
भारत का सोलर एनर्जी सेक्टर इस समय सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले उद्योगों में शामिल है। सरकार के ‘ग्रीन मिशन’ और अक्षय ऊर्जा पर बढ़ते निवेश ने सोलर कंपनियों के लिए नए अवसर खोले हैं। इसी बीच तीन मिडकैप कंपनियां Vikram Solar, Insolation Energy और Sterling & Wilson Renewable Energy अपने आक्रामक विस्तार और तकनीकी योजनाओं के साथ भविष्य की तैयारी कर चुकी हैं।
Vikram Solar: उत्पादन क्षमता में चार गुना विस्तार की योजना
Vikram Solar देश की अग्रणी सोलर एनर्जी कंपनी है, जो फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल्स और EPC सेवाओं के लिए जानी जाती है। कंपनी ने अगस्त 2025 में अपने आईपीओ के बाद बड़े पैमाने पर क्षमता विस्तार की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य अगले दो वर्षों में मॉड्यूल उत्पादन क्षमता को 4.5 गीगावॉट से बढ़ाकर 17.5 गीगावॉट तक ले जाना है।
इसके साथ ही Vikram Solar पहली बार सेल मैन्युफैक्चरिंग में भी उतर रही है, जहां FY27 तक 12 गीगावॉट उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य है। कंपनी ने दूसरी तिमाही में 1,125.8 करोड़ रुपये का राजस्व और 128.49 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया। हालांकि शेयर फिलहाल 316 रुपये के स्तर पर है और पिछले सप्ताह में करीब 3 फीसदी गिरावट आई है, लेकिन इसकी लंबी अवधि की रणनीति निवेशकों के लिए उत्साहजनक है।
Insolation Energy: राजस्थान से निकल रही सौर क्रांति
Insolation Energy भारत की पहली लिस्टेड सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है। कंपनी ने अब तक 500 से अधिक सोलर प्रोजेक्ट पूरे किए हैं और 5.5 गीगावॉट से ज्यादा मॉड्यूल इंस्टॉल किए गए हैं। हाल ही में इसकी सब्सिडियरी ‘Insolation Green Energy Pvt. Ltd.’ ने राजस्थान में 4.5 गीगावॉट की नई यूनिट शुरू की है, जो कंपनी के विस्तार की अहम उपलब्धि है।
इसके अलावा, कंपनी ने राजस्थान सरकार के साथ 10,000 करोड़ रुपये के निवेश वाला समझौता (MoU) भी किया है। इस प्रोजेक्ट का मकसद 2030 तक सोलर कंपोनेंट्स, पावर प्रोजेक्ट्स और सोलर पार्क विकसित करना है। वित्त वर्ष 2024-25 में Insolation Energy ने 1,343 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 126 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। इसका शेयर वर्तमान में 173 रुपये पर ट्रेड कर रहा है, जो एक साल के उच्चतम स्तर से लगभग 64 फीसदी नीचे है।
Sterling & Wilson Renewable Energy: वैश्विक प्रोजेक्ट्स में आक्रामक कदम
Sterling & Wilson Renewable Energy सोलर, विंड और एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट्स के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी है। इसका फोकस बड़े यूटिलिटी-स्केल और फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स पर है। कंपनी के पास फिलहाल 12.8 गीगावॉट के अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स हैं, जो इसे भारत की शीर्ष EPC सोलर कंपनियों में शामिल करते हैं।
वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में कंपनी का राजस्व 70 फीसदी की साल-दर-साल वृद्धि के साथ 1,859 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। मजबूत प्रोजेक्ट एक्सीक्यूशन और नए अंतरराष्ट्रीय अनुबंधों ने व्यवसाय को बल दिया है। फिलहाल इसका शेयर 228 रुपये पर है, जबकि बाजार पूंजीकरण लगभग 5,300 करोड़ रुपये के आसपास है।
क्यों सोलर सेक्टर में बढ़ेगी तेजी
भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावॉट की कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है, जिसमें 292 गीगावॉट सोलर एनर्जी से आएगा। सरकार द्वारा दिए जा रहे उत्पादन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI), कम ब्याज दरों पर हरित ऋण और नए सब्सिडी नियमों से घरेलू सोलर कंपनियों को प्रतिस्पर्धी लाभ मिल रहा है।
Vikram Solar, Insolation Energy और Sterling & Wilson Renewable Energy जैसी कंपनियों ने मैन्युफैक्चरिंग, EPC और टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के जरिए इस ट्रेंड को सबसे पहले अपनाया है। यही वजह है कि ये तीनों कंपनियां निकट भविष्य में सोलर सेक्टर की अगली ग्रोथ स्टोरी बन सकती हैं।






