
सोलर एनर्जी-Solar Energy आज के समय में न सिर्फ पर्यावरण की दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि यह घर के बिजली खर्च को भी बेतहाशा कम करने का साधन बन चुकी है। भारत सरकार की सौर ऊर्जा नीति और सब्सिडी योजनाओं के चलते अब आम नागरिक भी अपने घर की छत को एक मिनी पावर स्टेशन में बदल सकता है। सवाल यही उठता है — घर के लिए कौन सा सोलर पैनल सबसे अच्छा है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए आइए इस रिपोर्ट पर नज़र डालते हैं।
सोलर पैनल से बिजली बिल में मिलती है बड़ी राहत
घरों में बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है और इसके साथ ही बढ़ रहा है बिजली का मासिक बिल। ऐसे में यदि आप एक बार सोलर पैनल सिस्टम लगवा लेते हैं, तो आप अपने बिजली बिल में लगभग 80% तक की कटौती कर सकते हैं। कुछ मामलों में तो यह कटौती पूरी छूट में बदल जाती है, खासकर तब जब आपकी सोलर प्रणाली अतिरिक्त बिजली का उत्पादन कर ग्रिड में भेजने लगे। यह न केवल आपको ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाता है, बल्कि आर्थिक रूप से भी राहत देता है।
पीएम सूर्य घर योजना से मिल रही है सरकारी सब्सिडी
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” के तहत अब घरों में 3 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है, जिससे सोलर सिस्टम की शुरुआती लागत बहुत हद तक कम हो जाती है। यह पहल उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो सीमित बजट में Renewable Energy को अपनाना चाहते हैं।
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पर्यावरण को मिल रहा है नया जीवन
सोलर पैनल से उत्पन्न होने वाली बिजली पूरी तरह स्वच्छ और नवीकरणीय होती है। इसका अर्थ है कि इसमें कार्बन उत्सर्जन शून्य होता है। यह पारंपरिक बिजली उत्पादन के मुकाबले कहीं अधिक पर्यावरण-अनुकूल है। हर एक किलोवाट सोलर पावर सालाना टन भर कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोक सकता है। इस तरह सोलर सिस्टम न केवल आपकी जेब बल्कि धरती की सेहत को भी फायदा पहुंचाता है।
रखरखाव में न्यूनतम खर्च और लंबी उम्र
एक बार सोलर पैनल सिस्टम लगवाने के बाद इसकी देखभाल काफी आसान होती है। इनकी औसतन आयु 25 वर्ष तक होती है और इन्हें चलाने के लिए नियमित मेंटेनेंस की आवश्यकता नहीं पड़ती। बस महीने में एक-दो बार पैनलों की सफाई कर दी जाए तो यह लगातार अच्छा प्रदर्शन देते रहते हैं।
घर के अनुसार कैसे चुनें सही सोलर सिस्टम
सोलर सिस्टम का चयन करते समय यह देखना जरूरी है कि आपके घर में औसतन कितनी बिजली की खपत होती है। यदि मासिक खपत 100 से 150 यूनिट के बीच है, तो 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम पर्याप्त रहेगा। वहीं 200 से 300 यूनिट के लिए 2 किलोवाट और 300 से 400 यूनिट की खपत पर 3 किलोवाट का सिस्टम सबसे उपयुक्त होता है। सब्सिडी के बाद इनकी लागत क्रमशः ₹30,000 से ₹90,000 के बीच होती है। हालांकि यह राशि स्थान, इंस्टॉलेशन और स्थानीय सप्लायर्स के अनुसार भिन्न हो सकती है।
कौन-सा सोलर सिस्टम चुनें: ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड या हाइब्रिड?
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम सीधे बिजली ग्रिड से जुड़ा होता है। यह सबसे किफायती विकल्प है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बिजली कटौती नहीं होती। यदि आप बिजली कटौती वाले इलाके में रहते हैं तो ऑफ-ग्रिड सिस्टम बेहतर है, क्योंकि इसमें बैटरियां लगी होती हैं जो अतिरिक्त बिजली स्टोर करती हैं। वहीं हाइब्रिड सिस्टम दोनों का संयोजन होता है और यह अधिक लचीलापन देता है, हालांकि इसकी लागत अधिक होती है।
आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज
यदि आप भी सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाकर अपने घर को सौर ऊर्जा से रोशन करना चाहते हैं, तो आपको pmsuryaghar.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। इस पोर्टल पर सब्सिडी की पूरी प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज और आवेदन की समयसीमा की जानकारी मिल जाती है। आवेदन की प्रक्रिया सरल है और इसे ऑनलाइन ही पूरा किया जा सकता है।
सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की वीडियो गाइड
यदि आप इस पूरे इंस्टॉलेशन प्रोसेस को दृश्य रूप में समझना चाहते हैं, तो यह वीडियो अवश्य देखें। इसमें घर पर सोलर पैनल लगाने की पूरी प्रक्रिया को step-by-step समझाया गया है।