
Suzlon Energy और Inox Wind के शेयरों में 21 अप्रैल को शुरुआती कारोबार के दौरान जबरदस्त तेजी देखने को मिली। दोनों कंपनियों के स्टॉक्स में लगभग 4% तक की छलांग देखने को मिली। इस उछाल की मुख्य वजह मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (MNRE) द्वारा जारी किया गया नया ड्राफ्ट नोटिफिकेशन है, जो विंड टर्बाइन की मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ा है।
इस नोटिफिकेशन को ‘रिवाइज्ड लिस्ट ऑफ मॉडल्स एंड मैन्युफैक्चरर्स’ (Revised List of Models and Manufacturers – RLMM) के तहत पेश किया गया है। इसका मकसद भारत में Wind Energy सेक्टर को मजबूती देना और मैन्युफैक्चरर्स को स्पष्ट दिशा-निर्देशों के तहत काम करने का अवसर प्रदान करना है।
क्या है RLMM और क्यों है ये महत्वपूर्ण?
MNRE की Revised List of Models and Manufacturers यानी RLMM लिस्ट उन कंपनियों और उनके मॉडलों की सूची होती है जो भारत में ग्रिड-कनेक्टेड विंड टर्बाइनों के निर्माण और इंस्टॉलेशन के लिए योग्य मानी जाती हैं। नया ड्राफ्ट नोटिफिकेशन इस लिस्ट के दिशा-निर्देशों में बदलाव लाने की बात करता है ताकि तकनीकी रूप से उन्नत और विश्वसनीय टर्बाइन भारत में प्रयोग में लाई जा सकें।
इस नियम से ऐसी कंपनियों को सीधा लाभ होगा जो पहले से तकनीकी क्षमता और प्रोडक्शन क्षमता के मामले में मजबूत स्थिति में हैं, जैसे कि Suzlon Energy और Inox Wind। यह कदम देश की Renewable Energy नीतियों को मजबूती देगा और Wind Energy सेक्टर में निवेश को आकर्षित करेगा।
स्टॉक्स में आई तेजी: निवेशकों का बढ़ता भरोसा
सुबह 9:41 बजे तक Suzlon Energy और Inox Wind दोनों के स्टॉक्स में 4% तक की तेजी दर्ज की गई। हालांकि, Suzlon Energy के शेयर अब भी अपने 52-वीक हाई से करीब 40% नीचे हैं, लेकिन इस तेजी ने यह संकेत जरूर दे दिया है कि मार्केट इन कंपनियों में संभावनाएं देख रहा है।
निवेशकों की ओर से पॉजिटिव रिस्पॉन्स यह भी दिखाता है कि बाजार को उम्मीद है कि ये कंपनियाँ आने वाले समय में नए सरकारी नियमों का पूरा लाभ उठा सकती हैं।
भारत की Wind Energy रणनीति को मिलेगा बूस्ट
भारत सरकार लगातार Renewable Energy को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है। Wind Energy इसमें एक बड़ा हिस्सा है। मौजूदा समय में भारत की कुल स्थापित विंड पावर कैपेसिटी लगभग 45 GW के आसपास है, और सरकार ने 2030 तक इसे कई गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
ऐसे में नई टेक्नोलॉजी, बेहतर क्वालिटी कंट्रोल, और मान्यता प्राप्त मैन्युफैक्चरर्स की भूमिका काफी अहम हो जाती है। RLMM के नए नियम यही सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि केवल उच्च गुणवत्ता वाले टर्बाइन और विश्वसनीय कंपनियाँ ही इस क्षेत्र में कार्य करें।
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Suzlon और Inox Wind के लिए क्यों है ये सुनहरा मौका?
Suzlon Energy और Inox Wind दोनों ही भारत के प्रमुख विंड टर्बाइन मैन्युफैक्चरर्स में शामिल हैं। Suzlon देश में विंड एनर्जी क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में से एक रही है, जबकि Inox Wind ने भी बीते कुछ वर्षों में अपना विस्तार तेज़ी से किया है।
नए नियमों से इन कंपनियों को बाजार में बढ़त मिलने की संभावना है, क्योंकि ये पहले से ही टेक्नोलॉजी, प्रमाणन और उत्पादन क्षमता के मापदंडों पर खरा उतरती हैं। इसके साथ ही, इन्हें नए प्रोजेक्ट्स के लिए प्राथमिकता मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही है।
निवेशकों और इंडस्ट्री के लिए संकेत क्या हैं?
यह खबर केवल इन दो कंपनियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विंड एनर्जी सेक्टर के लिए एक बड़ा संकेत है। सरकार की ओर से जब इस तरह की स्पष्टता और संरचना आती है, तो वह उद्योग में स्थिरता और विश्वास को बढ़ाती है।
निवेशक भी ऐसी ही नीति स्थिरता की तलाश में रहते हैं, जिससे उन्हें लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न की उम्मीद हो सके। इसलिए Suzlon और Inox जैसे स्टॉक्स पर निवेशकों की निगाहें टिक सकती हैं, खासकर तब जब बाजार में तेजी का रुझान देखने को मिल रहा हो।
क्या यह ट्रेंड लंबे समय तक टिकेगा?
हालांकि शुरुआती तेजी उत्साहजनक है, लेकिन लंबे समय में कंपनियों को अपने प्रदर्शन से इस भरोसे को कायम रखना होगा। नई सरकारी नीति का लाभ उठाने के लिए इन्हें अपनी टेक्नोलॉजी, उत्पादन और लॉजिस्टिक्स में और अधिक पारदर्शिता और दक्षता लानी होगी।
वहीं, यह भी देखना होगा कि नोटिफिकेशन का फाइनल वर्जन क्या होता है और उसमें किन अतिरिक्त शर्तों को शामिल किया जाता है। निवेशकों के लिए यह एक अच्छा संकेत है, लेकिन सतर्कता के साथ आगे बढ़ना जरूरी रहेगा।