Suzlon Energy: मार्केट के उतार-चढ़ाव में फंसा शेयर, ₹59 पर आया भाव – क्या अब भी है खरीदने का मौका?

Suzlon Energy ने अप्रैल में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अपनी पकड़ और मज़बूत की है। ₹50 से ₹60 पार की वापसी के पीछे हैं मेगा प्रोजेक्ट्स, हाई वॉल्यूम ट्रेडिंग और विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी। क्या ये स्टॉक ₹70 से भी ऊपर जाएगा? एक्सपर्ट्स की राय और ताज़ा एनालिसिस के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

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Written by Rohit Kumar

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Suzlon Energy: मार्केट के उतार-चढ़ाव में फंसा शेयर, ₹59 पर आया भाव – क्या अब भी है खरीदने का मौका?
Suzlon Energy: मार्केट के उतार-चढ़ाव में फंसा शेयर, ₹59 पर आया भाव – क्या अब भी है खरीदने का मौका?

साल 2025 के शुरुआती महीनों में Suzlon Energy के शेयरों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। Renewable Energy सेक्टर की अग्रणी कंपनियों में से एक, Suzlon Energy का शेयर 25 अप्रैल 2025 को ₹59.19 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव ₹60.13 से 0.72% की गिरावट दर्शाता है। हालांकि हालिया गिरावट के बावजूद, कंपनी ने पिछले दो हफ्तों में लगभग 15% की तेजी दिखाई है, जो मजबूत ऑर्डर बुक और सकारात्मक बाजार भावनाओं का परिणाम है।

बाजार में हालिया प्रदर्शन और निवेश धारणा

2025 की शुरुआत से Suzlon के शेयरों में गिरावट का रुख देखने को मिला, और YTD आधार पर यह लगभग 16% नीचे चला गया। हालांकि, अप्रैल के दूसरे सप्ताह से कंपनी के शेयरों ने तेजी पकड़ी, जब यह ₹50 के स्तर से ऊपर उठते हुए ₹60 के पार पहुंच गया। इस दौरान शेयर में 20% से ज्यादा की रिकवरी देखी गई। विश्लेषकों के अनुसार, Suzlon के शेयर ने ₹50.6 के अहम सपोर्ट के पास ‘ट्रिपल बॉटम’ पैटर्न बनाया और ₹59.5 के स्विंग हाई को पार कर ‘लोअर हाई-लोअर लो’ संरचना को तोड़ दिया। साथ ही, ट्रेडिंग वॉल्यूम 50-दिन के औसत से दोगुना रहा, जिससे संस्थागत निवेशकों की भागीदारी का संकेत मिलता है।

रणनीतिक ऑर्डर जीत और व्यावसायिक मजबूती

Suzlon Energy की हालिया मजबूती का मुख्य कारण NTPC Green Energy Ltd. से मिला 378 मेगावाट का बड़ा प्रोजेक्ट है। इस अनुबंध के तहत कंपनी को 120 S144 मॉडल विंड टरबाइन जनरेटर (प्रत्येक 3.15 मेगावाट की क्षमता) की आपूर्ति, पूर्ण प्रोजेक्ट निष्पादन और रखरखाव सेवाएं प्रदान करनी हैं। इस ऑर्डर के साथ Suzlon और NTPC Green Energy के बीच कुल साझेदारी 1,544 मेगावाट तक पहुंच गई है, जिससे Suzlon की बाजार में स्थिति और मजबूत हुई है।

इसके अलावा, Suzlon ने Sunsure Energy से भी 100.8 मेगावाट का नया विंड प्रोजेक्ट जीता है, जो इसके प्रतिस्पर्धी वर्चस्व को और गहरा करता है। ये नए ऑर्डर Suzlon की वृद्धि रणनीति और व्यापक बाजार विस्तार के संकेत हैं।

वित्तीय संकेतक और वैल्यूएशन

25 अप्रैल 2025 तक Suzlon Energy का बाजार पूंजीकरण ₹81,481.22 करोड़ पर आ गया है। कंपनी का P/E रेशियो लगभग 73.96 है, जो कि सेक्टर औसत 21.35 की तुलना में कहीं अधिक है। वित्तीय वर्ष 2024 में Suzlon का शुद्ध लाभ ₹660.35 करोड़ रहा।

52-सप्ताह की अवधि में कंपनी के शेयर ₹37.95 से लेकर ₹86.04 के दायरे में कारोबार करते रहे हैं। उच्च P/E रेशियो के बावजूद, विश्लेषक Suzlon को लेकर आशावादी बने हुए हैं। Motilal Oswal ने Suzlon के लिए ₹70 का लक्ष्य दिया है, जो मौजूदा स्तर से लगभग 21% की बढ़त का संकेत देता है, जबकि JM Financial ने भी ₹71 का लक्ष्य रखते हुए कंपनी की भविष्य की आय वृद्धि और बाजार स्थिति को समर्थन दिया है।

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स्वामित्व संरचना और संस्थागत निवेशक रुचि

मार्च 31, 2025 तक, Suzlon में प्रवर्तक हिस्सेदारी 13.25% है और इसमें कोई भी शेयर गिरवी नहीं रखा गया है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की हिस्सेदारी दिसंबर 2024 के 22.87% से बढ़कर 23.04% हो गई है। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की हिस्सेदारी 6.99% और म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी 4.17% है। संस्थागत निवेशकों की बढ़ती रुचि कंपनी की वित्तीय मजबूती और रणनीतिक दिशा पर भरोसे का संकेत देती है।

उद्योग परिदृश्य और विकास की संभावनाएं

भारत सरकार की Renewable Energy क्षमता को दोगुना करने की 2030 तक की योजना Suzlon के लिए अपार अवसर प्रदान करती है। Suzlon अपनी रणनीति, मजबूत ऑर्डर पाइपलाइन और उत्पाद नवाचार के माध्यम से इस अवसर का भरपूर लाभ उठाने की स्थिति में है। कंपनी ने उच्च क्षमता वाले विंड टरबाइन जनरेटर और हाइब्रिड लैटिस टावरों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रखा है, जिससे इसके उत्पाद पोर्टफोलियो में नवीनता आई है।

वित्तीय विश्लेषकों के मुताबिक, Suzlon के समेकित योगदान मार्जिन्स 20% के आसपास स्थिर रहने की उम्मीद है, हालांकि इसमें स्टील की कीमतों और प्रोजेक्ट निष्पादन की गतिशीलता के अनुसार कुछ बदलाव हो सकते हैं। कंपनी का फोकस अपने मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के विस्तार और बड़े प्रोजेक्ट्स के निष्पादन पर बना हुआ है, जो दीर्घकालिक विकास का आधार बनेगा।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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