अब सोलर पैनल का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा, सरकार खुद करेगी पेमेंट और देगी 150 यूनिट मुफ्त बिजली

PM सूर्यघर योजना के तहत राज्य सरकार मुफ्त बिजली के साथ सोलर पैनल लगवाने का खर्च भी खुद उठा रही है। अब स्मार्ट मीटर से निगरानी और ग्रिड से कमाई भी मुमकिन है। गरीबों को सामूहिक सोलर प्लांट से मिलेगा लाभ और मुफ्त कुक टॉप भी। पूरा फायदा उठाने का यही समय है!

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Written by Rohit Kumar

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अब सोलर पैनल का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा, सरकार खुद करेगी पेमेंट और देगी 150 यूनिट मुफ्त बिजली
अब सोलर पैनल का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा, सरकार खुद करेगी पेमेंट और देगी 150 यूनिट मुफ्त बिजली

प्रधानमंत्री मुफ्त बिजली योजना के तहत अब Renewable Energy के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया गया है। योजना के अंतर्गत प्रदेशवासियों को हर महीने 150 यूनिट बिजली नि:शुल्क दी जाएगी, लेकिन इसके लिए उपभोक्ताओं को अपने घर की छत पर कम से कम 1.1 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगवाना अनिवार्य होगा। यह पैनल PM सूर्यघर योजना के तहत सब्सिडी के माध्यम से मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा।

राज्य सरकार देगी सब्सिडी, नहीं लगेगा उपभोक्ता पर बोझ

झालावाड़ जिले से शुरू हुए इस अभियान के तहत सरकार उपभोक्ताओं की छत पर 1.1 किलोवाट क्षमता तक का Rooftop Solar Panel नि:शुल्क लगवाएगी। राज्य सरकार और डिस्कॉम मिलकर इसकी पूरी लागत वहन करेंगे। अनुमानित लागत 50,000 रुपये मानी गई है, जिसमें से 33,000 रुपये केंद्र सरकार की ओर से दिए जाएंगे और बाकी राशि राज्य सरकार के माध्यम से डिस्कॉम द्वारा वहन की जाएगी।

सोलर प्लांट के लिए मिलेगा तीन साल का ऋण सहयोग

अगर किसी उपभोक्ता को अतिरिक्त लागत के लिए ऋण की आवश्यकता होती है तो डिस्कॉम की ओर से बैंक या किसी वित्तीय संस्था से लोन की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। इस ऋण की मासिक किश्त तीन साल तक राज्य सरकार द्वारा चुकाई जाएगी। सोलर प्लांट लगने तक मौजूदा बिजली टैरिफ पर मिलने वाली सब्सिडी जारी रहेगी और इसके बाद तीन साल तक प्लांट की लागत का भुगतान मासिक किस्तों में किया जाएगा।

स्मार्ट मीटर की सुविधा और मासिक शुल्क

प्रत्येक उपभोक्ता के लिए डिस्कॉम की ओर से स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए उपभोक्ताओं को हर महीने 75 रुपये का मामूली किराया देना होगा। इन मीटरों से बिजली की खपत की निगरानी अधिक पारदर्शिता से की जा सकेगी।

ज्यादा पावर के सोलर पैनल पर भी मिलेगी सब्सिडी

अगर कोई उपभोक्ता 1.1 किलोवाट से अधिक क्षमता का सोलर पैनल लगवाना चाहता है तो उसे भी प्रोत्साहित किया जाएगा। 2 किलोवाट क्षमता वाले प्लांट पर 77,000 रुपये और 3 या उससे अधिक किलोवाट के सोलर पैनल पर 95,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इससे अधिक बिजली उत्पादन की क्षमता वाले घरों को भी योजना का लाभ मिलेगा।

सामूहिक सोलर प्लांट से गरीबों को राहत

जिन ग्रामीण या शहरी उपभोक्ताओं के घरों पर सोलर पैनल लगाने की जगह नहीं है और जिनकी मासिक बिजली खपत 150 यूनिट से कम है, उनके लिए राज्य सरकार एचएएम मॉडल के तहत जीएसएस या अन्य उपयुक्त स्थानों पर सामूहिक सोलर प्लांट लगाएगी। यह व्यवस्था खासकर उन लोगों के लिए की गई है जो पीएम सूर्यघर योजना का लाभ नहीं ले पा रहे।

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सामूहिक प्लांट से जुड़ने वालों को मिलेगा प्रोत्साहन

ऐसे उपभोक्ता जो सामूहिक सोलर प्लांट से जुड़े रहेंगे और ऊर्जा की बचत करेंगे, उन्हें शेष बची सौर ऊर्जा पर एक रुपये प्रति यूनिट की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि अगले महीने के स्मार्ट मीटर किराए में समायोजित कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्हें स्मार्ट मीटर की भी सुविधा दी जाएगी, जिसके लिए हर माह 75 रुपये देना होगा।

योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?

यह योजना उन उपभोक्ताओं के लिए है जो अभी तक मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना का लाभ नहीं उठा रहे हैं। ऐसे उपभोक्ता पीएम सूर्यघर योजना में पंजीकरण करवा सकते हैं और अपने घरों पर सोलर पैनल लगवा सकते हैं। योजना के तहत उन्हें न सिर्फ ग्रिड से जुड़ने पर प्रति यूनिट 2.71 रुपये मिलेंगे बल्कि 15 पैसे प्रति यूनिट की प्रोत्साहन राशि और एक नि:शुल्क इंडक्शन कुक टॉप भी दिया जाएगा।

अतिरिक्त छूट से गरीब तबके को बड़ा लाभ

सरकार ने विशेष रूप से गरीब वर्ग को ध्यान में रखते हुए सोलर पैनल पर अतिरिक्त 17,000 रुपये की छूट देने की घोषणा की है। इसका लाभ 1 किलोवाट से लेकर 3 किलोवाट तक के सोलर पैनल इंस्टॉलेशन पर मिलेगा। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग भी Renewable Energy की ओर बढ़ सकेगा और अपनी बिजली जरूरतें खुद पूरी कर सकेगा।

सरकार का उद्देश्य: स्वावलंबी और ऊर्जा समृद्ध राज्य

इस पूरी योजना का मुख्य उद्देश्य है राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और रिन्यूएबल एनर्जी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना। 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलने से आमजन को राहत तो मिलेगी ही, साथ ही सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। इससे राज्य में प्रदूषण में भी कमी आएगी और बिजली की मांग में संतुलन बना रहेगा।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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