
EV चार्जिंग स्टेशन के लिए आवश्यक सोलर सिस्टम की क्षमता (Solar System for EV Charging Station) कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित होती है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं: चार्जिंग स्टेशन का प्रकार—क्या वह घरेलू (Home-based) है या सार्वजनिक (Public Charging Station), चार्जिंग पॉइंट्स की संख्या, दैनिक उपयोग की आवृत्ति, और EV की बैटरी क्षमता (Battery Capacity in kWh) । बढ़ती ईवी-कारों की मांग और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की ओर बढ़ते रुझान के बीच यह जानना आवश्यक हो गया है कि EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को टिकाऊ और कुशल कैसे बनाया जाए।
घरेलू EV चार्जिंग के लिए कितनी सोलर क्षमता की जरूरत होती है?
यदि कोई उपयोगकर्ता अपने घर पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज (EV Home Charging) करना चाहता है, तो सोलर सिस्टम की जरूरत उसके रोजाना की ड्राइविंग दूरी पर निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति औसतन प्रतिदिन 50 किलोमीटर की दूरी तय करता है, तो उसे लगभग 8.3 kWh ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इस ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के लिए 2.4 kW की क्षमता वाला सोलर सिस्टम पर्याप्त माना गया है।
इस क्षमता का अर्थ यह है कि 400W के छह सोलर पैनल (Solar Panels) पर्याप्त होंगे। ऐसे पैनलों को यदि छायारहित और दक्ष स्थान पर स्थापित किया जाए, तो ये दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होते हैं। घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है, बल्कि दीर्घकालिक रूप से आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
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सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन की ऊर्जा आवश्यकताएं और सोलर सिस्टम समाधान
जब बात सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन (Public EV Charging Station) की होती है, तो ऊर्जा की जरूरत घरेलू सेटअप की तुलना में कहीं अधिक होती है। मध्यम आकार के किसी स्टेशन में यदि 2 से 3 चार्जिंग पॉइंट्स हों, तो उसके लिए 10 से 15 kW क्षमता का सोलर सिस्टम उपयुक्त माना जाता है। वहीं बड़े स्तर पर यदि चार्जिंग पॉइंट्स अधिक हों या वहां फास्ट चार्जिंग (Fast Charging) की सुविधा उपलब्ध हो, तो ऐसी स्थिति में 50 kW या उससे अधिक का सोलर सिस्टम आवश्यक हो सकता है।
सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों में ग्राहक आवागमन अधिक होता है, जिससे वहां बैक-टू-बैक चार्जिंग की मांग रहती है। इसलिए, पैनल्स की संख्या और क्षमता अधिक रखनी होती है, ताकि बिजली की आपूर्ति में किसी प्रकार की रुकावट न आए और ग्रिड पर निर्भरता कम की जा सके।
बैटरी स्टोरेज और नेट मीटरिंग: स्मार्ट EV चार्जिंग के अनिवार्य तत्व
EV चार्जिंग स्टेशन के सोलर सिस्टम में केवल पैनल्स की संख्या और क्षमता ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि अन्य सहायक तकनीकों का होना भी अनिवार्य हो जाता है। बैटरी स्टोरेज (Battery Storage) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर तब, जब चार्जिंग रात में करनी हो या दिन में सूर्य की रोशनी पर्याप्त न हो। ऐसे में सौर ऊर्जा को संग्रहित करके उपयोग में लाना सुविधाजनक बन जाता है।
दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है नेट मीटरिंग (Net Metering)। जब सोलर पैनल निर्धारित जरूरत से अधिक बिजली उत्पन्न करते हैं, तो वह अतिरिक्त बिजली ग्रिड को वापस भेजी जा सकती है। इससे न सिर्फ ऊर्जा की बर्बादी रोकी जा सकती है, बल्कि अतिरिक्त आय का भी जरिया बन सकता है।
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किन बातों का ध्यान रखना चाहिए EV चार्जिंग के लिए सोलर सिस्टम चुनते समय?
सोलर सिस्टम का चयन करते समय कुछ प्रमुख बातों पर ध्यान देना आवश्यक है। सबसे पहले, आपके पास उपलब्ध स्थान का आकलन करना चाहिए—क्या वह छायारहित है और पर्याप्त पैनल स्थापित किए जा सकते हैं? इसके अलावा, आपके EV की बैटरी क्षमता और दैनिक ड्राइविंग पैटर्न के अनुसार सोलर सिस्टम की क्षमता का निर्धारण करना चाहिए।
यदि आप एक से अधिक चार्जिंग पॉइंट्स लगाने की योजना बना रहे हैं, तो यह आकलन करना जरूरी है कि सभी पॉइंट्स एक साथ कितनी ऊर्जा मांगेंगे। उसी अनुसार सोलर सिस्टम की डिजाइन और बैकअप सपोर्ट तैयार किया जा सकता है।
भविष्य के लिए तैयारी: EV और सोलर टेक्नोलॉजी का संगम
भारत में EV और सोलर टेक्नोलॉजी का संयोजन न सिर्फ ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है, बल्कि यह पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी जरूरी है। सरकार भी विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी के माध्यम से EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दे रही है।
आने वाले वर्षों में निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में EV उपयोग में जबरदस्त बढ़ोतरी की संभावना है। ऐसे में EV चार्जिंग स्टेशन के लिए उपयुक्त सोलर सिस्टम का चयन केवल एक तकनीकी निर्णय नहीं, बल्कि एक रणनीतिक निवेश होगा।