रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) आंध्र प्रदेश में अगले पांच वर्षों में ₹65,000 करोड़ का निवेश करने की योजना बना रही है। यह निवेश राज्य में ग्रीन एनर्जी (Renewable Energy) के क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, क्योंकि इस परियोजना के तहत 500 संपीड़ित बायोगैस (Compressed Biogas) संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। रिलायंस का यह कदम स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति और पर्यावरणीय स्थिरता को भी मजबूत करेगा।
आंध्र प्रदेश में ग्रीन एनर्जी का बढ़ता महत्व
रिलायंस के इस ₹65,000 करोड़ के निवेश से न केवल स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति होगी, बल्कि आंध्र प्रदेश को कई नए रोजगार अवसर भी मिलेंगे। इस निवेश के बाद राज्य के बंजर भूमि पर संपीड़ित बायोगैस संयंत्र स्थापित होंगे, जो पर्यावरण के लिए लाभकारी साबित होंगे। आंध्र प्रदेश सरकार का अनुमान है कि इन संयंत्रों के संचालन से लगभग 250,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
इन बायोगैस संयंत्रों की प्रत्येक यूनिट की लागत लगभग ₹130 करोड़ होगी। यह संयंत्र मुख्य रूप से बंजर भूमि पर विकसित किए जाएंगे, जो भूमि पुनर्जीवन और कृषि क्षेत्र के लिए भी लाभकारी होंगे। राज्य के आईटी मंत्री नारा लोकेश और रिलायंस के वरिष्ठ अधिकारी अनंत अंबानी के बीच हाल ही में हुई बैठक में इस बड़े निवेश को हरी झंडी दी गई। इसके बाद, विजयवाड़ा में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद रहेंगे।
बायोगैस संयंत्रों के लिए राज्य सरकार के प्रोत्साहन
आंध्र प्रदेश सरकार ने बायोगैस संयंत्रों के निवेश को आकर्षित करने के लिए कई तरह के प्रोत्साहन दिए हैं। राज्य की एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति के तहत, रिलायंस को संपीड़ित बायोगैस संयंत्रों के लिए पांच वर्षों के लिए 20% पूंजी निवेश पर सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य माल और सेवा कर (SGST) और बिजली शुल्क की पूरी प्रतिपूर्ति भी की जाएगी। ये प्रोत्साहन आंध्र प्रदेश को निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना रहे हैं।
संपीड़ित बायोगैस परियोजना का प्रभाव
यह परियोजना न केवल रोजगार सृजन में मदद करेगी, बल्कि बंजर भूमि को पुनर्जीवित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इन संयंत्रों के जरिए ऊर्जा फसलों की खेती को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि हो सकती है। राज्य सरकार का अनुमान है कि प्रत्येक एकड़ कृषि भूमि से किसानों की आय में ₹30,000 प्रति वर्ष का इजाफा होगा। इसके अलावा, इस परियोजना से 25 वर्षों में ₹57,650 करोड़ तक का राजस्व उत्पन्न हो सकता है, जो राज्य को वित्तीय लाभ की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा।
पर्यावरणीय लाभ और दीर्घकालिक दृष्टिकोण
रिलायंस का यह ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट आंध्र प्रदेश के पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। बायोगैस संयंत्रों के संचालन से कचरे के निपटान की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी, और साथ ही इससे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को भी कम किया जाएगा। इस तरह की पहलें न केवल पर्यावरण को संरक्षित करती हैं, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा देती हैं।
राज्य की विकास दर में तेजी
यह परियोजना आंध्र प्रदेश के समग्र आर्थिक विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगी। राज्य में बायोगैस संयंत्रों के स्थापित होने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और कृषि क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव आएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार के लिए यह परियोजना एक मॉडल बन सकती है, जिससे अन्य राज्यों में भी इस तरह के निवेश आकर्षित किए जा सकेंगे।
रिलायंस की स्वच्छ ऊर्जा पहल
रिलायंस इंडस्ट्रीज का यह कदम उसकी स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) की ओर बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कंपनी ने पहले ही कई नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश किया है और अब यह बायोगैस संयंत्रों के साथ अपनी ऊर्जा पोर्टफोलियो को और भी मजबूत बना रही है। रिलायंस का लक्ष्य भारत में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नेतृत्व प्राप्त करना है, और इस निवेश से कंपनी अपनी दीर्घकालिक ऊर्जा रणनीति को साकार कर रही है।