धड़ाम से गिरा ये सोलर शेयर 2400 से गिरकर ₹46 पर, अब लग रहे अपर सर्किट क्या वाकई डूब रही है कंपनी?

इस शेयर की कीमत में अचानक आई इतनी बड़ी गिरावट ने निवेशकों को चौंका दिया है। लेकिन अब अपर सर्किट का क्या मतलब है? क्या ये गिरावट सिर्फ एक अस्थायी हलचल है या कंपनी की स्थिति वाकई गंभीर है? जानिए, क्या इस कंपनी में अभी भी बची है उम्मीद!

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Written by Rohit Kumar

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धड़ाम से गिरा ये सोलर शेयर 2400 से गिरकर ₹46 पर, अब लग रहे अपर सर्किट क्या वाकई डूब रही है कंपनी?
धड़ाम से गिरा ये सोलर शेयर 2400 से गिरकर ₹46 पर, अब लग रहे अपर सर्किट क्या वाकई डूब रही है कंपनी?

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को काफी परेशान कर रखा है। मंगलवार को इस अस्थिरता का एक और उदाहरण देखने को मिला, जब जेनसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering) के शेयर में 23 दिनों बाद तेजी आई। इस दौरान, लगातार गिरावट और लोअर सर्किट की मार झेलने के बाद, जेनसोल के शेयर में आज 5% का अपर सर्किट लगा और शेयर की कीमत 56 रुपये के आसपास पहुंच गई।

23 दिन की गिरावट के बाद आई तेजी

जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में पिछले 23 दिनों से लगातार गिरावट जारी थी। इस दौरान, कंपनी का शेयर लगातार लोअर सर्किट में फंसा हुआ था, और निवेशक परेशान थे कि अब उनका क्या होगा। लेकिन आज अचानक से इस शेयर में तेजी आई, और 5% का अपर सर्किट लगा, जिससे शेयर की कीमत में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई। खास बात ये है कि जेनसोल के शेयर की कीमत दो महीने में लगभग 90% तक गिर चुकी थी। मार्च 2023 में जेनसोल का शेयर 516 रुपये पर था, जो अब गिरकर केवल 56 रुपये तक पहुंच गया है।

जेनसोल इंजीनियरिंग में इस्तीफे की वजह

जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में आई इस गिरावट का कारण कंपनी के प्रमोटर्स के इस्तीफे और उनके खिलाफ जांच थी। हाल ही में, कंपनी के प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। अनमोल सिंह जग्गी, जो कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे, और पुनीत सिंह जग्गी, जो होलटाइम डायरेक्टर थे, पर आरोप लगे थे कि उन्होंने कंपनी के फंड्स का उपयोग निजी खर्चों के लिए किया था। इन आरोपों के कारण, निवेशकों में असमंजस और डर का माहौल था, जो कि शेयर के गिरने की वजह बना।

Gensol का शेयर 90% गिरकर 56 रुपये हुआ

जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में जो गिरावट देखी गई, वह न केवल कंपनी की आंतरिक समस्याओं से जुड़ी थी, बल्कि कुछ बाहरी कारक भी इसके कारण बने। इस साल 2025 में केयर रेटिंग्स ने कंपनी की रेटिंग को BB+ स्टेबल से घटाकर डिफॉल्ट कर दिया था, जो कि निवेशकों के लिए एक बड़ा झटका था। इसके अलावा, इक्रा (ICRA) ने भी कंपनी की रेटिंग को डाउनग्रेड किया। इसके बाद कंपनी के फंड्स के गलत उपयोग की खबरें सामने आईं, जिसमें प्रमोटर्स द्वारा निजी खर्चों के लिए कंपनी के पैसों का इस्तेमाल किया गया। इस सबका असर कंपनी के शेयर पर पड़ा, और शेयर की कीमत 516 रुपये से गिरकर मात्र 56 रुपये तक पहुंच गई।

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प्रमोटर्स पर SEBI का एक्शन

कंपनी के प्रमोटर्स के खिलाफ आरोपों के बाद, मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने भी एक बड़ा कदम उठाया। SEBI ने कंपनी के प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी पर बैन लगा दिया और इन दोनों को किसी भी प्रकार के शेयर खरीदने या बेचने से रोक दिया। इसके साथ ही, कंपनी द्वारा प्रस्तावित स्टॉक स्प्लिट की योजना को भी SEBI ने रद्द कर दिया। SEBI की जांच में यह पाया गया कि कंपनी के CEO ने कंपनी के पैसे का उपयोग निजी खर्चों, जैसे कि ट्रैवल और लग्ज़री चीजों के लिए किया था।

Gensol Engineering का भविष्य

जेनसोल इंजीनियरिंग का शेयर इस समय बहुत ही निचले स्तर पर है, लेकिन हाल ही में आई तेजी ने निवेशकों में एक उम्मीद की किरण जगा दी है। हालांकि, कंपनी की आंतरिक समस्याएं और प्रमोटर्स के इस्तीफे के बाद कंपनी की स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है। अगर कंपनी की आंतरिक स्थिति सुधरती है और शेयर की कीमत स्थिर रहती है, तो इस शेयर में फिर से कुछ सुधार हो सकता है, लेकिन यह निवेशकों के लिए अभी भी एक जोखिमपूर्ण स्थिति है।

एक नजर शेयर के इतिहास पर

जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में पहले कई बार जबरदस्त उछाल देखा गया था। पिछले साल अक्टूबर 2023 में, जेनसोल के शेयर का मूल्य 2392 रुपये तक पहुंच गया था। लेकिन इसके बाद गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ और अक्टूबर के अंत तक यह 862 रुपये पर पहुंच गया। इसके बाद से शेयर में लगातार गिरावट आई और साल 2025 में यह लगभग 90% तक गिरकर 56 रुपये के आसपास आ गया। यदि हम इस शेयर के इतिहास को देखें, तो यह समझ सकते हैं कि कभी यह शेयर निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प था, लेकिन अब इसकी स्थिति बहुत खराब हो चुकी है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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