
2025 में भारत का रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy सेक्टर एक बार फिर निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है। खासतौर पर दो कंपनियों—Suzlon Energy और IREDA (Indian Renewable Energy Development Agency)—के शेयर बाजार में प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाएं निवेशकों के लिए उत्सुकता का विषय बनी हुई हैं। एक ओर Suzlon भारत की अग्रणी Wind Turbine निर्माता कंपनी है, वहीं IREDA एक सरकारी वित्तीय संस्थान है जो देश की ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं को फंडिंग मुहैया कराता है। यह लेख इन दोनों कंपनियों की वर्तमान स्थिति, संभावनाओं और जोखिमों का तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
Suzlon Energy: फिर से ऊंचाइयों की ओर
Suzlon Energy ने हाल ही में Vibrant Energy के साथ 99 मेगावाट की Wind Energy परियोजना का समझौता किया है। यह डील कंपनी के भविष्य के प्रति बाजार के भरोसे को और मजबूत करती है। मई 2025 तक Suzlon के शेयर की कीमत ₹60 से ₹62 के बीच रही है, जो सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर ₹86 से भले ही नीचे हो, लेकिन बीते एक वर्ष में इसने 50% से अधिक का रिटर्न दिया है।
Motilal Oswal जैसी प्रमुख ब्रोकरेज फर्म ने Suzlon का टारगेट प्राइस ₹75 तय किया है, जो लगभग 30% की संभावित बढ़त को दर्शाता है। यह भविष्यवाणी सरकार की नई RLMM (Revised List of Models and Manufacturers) नीति के आलोक में की गई है, जो घरेलू उपकरण निर्माताओं को प्राथमिकता देती है और Suzlon जैसे भारतीय खिलाड़ियों को सीधा लाभ देती है।
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FY24 से FY27 के बीच Suzlon के लिए राजस्व में 51% CAGR, EBITDA में 52% और शुद्ध लाभ में 63% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। यह संभावनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि कंपनी वित्तीय पुनर्गठन और तकनीकी उन्नयन के जरिए अपने पुनरुत्थान की राह पर अग्रसर है।
हालांकि, चुनौतियों की बात करें तो Suzlon को अपने अतीत के भारी कर्ज, नकदी प्रवाह की कमी और Wind Energy सेक्टर में तेजी से बदलती तकनीक का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, प्रतिस्पर्धा भी लगातार बढ़ रही है, जिससे Suzlon को सतर्क रहना होगा।
IREDA: सरकारी संरक्षण और वित्तीय स्थिरता
सरकार के अधीन कार्यरत IREDA का प्रदर्शन 2025 की शुरुआत में कुछ नरम रहा है। इस वर्ष अब तक इसके शेयर में लगभग 21% की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, मई 2025 में इसमें 5% की रिकवरी देखी गई है और इस समय यह ₹173 से ₹175 की रेंज में ट्रेड कर रहा है।
WalletInvestor जैसे प्लेटफॉर्म IREDA को लेकर काफी बुलिश रुख अपना रहे हैं। उनका दावा है कि IREDA का शेयर अगले 12 महीनों में ₹455 तक जा सकता है, जो वर्तमान मूल्य से लगभग 88% की बढ़त को दर्शाता है। FY23 में IREDA ने ₹16,320 करोड़ के कर्ज वितरित किए, जो इसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
IREDA को न केवल सरकार का सहयोग प्राप्त है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से भी लगातार फंडिंग मिल रही है। यह इसे दीर्घकालिक रूप से स्थिर और भरोसेमंद निवेश विकल्प बनाता है। कंपनी की भागीदारी कई सरकारी Renewable Energy प्रोजेक्ट्स में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।
हालांकि, कंपनी के सामने कुछ वित्तीय जोखिम भी हैं। IREDA का बीटा 1.4 है, जो इसे बाजार की तुलना में अधिक अस्थिर बनाता है। इसके अलावा, कंपनी की कार्यशील पूंजी (Working Capital) अवधि में वृद्धि और ब्याज कवरेज अनुपात (Interest Coverage Ratio) में गिरावट देखी गई है। ये संकेत उन निवेशकों के लिए चिंताजनक हो सकते हैं जो स्थिरता को प्राथमिकता देते हैं।
निवेशकों के लिए क्या है बेहतर विकल्प?
Suzlon Energy और IREDA दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति रखते हैं। लेकिन निवेश का फैसला करते समय निवेशक की जोखिम सहिष्णुता (Risk Appetite), निवेश की समयावधि और लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिए।
यदि कोई निवेशक उच्च रिटर्न की संभावना को प्राथमिकता देता है और जोखिम लेने को तैयार है, तो Suzlon Energy एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसकी ग्रोथ संभावनाएं, पॉलिसी सपोर्ट और हाल की प्रोजेक्ट डील्स इसे एक आकर्षक निवेश बनाते हैं।
दूसरी ओर, यदि आप अपेक्षाकृत कम जोखिम और स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं, तो IREDA का सरकारी समर्थन और मजबूत बैलेंस शीट इसे एक भरोसेमंद विकल्प बनाती है। हालांकि इसके शेयर की अस्थिरता और कुछ वित्तीय कमजोरियां निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह देती हैं।
सोच-समझकर उठाएं अगला कदम
दोनों कंपनियां Renewable Energy सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और आने वाले वर्षों में इनकी प्रासंगिकता और बढ़ने की संभावना है। परंतु निवेश से पहले एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना और अपने निवेश लक्ष्यों का स्पष्ट मूल्यांकन करना आवश्यक है। निवेश की दुनिया में जानकारी ही सबसे बड़ा हथियार है।