यूपी के 75 जिलों में सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप का काम शुरू – UPNEDA की टीम कर रही निगरानी

योगी सरकार की बड़ी पहल: UPNEDA की विशेष टीम करेगी सर्वे, 25 किलोवॉट से ज्यादा क्षमता वाले ग्रिड से जुड़ेंगे सरकारी भवन – पढ़ें पूरी योजना की इनसाइड स्टोरी और आगे की रणनीति!

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Written by Rohit Kumar

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यूपी के 75 जिलों में सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप का काम शुरू – UPNEDA की टीम कर रही निगरानी
यूपी के 75 जिलों में सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप का काम शुरू – UPNEDA की टीम कर रही निगरानी

उत्तर प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा-Solar Energy और रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। इस योजना के तहत प्रदेश के 75 जिलों के सरकारी भवनों में सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। इस कार्य को मिशन मोड में पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं, जिसके बाद उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा अभिकरण (UPNEDA) ने एक विशेष टीम का गठन कर दिया है।

मिशन मोड में होगी सरकारी भवनों की सोलर रूपांतरण प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि राज्य को स्वच्छ ऊर्जा के हब के रूप में विकसित किया जाए। इसके लिए न केवल आम जनता को सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है, बल्कि सरकारी भवनों को भी इस ऊर्जा विकल्प के उदाहरण के रूप में बदला जा रहा है। UPNEDA द्वारा इस अभियान को मिशन के रूप में चलाया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक जिले के सरकारी भवनों का गहन सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

25 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता वाले ग्रिड्स होंगे प्राथमिकता में

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार, इस योजना में उन भवनों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनमें 25 किलोवॉट या उससे ज्यादा क्षमता वाले सौर ऊर्जा ग्रिड स्थापित किए जा सकते हैं। ऐसे भवनों की सूची तैयार की जा रही है जो पहले से सौर ऊर्जा से युक्त हैं, जो चिन्हित किए जा चुके हैं, या जिनमें किसी कारणवश इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।

सभी जिलों के सरकारी भवनों का बनेगा डाटाबेस

UPNEDA द्वारा गठित टीम प्रत्येक जिले में जाकर सरकारी भवनों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Feasibility Report) तैयार करेगी। इस रिपोर्ट में यह जानकारी होगी कि कौन-कौन से भवन सोलर ऊर्जा इंस्टॉलेशन के लिए उपयुक्त हैं और किन्हें ग्रिड से जोड़ा जा सकता है। टीम प्रत्येक भवन के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसमें उसकी क्षमता, छत की स्थिति और अन्य तकनीकी पहलुओं का विश्लेषण शामिल होगा।

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UPERC RSPV रेगुलेशन 2019 के अनुसार बनेगी रणनीति

यह पूरा कार्य उत्तर प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग (UPERC) द्वारा वर्ष 2019 में जारी आरएसपीवी रेगुलेशन और उसके बाद हुए संशोधनों के तहत किया जा रहा है। रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम केवल जिला मुख्यालयों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह कार्य शहर, तहसील, ब्लॉक और ग्राम स्तर तक किया जाएगा। हर स्तर पर साइट सर्वे और डेटा कलेक्शन किया जाएगा, ताकि सटीक रणनीति तैयार की जा सके।

सोलर इंस्टॉलेशन के लिए तैयार होगा डीटेल्ड एक्शन प्लान

सर्वे के बाद UPNEDA एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार करेगी, जिसमें प्रोसेस फ्रेमवर्क, बीआरडी रिपोर्ट और क्रियान्वयन रणनीति शामिल होगी। इस इंस्टॉलेशन को पूरा करने के लिए यूपीनेडा सरकारी पीएसयू (Public Sector Undertakings-PSUs) के साथ मिलकर काम करेगी। प्रत्येक चरण में तकनीकी और प्रबंधकीय रूप से सुव्यवस्थित प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिससे काम की गति और गुणवत्ता दोनों सुनिश्चित की जा सकें।

डिजिटल सोलर मैप तैयार होगा

इस पूरी योजना का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा एक डिजिटल सोलर मैप तैयार करना है, जिसमें सभी जिलों के सरकारी भवनों पर लगाए गए सोलर रूफटॉप सिस्टम्स का विवरण होगा। इससे यह जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी कि कौन-सा भवन सौर ऊर्जा से युक्त है, उसकी क्षमता क्या है और ऊर्जा उत्पादन कितना हो रहा है। यह डिजिटल मैप आगे की योजना बनाने और पारदर्शिता बनाए रखने में सहायक होगा।

प्रदेश को बनेगा रिन्यूएबल एनर्जी का मॉडल स्टेट

इस योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बनाना है। इसके माध्यम से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि सरकारी संस्थानों की ऊर्जा लागत में भी भारी कमी आएगी। साथ ही यह परियोजना नागरिकों को भी प्रेरित करेगी कि वे अपने घरों और व्यवसायिक संस्थानों में सौर ऊर्जा को अपनाएं।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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