
सुझलॉन एनर्जी–Suzlon Energy के शेयर की कीमत हाल के दिनों में ₹86 से गिरकर ₹54 तक आ चुकी है, जिससे निवेशकों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई है। Renewable Energy क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सुझलॉन ने पिछले एक साल में जबरदस्त उछाल देखने के बाद अब तेज़ गिरावट का सामना किया है। 6 मई 2025 को सुझलॉन एनर्जी का शेयर मूल्य ₹53.74 था, जो पिछले कारोबारी दिन के ₹56.92 से करीब 5.5% नीचे बंद हुआ। यह गिरावट कंपनी के मूल्यांकन और बाजार की तकनीकी स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े कर रही है।
52-सप्ताह का प्रदर्शन और हालिया गिरावट
पिछले 52 सप्ताह के दौरान सुझलॉन एनर्जी के शेयर ने ₹86.04 का उच्चतम और ₹37.90 का न्यूनतम स्तर छुआ है। वहीं, पिछले 6 महीनों में शेयर में लगभग 31% की गिरावट आई है। यह गिरावट ऐसे समय में देखने को मिली है जब कंपनी की ऑर्डर बुक मजबूत हुई है और वित्तीय प्रदर्शन में भी सुधार हुआ है। बावजूद इसके, तकनीकी संकेतकों और उच्च मूल्यांकन के चलते निवेशक सतर्क हो गए हैं।
ब्रोकरेज हाउसों की राय: खरीदें लेकिन सावधानी से
विभिन्न ब्रोकरेज संस्थानों ने सुझलॉन एनर्जी को लेकर अब भी सकारात्मक रुख बनाए रखा है। मोटिलाल ओसवाल ने कंपनी के शेयर पर ‘Buy’ रेटिंग दी है और ₹70 का लक्ष्य मूल्य तय किया है, जो मौजूदा स्तर से लगभग 21.5% ऊपर है। वहीं, JM फाइनेंशियल ने भी ‘खरीदें’ की सिफारिश की है लेकिन लक्ष्य मूल्य ₹71 पर रखा है।
हालांकि, तकनीकी संकेतक जैसे MACD और 50-दिन EMA अभी मंदी के संकेत दे रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि अल्पकालिक निवेशकों को फिलहाल सतर्कता बरतनी चाहिए। तकनीकी विश्लेषण के मुताबिक, अगले कुछ हफ्तों तक शेयर पर दबाव बना रह सकता है।
कंपनी की मजबूती: ऑर्डर बुक, लाभ और कर्ज में कमी
सुझलॉन एनर्जी की मजबूती के कई संकेत हैं। कंपनी को हाल ही में NTPC ग्रीन एनर्जी से 378 मेगावाट का बड़ा ऑर्डर प्राप्त हुआ है। यह डील कंपनी की ऑर्डर बुक को और मजबूत बनाती है और भविष्य की आय संभावनाओं को बल देती है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (Q4 FY24) में कंपनी ने ₹3,002 करोड़ की आय दर्ज की है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसी अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ ₹387.76 करोड़ रहा, जो इसके लाभप्रदता में सुधार का संकेत देता है।
इसके अलावा, कंपनी ने अपने कर्ज को भी काफी हद तक घटा दिया है। ऋण में कमी से न केवल ब्याज बोझ में राहत मिलती है, बल्कि निवेशकों को कंपनी के दीर्घकालिक भविष्य को लेकर विश्वास भी मिलता है।
जोखिम के संकेत: उच्च मूल्यांकन और प्रमोटर हिस्सेदारी
जहां एक ओर कंपनी की बुनियादी स्थिति मजबूत दिख रही है, वहीं कुछ ऐसे संकेतक भी हैं जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है। वर्तमान में सुझलॉन का PE अनुपात 67.94 है, जो कि इसके सेक्टर के औसत से कहीं अधिक है। इसका मतलब है कि शेयर पहले से ही ऊंचे मूल्यांकन पर ट्रेड कर रहा है, और इसमें गिरावट की गुंजाइश बनी रहती है।
साथ ही, प्रमोटरों की हिस्सेदारी केवल 13.25% है। आम तौर पर निवेशक उन कंपनियों को प्राथमिकता देते हैं जिनमें प्रमोटरों की मजबूत भागीदारी होती है, क्योंकि यह लंबे समय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
निवेशकों के लिए क्या है सही रणनीति?
सुझलॉन एनर्जी में निवेश को लेकर रणनीति इस बात पर निर्भर करती है कि आपका निवेश लक्ष्य क्या है। यदि आप एक दीर्घकालिक निवेशक हैं और भारत के Renewable Energy सेक्टर की संभावनाओं पर विश्वास रखते हैं, तो यह गिरावट आपके लिए एक मौका हो सकती है। खासतौर पर जब कंपनी की ऑर्डर बुक मज़बूत हो, लाभ में सुधार हो और कर्ज में कटौती हो रही हो।
हालांकि, अल्पकालिक निवेशकों को तकनीकी दबाव, उच्च मूल्यांकन और बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए निवेश निर्णय लेना चाहिए। ब्रोकरेज हाउसों की ‘Buy’ रेटिंग को ज़रूर ध्यान में रखें, लेकिन बिना रिस्क एनालिसिस के निवेश करना उचित नहीं होगा।