॉल होता था,वह आज के समय मात्र ₹28,000 से ₹38,000 में उपलब्ध है।
घरेलू सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन पर लागत में आई ऐतिहासिक कमी
घरेलू सोलर एनर्जी-Solar Energy सिस्टम की कुल लागत में भी उल्लेखनीय कमी देखने को मिल रही है। पहले एक 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम जहां ₹3 लाख तक आता था, आज वही सिस्टम ₹1.9 से ₹2.2 लाख में लगवाया जा सकता है। इसी तरह 5 किलोवाट का सिस्टम जो पहले ₹3 से ₹5 लाख तक की लागत पर आता था, अब ₹1.4 से ₹1.9 लाख के बीच उपलब्ध है। 10 किलोवाट जैसे बड़े सोलर सिस्टम की कीमत पहले ₹10 लाख से ऊपर होती थी, जो अब ₹5.3 से ₹6.4 लाख के बीच रह गई है। इस बड़ी कमी ने सोलर एनर्जी को आम परिवारों के लिए एक व्यावहारिक और लाभकारी विकल्प बना दिया है।
सोलर पैनल को किफायती बनाने में सब्सिडी योजनाओं की भूमिका
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारें मिलकर आकर्षक सब्सिडी योजनाएं चला रही हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) के अंतर्गत 1 से 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर ₹30,000 से ₹78,000 तक की सब्सिडी मिल रही है। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में उपभोक्ता 1 किलोवाट सिस्टम केवल ₹5,000 खर्च कर लगवा रहे हैं, जबकि बाकी राशि सरकार और CSR फंड से वहन की जा रही है। आंध्र प्रदेश में SC/ST परिवारों को 2 किलोवाट तक के सिस्टम मुफ्त दिए जा रहे हैं और BC परिवारों को ₹80,000 तक की सब्सिडी मिल रही है। ये योजनाएं सौर ऊर्जा को घर-घर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
दुनिया भर में कीमते घटने और नई तकनीकी का असर
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की लागत में कमी और तकनीकी विकास ने भी सोलर पैनल की कीमतों को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अमेरिका जैसे देशों में सोलर मॉड्यूल की कीमत अब केवल $0.25 प्रति वॉट रह गई है, जिससे भारतीय बाजार को सस्ते मॉड्यूल मिल रहे हैं। साथ ही स्वानसन लॉ (Swanson’s Law) के अनुसार हर बार सोलर पैनल उत्पादन दोगुना होने पर इसकी कीमत औसतन 20% तक घट जाती है। यह प्रवृत्ति आने वाले वर्षों में सोलर टेक्नोलॉजी को और किफायती बनाएगी और देश में रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देगी।
घर पर सोलर सिस्टम लगाना कैसे हो गया अब सस्ता
अगर कोई उपभोक्ता आज सोलर सिस्टम लगवाने का विचार करता है तो उसे पहले की तुलना में आधे से भी कम कीमत चुकानी पड़ रही है। 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम जिसकी पहले कीमत ₹65,000 तक थी, अब ₹28,000 से ₹38,000 में लगवाया जा सकता है। सब्सिडी मिलने पर यह लागत घटकर केवल ₹5,000 रह जाती है। इसी तरह 3 किलोवाट सिस्टम की बिना सब्सिडी कीमत ₹1.9 से ₹2.2 लाख है, जो सब्सिडी के बाद ₹1.1 से ₹1.6 लाख के बीच आ जाती है। 5 किलोवाट सिस्टम पर लागत ₹1.4 से ₹1.9 लाख है, जो सब्सिडी मिलने पर केवल ₹1 लाख से ₹1.2 लाख के बीच रह जाती है। 10 किलोवाट सिस्टम की लागत भी सब्सिडी के बाद ₹4.5 से ₹5.6 लाख के बीच आ रही है।
सोलर पैनल लगवाना इन्वेस्ट के लिए क्यों सबसे सही समय
आज के समय में जब बिजली दरें लगातार बढ़ रही हैं और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ी है, सोलर एनर्जी-Solar Energy को अपनाना एक बुद्धिमानी भरा आर्थिक फैसला साबित हो सकता है। अगर किसी घर की छत पर पर्याप्त जगह है और बिजली बिल अधिक आता है तो ₹1 से ₹3 लाख के सिस्टम को सब्सिडी के बाद केवल ₹50,000 से ₹70,000 में लगवाया जा सकता है। यह सिस्टम 4 से 6 साल में अपनी लागत निकाल देता है, जिसके बाद उपभोक्ता को लगभग मुफ्त बिजली मिलती है और बिजली बिल में भारी बचत होती है।
सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के लिए आगे की तैयारी
अगर आप सोलर पैनल लगवाने की योजना बना रहे हैं तो सबसे पहले अपने मासिक बिजली बिल का आकलन करें और जरूरत के अनुसार सोलर सिस्टम की क्षमता तय करें। इसके बाद PM Surya Ghar पोर्टल या राज्य सरकार की वेबसाइट या अपने डिस्कॉम-DISCOM से सब्सिडी और नेट मीटरिंग की जानकारी प्राप्त करें। फिर किसी भरोसेमंद लोकल इंस्टॉलर से कोटेशन लें और ब्रांड, वारंटी और सर्विस की गुणवत्ता की तुलना करें ताकि आप सही सिस्टम का चुनाव कर सकें जो आपकी जरूरत और बजट के अनुरूप हो।