टाटा पावर सोलर भारत की टॉप सोलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जिसे अपने उपकरणों की विश्वसनीयता एवमं उच्च कार्य प्रदर्शन क्षमता के लिए जाना जाता है। टाटा के सोलर उपकरणों की सहायता से बने सोलर सिस्टम से बिजली की जरूरतों को आसानी से पूरा किया जा सकता है। टाटा द्वारा देश के अलग-अलग स्थानों में सोलर प्लांट स्थापित किए गए हैं। टाटा पावर सोलर के सोलर उपकरणों का प्रयोग कर के आप एक कुशल सोलर सिस्टम स्थापित कर सकते हैं।
Tata 1kW सोलर की जानकारी
घर के लिए एक कुशल एवं आधुनिक सोलर सिस्टम लगाने के लिए आप TATA के सोलर उपकरणों का प्रयोग कर सकते हैं, सोलर सिस्टम को स्थापित करने से यूजर को अनेक प्रकार से लाभ प्राप्त होते हैं। आज के समय में सोलर सिस्टम एक महत्वपूर्ण जरूरत भी बन गया है, जिसे स्थापित करने के बाद पर्यावरण को भी प्रदूषण से मुक्त किया जा सकता है। और बिजली के बिल की चिंता को भी कम किया जा सकता है।
1kW सोलर सिस्टम के लिए जरूरी कॉम्पोनेंट
टाटा पावर सोलर रेजिडेंशियल और कमर्शियल सेक्टर दोनों के लिए सोलर सिस्टम बनाता है। ये ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड दोनों तरह के सोलर सिस्टम प्रदान करता है।
- ऑन-ग्रिड सिस्टम में सोलर पैनल के साथ सोलर इन्वर्टर, ACDB/DCDB, आदि की जरूरत होती है। इस सिस्टम से बिजली बिल को कम किया जा सकता है, क्योंकि इसमें शेयर होने वाली बिजली की गणना के लिए नेट-मीटर लगा रहता है।
- ऑफ-ग्रिड सिस्टम में सोलर बैटरी की भी जरूरत होती है, जिससे यह थोड़ा महंगा होता है। इसमें पावर बैकअप को रखने के लिए बैटरी लगाई जाती है।
यदि आपके घर का महीने का बिजली का खर्चा 800 रुपये तक है, तो आप 1kW का सोलर सिस्टम लगा सकते हैं। ऐसे सिस्टम से आप महीने में 150 यूनिट तक बिजली बना सकते हैं। एवं बिल में बचत कर सकते हैं।
Tata 1kW सोलर सिस्टम के लिए सोलर पैनल की कीमत
1 किलोवाट सोलर सिस्टम की कीमत कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है, जैसे सोलर पैनल का टाइप और अन्य घटकों की कीमत। टाटा पॉलीक्रिस्टलाइन और मोनो PERC दोनों तरह के सोलर पैनल बनाता है। पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल की कीमत कम होती है और अच्छी एफिशिएंसी के साथ आते हैं, इनका प्रयोग भी अधिक सोलर प्लांट में किया जाता है, जबकि मोनोक्रिस्टलाइन पैनल कम स्पेस में ज्यादा एफिशिएंसी और परफॉरमेंस देते हैं। इस प्रकार के सोलर पैनल एडवांस तकनीक से निर्मित किए जाते हैं।
1 किलोवाट सोलर सिस्टम के लिए 330 वॉट के 3 सोलर पैनल की जरूरत होती है, जिनकी कीमत 30 रुपये/वाट है। इसके अलावा, आपको एक सोलर इन्वर्टर की भी जरूरत होगी, जिसकी कीमत 20,000 रुपये है। टाटा के 1 किलोवाट सोलर सिस्टम इंस्टालेशन के लिए अन्य एडिशनल कॉम्पोनेन्ट्स की भी जरूरत होती है, जिनकी कीमत 20,000 रुपये है। इनमें माउंटिंग स्ट्रक्चर, वायर, ACDB/DCDB आदि शामिल हैं। ऐसे उपकरण सोलर सिस्टम को मजबूती प्रदान करने के साथ ही कनेक्शन स्थापित करने में सहायक होते हैं।
सरकारी सब्सिडी का लाभ
भारत सरकार अपने नागरिकों को सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी भी देती है, जिससे इंस्टालेशन कॉस्ट काफी कम हो जाती है। सरकार 1 किलोवाट के सोलर पैनल लगाने पर 30,000 रुपये की सब्सिडी प्रोवाइड करती है। यह राशि पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना के माध्यम से प्रदान की जाती है।
इसमें ऑनग्रिड सोलर सिस्टम स्थापित किया जाता है, ऐसे सिस्टम में बैटरी नहीं जोड़ी जाती है, ग्रिड से सोलर सिस्टम जुड़ा रहता है। सरकारी योजना के माध्यम से आप फ्री बिजली प्राप्त कर सकते हैं। इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आपको योजना के लिए अप्लाई करना होगा।
टोटल कॉस्ट की जानकारी
कॉम्पोनेंट्स | कीमत |
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सोलर पैनल (330W x 3) | 35,000 रुपये |
टाटा PCU सोलर इन्वर्टर | 20,000 रुपये |
माउंटिंग और इंस्टालेशन कॉस्ट | 20,000 रुपये |
कुल कीमत | 75,000 रुपये |
टाटा का 1kW सोलर सिस्टम न केवल पावरफुल है, बल्कि यह लॉन्ग-टर्म बेनिफिट भी ऑफर करता है। सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाकर आप इस सिस्टम को और भी किफायती बना सकते हैं। सोलर सिस्टम पर किए जाने वाले निवेश को समझदारी का निवेश कहते हैं, क्योंकि इस से यूजर को अनेकों प्रकार से लाभ प्राप्त होते हैं।
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