उत्तर प्रदेश में घरों की छतों पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। अब रूफटॉप सोलर पैनल लगवाने वाले उपभोक्ताओं को आवेदन और पंजीकरण शुल्क से पूरी तरह राहत मिल गई है। पहले इन दोनों मदों में कुल 1,250 रुपये तक खर्च आता था — जिसमें 250 रुपये आवेदन शुल्क और 1,000 रुपये पंजीकरण शुल्क शामिल थे। इसके अलावा नेट मीटर जांच के लिए लगने वाला 400 रुपये का अतिरिक्त शुल्क भी समाप्त कर दिया गया है। यानी उपभोक्ता अब कुल 1,650 रुपये तक की बचत कर पाएंगे।
पावर कॉरपोरेशन के निदेशक (वाणिज्य) प्रशांत वर्मा ने इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी कर दिए हैं। उनका कहना है कि इस पहल से अधिक से अधिक लोग ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मु्फ्त बिजली योजना’ से जुड़ेंगे और छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना से मिलेगा आर्थिक लाभ
केंद्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को छत पर सोलर पैनल लगवाने पर सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी उपभोक्ता की श्रेणी और क्षमता के अनुसार तय होती है, जिसकी अधिकतम सीमा 1.08 लाख रुपये है। यह योजना 1 से 10 किलोवॉट क्षमता तक के सिस्टम पर लागू होती है।
पहले उपभोक्ताओं को आवेदन और पंजीकरण शुल्क के अलावा इंटरकनेक्शन या नेटमीटरिंग एग्रीमेंट की प्रक्रिया भी पूरी करनी पड़ती थी। अब यह औपचारिकता समाप्त कर दी गई है। मीटर की जांच के लिए जो 400 रुपये का शुल्क लिया जाता था, वह भी अब नहीं लिया जाएगा। इससे योजना के तहत आवेदन करना और सौर ऊर्जा सिस्टम लगवाना पहले से कहीं आसान और किफायती हो जाएगा।
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सौर ऊर्जा की ओर बढ़ रहे हैं उद्योग
घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ अब बड़े उद्योगों को भी सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। हाल ही में यूनियन बैंक द्वारा हरदोई में आयोजित वित्तीय समावेशन संतृप्ति शिविर के दौरान यह घोषणा की गई कि उद्योगों को अपने परिसरों में सौर ऊर्जा सिस्टम स्थापित करने के लिए बैंक से ऋण (लोन) उपलब्ध कराया जाएगा।
बैंक के जीएम राजेश कुमार के अनुसार, यह कदम औद्योगिक क्षेत्रों में पर्यावरण-संगत ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगा। यूनियन बैंक की ओर से 8 करोड़ रुपये तक के सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग की जा सकती है। बैंक के वरिष्ठ अधिकारी मार्कंडेय यादव ने बताया कि महिला उद्यमियों के लिए विशेष छूट और रियायती योजनाएं भी चलाई जा रही हैं ताकि उन्हें ऊर्जा क्षेत्र में नई संभावनाएं मिल सकें।
हर स्तर पर लाभ की संभावना
इन नीतिगत बदलावों का लाभ दो स्तरों पर होगा। पहला, आम घरेलू उपभोक्ता जो अब बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के सौर पैनल लगवा सकेंगे, जिससे बिजली बिलों में बड़ी बचत होगी। दूसरा, उद्योग जगत जो स्वच्छ ऊर्जा के जरिये उत्पादन लागत कम कर सकेगा और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगा।
सरकार की यह पहल न केवल हरित ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करती है बल्कि प्रदेश को आत्मनिर्भर ऊर्जा राज्य बनने की दिशा में भी ले जा रही है। आने वाले समय में सौर ऊर्जा यूपी की बिजली जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा कर सकती है।







