भारत में Renewable Energy क्षेत्र में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। सरकार की 2030 तक 500 GW की ग्रीन एनर्जी क्षमता प्राप्त करने की योजना और वैश्विक जलवायु संकट से निपटने की प्रतिबद्धता ने देश में Sustainable Power के विकास को नई दिशा दी है। इस रफ्तार में देश की कुछ प्रमुख निजी कंपनियाँ अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, जो न केवल भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही हैं, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत को ग्रीन लीडर बना रही हैं।

2025 तक भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियाँ – अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL), टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (TPREL) और रीन्यू एनर्जी ग्लोबल पीएलसी (ReNew Power) – ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश और उत्पादन करके न केवल अपने पोर्टफोलियो को मजबूत किया है बल्कि देश के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य को भी मजबूती प्रदान की है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL): भारत की सबसे बड़ी ग्रीन एनर्जी कंपनी
अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) भारत की सबसे बड़ी और विश्व की अग्रणी Renewable Energy कंपनियों में से एक बन गई है। वर्ष 2015 में स्थापित यह कंपनी अहमदाबाद, गुजरात में मुख्यालयित है। 2025 तक कंपनी की इंस्टॉल्ड Renewable Energy क्षमता 13.48 गीगावाट तक पहुँच चुकी है।
AGEL का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट गुजरात के खावड़ा में विकसित किया जा रहा है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा Renewable Energy पार्क कहा जा रहा है। यह पार्क सौर और पवन ऊर्जा दोनों के समेकित संयोजन से बना है और इसे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।
अदाणी ग्रीन की भविष्य की योजना 2030 तक अपनी क्षमता को बढ़ाकर 45 GW तक ले जाने की है। यह योजना भारत को वैश्विक स्तर पर Renewable Energy सुपरपावर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (TPREL): एक सदी पुरानी विरासत के साथ आधुनिक ऊर्जा की ओर
टाटा पावर, जो 1911 में स्थापित हुई थी, ने अपने Renewable Energy पोर्टफोलियो को विस्तार देने के लिए टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (TPREL) की स्थापना की। मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित यह कंपनी अब भारत की दूसरी सबसे बड़ी Renewable Energy कंपनी के रूप में उभरकर सामने आई है।
2025 तक TPREL की कुल इंस्टॉल्ड ग्रीन एनर्जी क्षमता 10.9 गीगावाट तक पहुँच चुकी है। कंपनी सौर, पवन और हाइब्रिड एनर्जी प्रोजेक्ट्स में सक्रिय है। इसके साथ ही EV चार्जिंग स्टेशन और सोलर पंप के क्षेत्र में भी टाटा पावर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
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TPREL का लक्ष्य आने वाले वर्षों में अपने Renewable Energy पोर्टफोलियो को लगातार बढ़ाना और भारत सरकार के स्वच्छ ऊर्जा मिशन में योगदान देना है। कंपनी की रणनीति शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक सस्टेनेबल एनर्जी समाधान प्रदान करने की है।
रीन्यू एनर्जी ग्लोबल पीएलसी (Renew Power): इनोवेशन और स्केलेबिलिटी की मिसाल
रीन्यू एनर्जी ग्लोबल पीएलसी (Renew Power), जो 2011 में गुरुग्राम, हरियाणा से शुरू हुई, आज भारत की तीसरी सबसे बड़ी Renewable Energy कंपनी बन चुकी है। कंपनी की इंस्टॉल्ड क्षमता 2025 तक 10.6+ गीगावाट हो चुकी है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
ReNew Power सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में विशेषज्ञता रखती है। इसकी प्रमुख योजनाओं में से एक आंध्र प्रदेश में ₹22,000 करोड़ की लागत से विकसित की जा रही एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा परियोजना है। यह प्रोजेक्ट भारत के सबसे बड़े ग्रीन इनवेस्टमेंट में से एक माना जा रहा है।
रीन्यू एनर्जी का लक्ष्य 2030 तक 30 GW की क्षमता हासिल करना है। कंपनी बड़े स्तर पर निजी और सरकारी साझेदारियों के माध्यम से ग्रीन एनर्जी समाधान विकसित कर रही है।
भारत की Renewable Energy क्रांति में अन्य कंपनियों की भागीदारी
जहाँ अदाणी, टाटा और रीन्यू ने सबसे बड़ी कंपनियों के रूप में अपनी जगह बनाई है, वहीं कई अन्य कंपनियाँ भी इस क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, एसीएमई सोलर, और अवाडा ग्रुप जैसे नाम इस सूची में आते हैं। ये कंपनियाँ बड़े पैमाने पर सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश कर रही हैं, जो भारत सरकार के 2030 तक 500 GW Renewable Energy लक्ष्य को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
सरकार द्वारा प्रोत्साहित नीतियाँ, जैसे कि ग्रीन एनर्जी क्रेडिट्स, आईपीओ-IPO प्रोत्साहन, और भूमि अधिग्रहण की सरल प्रक्रियाएँ, निजी क्षेत्र को Renewable Energy में निवेश के लिए प्रेरित कर रही हैं। इसके साथ ही, भारत का क्लाइमेट कमिटमेंट और वैश्विक मंचों पर एक्टिव भागीदारी देश को ग्रीन एनर्जी हब बनाने की ओर अग्रसर कर रही है।