
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को लेकर लोगों की जागरूकता तेजी से बढ़ रही है और इसका सबसे बड़ा प्रमाण है घरेलू उपयोग के लिए सोलर पैनल सिस्टम की बढ़ती मांग। यदि आपके घर में प्रतिदिन लगभग 60 यूनिट (kWh) बिजली की खपत होती है, तो इसे पूरा करने के लिए आपको कम से कम 12 किलोवाट (kW) की क्षमता वाला सोलर पैनल सिस्टम स्थापित करना होगा। आइए इस आंकड़े की विस्तृत गणना और इसकी स्थापना से जुड़े पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।
1 kW सोलर पैनल से प्रतिदिन कितनी बिजली उत्पन्न होती है?
भारत में धूप की अधिकता और अनुकूल मौसम स्थितियों को देखते हुए, 1 kW क्षमता का सोलर पैनल औसतन प्रतिदिन 4.5 से 6 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है। हालांकि यह उत्पादन आपके स्थान, मौसम, और पैनलों की स्थापना के कोण पर भी निर्भर करता है। विशेषकर गर्मियों में जैसे मई के महीने में, यह उत्पादन बढ़कर 6.45 यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच सकता है। औसतन 5 यूनिट प्रतिदिन की गणना मानकर, हम आगे की योजना तय करते हैं।
60 यूनिट प्रतिदिन की खपत के लिए कितनी सोलर क्षमता आवश्यक?
यदि किसी घर की औसत बिजली खपत प्रतिदिन 60 यूनिट है, तो इसके लिए सोलर पैनल सिस्टम की क्षमता की गणना इस प्रकार होगी:
60 यूनिट ÷ 5 यूनिट प्रति kW = 12 kW
इसका अर्थ है कि 60 यूनिट बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए आपको 12 kW क्षमता का सोलर पैनल सिस्टम चाहिए।
कितने सोलर पैनलों की आवश्यकता होगी?
सोलर पैनलों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस क्षमता के पैनल का उपयोग कर रहे हैं। आज के समय में बाजार में आमतौर पर 330W से 550W तक के पैनल उपलब्ध हैं। यदि आप 500W के सोलर पैनलों का चयन करते हैं, तो 12 kW क्षमता प्राप्त करने के लिए:
12,000W ÷ 500W = 24 पैनल
यानी आपको कुल 24 सोलर पैनलों की आवश्यकता होगी, ताकि 60 यूनिट प्रतिदिन की खपत को कवर किया जा सके।
कितनी जगह की होगी ज़रूरत?
प्रत्येक 1 kW सोलर पैनल सिस्टम को स्थापित करने के लिए लगभग 80 से 100 वर्ग फीट जगह की जरूरत होती है। ऐसे में 12 kW सिस्टम को स्थापित करने के लिए:
12 × 100 = 1,200 वर्ग फीट
इस जगह को छाया रहित, खुले और दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए ताकि सौर ऊर्जा का अधिकतम दोहन किया जा सके।
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लागत कितनी आएगी?
सोलर सिस्टम की कुल लागत कई कारकों पर निर्भर करती है — जैसे कि पैनल का ब्रांड, इन्वर्टर की गुणवत्ता, बैटरी की जरूरत (यदि हो), वायरिंग, और इंस्टॉलेशन चार्ज। भारत में 1 kW सोलर सिस्टम की औसत लागत ₹96,000 से ₹1,25,000 के बीच हो सकती है। यदि हम औसतन ₹1,10,000 प्रति kW मानें, तो:
12 × ₹1,10,000 = ₹13,20,000
यानी कुल लागत लगभग ₹13.2 लाख तक पहुंच सकती है।
क्या आपको सब्सिडी मिलेगी?
भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 3 kW तक के सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी उपलब्ध है। बड़े सिस्टम, जैसे कि 12 kW की स्थापना के लिए सब्सिडी की राशि अलग हो सकती है और इसके लिए आपको स्थानीय विद्युत वितरण कंपनी या डिस्कॉम से संपर्क करना होगा। राज्य सरकारें भी अपनी ओर से अतिरिक्त सब्सिडी या प्रोत्साहन योजनाएं देती हैं।
नेट मीटरिंग: अतिरिक्त बिजली से कमाएं
यदि आप ग्रिड से जुड़े सोलर सिस्टम लगवाते हैं और आपकी आवश्यकता से अधिक बिजली उत्पन्न होती है, तो आप उसे नेट मीटरिंग के माध्यम से बिजली ग्रिड में भेज सकते हैं। इसके बदले में आपको बिल में क्रेडिट मिलता है। उत्तर प्रदेश सहित अधिकांश राज्यों में यह सुविधा उपलब्ध है, लेकिन इसके लिए आपको DISCOM से पहले अनुमति लेनी होती है और प्रक्रिया पूरी करनी होती है।