
उत्तर प्रदेश में Renewable Energy को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। उत्तर प्रदेश नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (UPNEDA) ने राज्य के ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में सोलर ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत कुल 10,000 घरों में 200 वॉट क्षमता वाले सोलर पावर पैक लगाए जाएंगे, जिसके लिए ₹37.94 करोड़ (जीएसटी सहित) का टेंडर जारी किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीण विकास को भी सशक्त बनाना है।
योजना का उद्देश्य और समयसीमा
UPNEDA द्वारा जारी की गई यह योजना Decentralized Clean Energy Solutions के अंतर्गत आती है। योजना के अंतर्गत चयनित घरों में 200 वॉट के सोलर पावर पैक सिस्टम की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग का कार्य किया जाएगा। इस पूरी परियोजना को कार्य आदेश जारी होने की तारीख से चार महीने के भीतर पूर्ण करना अनिवार्य होगा। इससे यह स्पष्ट है कि सरकार इस योजना को त्वरित रूप से लागू करना चाहती है ताकि लाभार्थियों को जल्द से जल्द इसका फायदा मिल सके।
सोलर सिस्टम की संरचना और विशेषताएं
इस योजना के तहत जो सोलर पावर पैक वितरित किए जाएंगे, वे आधुनिक तकनीक से युक्त होंगे और ग्रामीण परिवेश को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किए गए हैं। प्रत्येक सिस्टम में ऐसा प्रावधान होगा जिससे वह प्रतिदिन 6 से 7 घंटे तक बिजली आपूर्ति कर सके और कम से कम दो दिनों तक बैकअप क्षमता बनाए रख सके। इस पावर पैक में 200 वॉट का स्वदेशी सोलर पीवी मॉड्यूल, 12.8V 80Ah की LiFePO4 बैटरी, पांच एलईडी लाइट्स (3W, 5W और 7W), 20-वॉट का डीसी सीलिंग फैन और 25-वॉट का डीसी पावर प्लग (यूएसबी चार्जिंग सुविधा सहित) शामिल होंगे।
गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की पहल
टेंडर प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और गुणवत्ता आधारित बनाने के लिए विशेष दिशानिर्देश तय किए गए हैं। टेंडर दस्तावेजों के अनुसार, सभी उपकरणों को BIS और MNRE के मानकों के अनुरूप होना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, सोलर मॉड्यूल को अंतरराष्ट्रीय IEC मानकों के अनुसार परीक्षणित किया जाना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करता है कि लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली और टिकाऊ तकनीक प्राप्त हो।
निविदा प्रक्रिया की प्रमुख तिथियां
इस योजना में भाग लेने वाली एजेंसियों के लिए कुछ प्रमुख तिथियों और शर्तों को निर्धारित किया गया है। निविदा शुल्क ₹11,800 (जीएसटी सहित) रखा गया है। इच्छुक एजेंसियों को 23 अप्रैल, 2025, शाम 6:00 बजे तक अपनी बोली जमा करनी होगी। तकनीकी बोलियों का उद्घाटन 24 अप्रैल, 2025, सुबह 11:30 बजे किया जाएगा। साथ ही, प्रदर्शन सुरक्षा राशि कार्य आदेश मूल्य का 5% जमा करना होगा। यह सभी उपाय यह सुनिश्चित करते हैं कि केवल गंभीर और योग्य एजेंसियां ही इस योजना में भाग लें।
सेवा केंद्र और शिकायत समाधान प्रणाली
योजना की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए UPNEDA ने बोलीदाताओं को यह अनिवार्य किया है कि वे प्रत्येक कार्य क्षेत्र में सेवा केंद्र स्थापित करें। इन सेवा केंद्रों की जिम्मेदारी होगी कि उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान 72 घंटों के भीतर किया जाए। यह व्यवस्था विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभकारी साबित होगी, जहां अब तक बिजली संबंधित समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हो पाता था।
ग्रामीण इलाकों में बिजली पहुंचाने की दिशा में बड़ा प्रयास
यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार के उस विजन को मजबूत करती है, जिसमें वह हर घर तक बिजली पहुंचाना चाहती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अब तक बिजली नहीं पहुंच सकी है। इसके साथ ही, योजना Renewable Energy को बढ़ावा देकर पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता को कम करेगी। इससे न केवल पर्यावरणीय लाभ होंगे, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी ग्रामीण परिवारों को फायदा होगा क्योंकि उनकी बिजली पर होने वाली खर्च में कमी आएगी।
आत्मनिर्भर भारत और पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बल
यह योजना आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को भी सशक्त करती है। जब ग्रामीण परिवार अपनी बिजली आवश्यकताओं को सौर ऊर्जा से पूरा करेंगे, तो यह पारंपरिक बिजली के दबाव को कम करेगा और साथ ही ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भी कमी लाएगा। साथ ही, स्थानीय सेवा केंद्रों के संचालन में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।