भारत की अग्रणी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी Suzlon Energy को भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) से एक महत्वपूर्ण विंड एनर्जी प्रोजेक्ट हासिल हुआ है। इसके बावजूद शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में 2% से अधिक की गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

शेयर बाजार में प्रदर्शन
शुक्रवार को दोपहर 12:00 बजे तक Suzlon Energy का शेयर ₹52.19 पर ट्रेड कर रहा था, जो कि पिछले बंद ₹53.15 से 1.81% नीचे था। इससे पहले गुरुवार को भी कंपनी के शेयर में 2.6% की गिरावट देखी गई थी। इस हफ्ते के प्रदर्शन को देखें तो यह लगातार दूसरे दिन शेयरों में गिरावट का संकेत है।
BPCL की हरित ऊर्जा योजना में Suzlon को मिला प्रोजेक्ट
BPCL ने अपने 2040 तक 10 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य के तहत 100 मेगावाट की विंड एनर्जी परियोजना घोषित की है। इसमें से 50 मेगावाट की जिम्मेदारी Suzlon Energy को सौंपी गई है, जिसे मध्य प्रदेश में स्थापित किया जाएगा। शेष 50 मेगावाट का प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में बनेगा।
इन पवन ऊर्जा परियोजनाओं से BPCL की मुंबई और बीना रिफाइनरियों को बिजली मिलेगी, जिससे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी। परियोजना को अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, अभी तक Suzlon ने इस प्रोजेक्ट की औपचारिक जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को नहीं दी है, जो निवेशकों के बीच चिंता का कारण बन रही है।
शेयर में गिरावट के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, निम्नलिखित कारणों से Suzlon के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई:
- शेयर बाजार में व्यापक कमजोरी
- शॉर्ट-टर्म निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली
- नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर में मिश्रित रुझान
- वैश्विक ऊर्जा बाजारों में अनिश्चितता
- Suzlon का ऊँचा P/E रेशियो (61.74), जिससे वैल्यूएशन पर सवाल उठ रहे हैं
वित्तीय स्थिति और आगामी अनुमान
मार्च 2025 तिमाही के लिए Suzlon की वित्तीय स्थिति को लेकर अनुमान उत्साहजनक हैं:
- राजस्व अनुमान: ₹3,421.1 करोड़ (पिछले वर्ष की तुलना में 56% अधिक)
- शुद्ध लाभ अनुमान: ₹444.7 करोड़ (पिछले वर्ष की तुलना में 75% अधिक)
- टारगेट प्राइस: ₹71 से ₹75 के बीच
- शेयरहोल्डिंग: प्रमोटर – 13.25%, पब्लिक – 86.75%
निवेशकों के लिए सलाह
विश्लेषकों का मानना है कि Suzlon की दीर्घकालिक वृद्धि की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं, खासकर भारत सरकार की हरित ऊर्जा पर फोकस के चलते। हालांकि, शॉर्ट टर्म निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है, जबकि लंबी अवधि के निवेशक गिरावट के दौरान खरीदारी पर विचार कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह खबर केवल सूचना एवं शिक्षा के उद्देश्य से है। निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें।